- मेडिकल कॉलेज की इंस्टीट्यूशनल एथिक्स कमेटी (आईईसी) को मिली मान्यता

- मान्यता मिलने के बाद अब स्टूडेंट्स कर सकेंगे रिसर्च वर्क

DEHRADUN: स्वास्थ्य और चिकित्सा के क्षेत्र में अब दून मेडिकल कॉलेज में भी नई-नई रिसर्च हो सकेंगी। केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने मेडिकल कॉलेज की इंस्टीट्यूशनल एथिक्स कमेटी (आईईसी) को मान्यता दे दी है। मेडिकल कॉलेज के प्रिसिंपल डॉ। प्रदीप भारती गुप्ता ने बताया कि मेडिकल कॉलेज के आईईसी को मान्यता मिलना बड़ी उपलब्धि है। कमेटी को मान्यता मिलने के बाद अब कॉलेज फैकल्टी और स्टूडेंट्स उच्च स्तर के शोध कार्य कर सकेंगे।

क्या है आईईसी

इंस्टीटयूशनल एथिक्स कमेटी यानी आईईसी मेडिकल कॉलेजेज में गठित की जाने वाली एक उच्च स्तरीय कमेटी होती है। इस कमेटी में एक अध्यक्ष और अन्य सदस्य होते हैं। आईईसी की देखरेख में ही मेडिकल कॉलेजों में शोध कार्य होते हैं। कमेटी को केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से मान्यता दी जाती है, इस मान्यता के बाद ही किसी भी मेडिकल कॉलेज में किये जाने वाले शोध कार्य स्वीकार्य और मान्य होते हैं। दून मेडिकल कॉलेज की आईईसी के अध्यक्ष प्रो। डॉ। संजीव किशोर और सदस्य सचिव डॉ। भोलानाथ बनाये गये हैं।

दूसरे वर्ष में मान्यता मिली

राजकीय दून मेडिकल कॉलेज की आईईसी को अपनी स्थापना की दूसरे वर्ष में ही मान्यता मिल गई। आमतौर पर कमेटी को मान्यता मिलने में काफी समय लग जाता है। शुरुआती वर्षो में ही कमेटी को मान्यता मिला जाना एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है।