- समर्थन में 'आरक्षण बचाओ पैदल मार्च' तो विरोध में आयोजित की गई 'चेतावनी दौड़'

- आरक्षण विरोधियों ने सांसदों को दी चेतावनी, आदेश वापस कराएं या इस्तीफा दें

प्रमोशन में आरक्षण के खिलाफ 'सर्वजन हिताय संरक्षण समिति' ने रविवार को चेतावनी दौड़ आयोजित कर प्रमोशन में आरक्षण देने के केंद्र सरकार के आदेश को लेकर विरोध जताया। इसमें बड़ी संख्या में कर्मचारी और अधिकारी शामिल हुए। दौड़ का नेतृत्व इंडियन एयरफोर्स के रिटायर्ड एयरमार्शल 80 वर्षीय आरके दीक्षित ने किया।

घोषणापत्र में नहीं किया था जिक्र

'सर्वजन हिताय संरक्षण समिति' के आह्वान पर रविवार को राजधानी के 1090 चौराहे से राजीव चौक तक विरोधियों ने दौड़ लगाई। इसमें बड़ी संख्या में कर्मचारी, अधिकारी, शिक्षक, अधिवक्ता, छात्र, बुद्धिजीवी और आम नागरिक सम्मिलित हुए। इससे पहले लोगों ने शपथ ली कि प्रमोशन में आरक्षण का हर स्तर पर प्रबल विरोध किया जायेगा। जनप्रतिनिधियों को ज्ञापन देकर मांग की जाएगी कि वे या तो केंद्र सरकार से पदोन्नति में आरक्षण का आदेश वापस करायें अन्यथा त्याग पत्र दें। समिति के अध्यक्ष शैलेंद्र दुबे ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने लोकसभा और विधानसभा चुनाव के पहले जारी घोषणा पत्र में यह उल्लेख नहीं किया था कि पदोन्नति में आरक्षण दिया जायेगा। घोषणा पत्र से इतर जाकर यह आदेश जारी करना जनता से विश्वासघात है। पदाधिकारियों ने कहा कि प्रमोशन में आरक्षण देने हेतु केंद्र सरकार चार बार संविधान संशोधन कर चुकी है। पांचवीं बार संविधान संशोधन नहीं होने दिया जायेगा। चेतावनी दौड़ का नेतृत्व एयर मार्शल आरके दीक्षित के अलावा शैलेंद्र दुबे, एए फारूकी, एचएन पाण्डेय, राजीव सिंह, एसएस निरंजन, राम प्रकाश, राम राज दुबे, कमलेश मिश्र, रीना त्रिपाठी, प्रेमा जोशी, अजय तिवारी, राजीव श्रीवास्तव, वाईएन उपाध्याय, राजेश अवस्थी, ओंमकार नाथ तिवारी, शिव गोपाल सिंह, एके मिश्रा, बीबी सिंह, नौशाद अहमद आदि ने किया।

समर्थकों ने किया पैदल मार्च

प्रमोशन में आरक्षण के समर्थकों ने रविवार को 'आरक्षण बचाओ पैदल मार्च' किया। इसमें बड़ी संख्या में आरक्षण समर्थक कर्मचारी-अधिकारी शामिल हुए। मार्च को सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति खेमकरन ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। समर्थकों ने 17 जून को स्वाभिमान दिवस मनाने का एलान किया है।

दिल्ली में डालेंगे डेरा

'आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति' के तत्वाधान में आयोजित पैदल मार्च डॉ। भीमराव अम्बेडकर स्मारक गोमती नगर से सुबह छह बजे प्रारंभ हुआ। मार्च में आरक्षण के लिए नारे लग रहे थे। इससे पहले वक्ताओं ने कहा कि प्रदेश में यदि फिर से आरक्षण अधिनियम न लाया गया तो राज्य सरकार का प्रबल विरोध किया जाएगा। यह भी चेतावनी दी कि जल्द ही इसके लिए प्रदेश में विशाल रैली आयोजित की जाएगी। पिछड़े वर्गो के लिए प्रमोशन में आरक्षण की वर्ष 1978 में लागू व्यवस्था पुन: बहाल करने की मांग भी इस दौरान की गई। आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति के संयोजक अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि यदि प्रदेश की सरकार दलित कार्मिकों की हितैषी है तो 24 घंटे के अंदर आरक्षण अधिनियम 1994 की धारा-3(7) को 15-11-1997 से बहाल कराये। उन्होंने बताया कि 17 जून,1995 को प्रमोशन में आरक्षण का 77वां संशोधन लागू हुआ था, इसलिए इस दिन को स्वाभिमान दिवस के रूप में मनाया जाएगा। चेतावनी दी गई कि यदि प्रदेश सरकार ने प्रमोशन में आरक्षण लाभ न दिया तो एक साझा मंच बनाकर सभी राज्यों के दलित कार्मिक दिल्ली में डेरा डालेंगे। पैदल मार्च का नेतृत्व आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति के संयोजकों अवधेश कुमार वर्मा, केबी राम, डॉ। रामशब्द जैसवारा, आरपी केन, अनिल कुमार, अजय कुमार, श्याम लाल, अंजनी कुमार, रीना रजक, पीएम प्रभाकर आदि ने किया।