RANCHI : कचहरी रोड स्थित गोपाल कॉम्प्लेक्स में लगी आग के बाद सरकारी बिल्डिंगों को सुरक्षित रखने के लिये राज्य सरकार ने कसरत तेज कर दी है। जल्द ही राजधानी की विभिन्न सरकारी इमारतों के लिए विस्तृत कार्ययोजना तैयार की जायेगी ताकि इन भवनों में फायर फाइटिंग सिस्टम को और ज्यादा दुरूस्त व कारगर बनाया जा सके।

एनबीसी के मानदंड होंगे फॉलो

प्रेजग्यूइड नेशनल बिल्डिंग कोड -2005 के भाग 4 में आग और जीवन सुरक्षा के बारे में जिक्र है। इसी आधार पर सरकारी इमारतों में भवन निर्माण विभाग, अग्निशमन विभाग के माध्यम से गृह विभाग से प्राप्त रिपोर्ट के आधार पर फायर फाइटिंग सिस्टम को दुरूस्त करने की योजना पर काम कर रहा है। इसके लिए विभाग की ओर से प्रत्येक इमारत में रिजर्व वाटर टैंक भी बनाने का प्रस्ताव है, ताकि विषम परिस्थिति में उक्त पानी का उपयोग आग बुझाने के लिए किया जा सके।

फायर फाइटिंग सिस्टम के लिए ये है जरूरी

- अलार्म सिस्टम

-स्वचालित अग्नि पहचान यंत्र

-आग बुझाने वाले उपकरण

-रिजर्व वाटर टैंकर

-बिजली तारों को सुव्यवस्थित करना।

-लिफ्ट मे बिजली से जुड़े उपकरणों और तारों का मेंटनेंस

बहाल होंगे एन्वायरमेंटल एक्सप‌र्ट्स

राज्य के शहरों में प्रदूषण को कम करने व प्रदूषण नियंत्रण के नियमों की धज्जियां उड़ाने वालों पर नजर रखने के लिए एनवायरमेंटल एक्सपर्ट बहाल किए जाएंगे। झारखंड स्टेट पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड द्वारा एन्वायरमेंटल एक्सपर्ट बहाल करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। पॉल्युशन कंट्रोल बोर्ड के मेम्बर सेक्रेट्री राजीव लोचन बख्सी ने बताया कि 15 एक्सपर्ट बहाल होंगे जो प्रदूषण कंट्रोल करने पर नजर रखेंगे। वे बोर्ड की ओर से प्रदूषण कम करने के लिए जो भी कार्य किए जाएंगे उसको पूरा करेंगे।