प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज 46वें भारतीय श्रमिक सम्मेलन का उद्घाटन किया। सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि श्रमिक अपने और अपने परिवार के सपनों की आहूति देता है तब जाकर अन्य लोगों के सपने पूरे होते हैं। उन्होंने श्रमिक और मालिक के बीच संबंधों को मजबूत बनाने और श्रमिकों की इज्जत करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि जब तक मालिक श्रमिक को अपने परिवार का हिस्सा मानकर काम नहीं करेगा तब तक यह संभव नहीं हो सकेगा।

पीएम ने कहा कि देश में कई औद्योगिक संगठन हैं जहां पर न तो कभी कोई हड़ताल हुई है और न ही कभी श्रमिकों की तरफ से कोई मांग खड़ी हुई हैं। इसकी वजह मालिक और श्रमिकों के बीच मधुर संबंधों का होना है। उन्होंने कहा कि देश के निर्माण में श्रमिकों का योगदान बेहद महत्वपूर्ण है। पीएम ने कहा कि इसके लिए सभी को काम करना होगा। जहां जरूरत होगी वहां पर कानून में भी बदलाव किया जाएगा।

इससे पहले उन्होंने कल श्रमिक संगठनों से बैठक की थी। लेकिन इस बैठक में श्रम सुधार के प्रस्तावों पर कोई हल नहीं निकलने के बाद सरकार और श्रमिक संगठनों के बीच मतभेद बरकरार हैं। इसके बाद श्रमिक संगठनों ने अपनी मांगों के समर्थन में दो सितम्बर को होने वाली राष्ट्रव्यापी हड़ताल को जारी रखने का फैसला किया है। प्रधानमंत्री द्वारा यूनियन नेताओं के साथ चाय पर हुई मुलाकात में जेटली, श्रम मंत्री बंडारू दत्तात्रेय, पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, बिजली मंत्री पीयूष गोयल व प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह भी शामिल थे। आल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस (एटक) के महासचिव गुरुदास दाससगुप्ता ने कहा कि सभी यूनियन विनिवेश कार्यक्रम और श्रम कानूनों में बदलाव का विरोध करेंगी, क्योंकि इससे श्रमिकों के हित प्रभावित होंगे।

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