-राज्य चुनाव आयोग ने जिला प्रशासन के सिर फोड़ा लेटर बम
-मांगी जानकारी, आखिर क्यों नहीं है उनका वोटर लिस्ट में नाम जिसके पास है वोटर कार्ड
-जिला प्रशासन ने तहसील से मांगा है स्पष्टीकरण, मुख्य चुनाव अधिकारी का आया पत्र
आई एक्सक्लूसिव
अखिल कुमार
मेरठ: विधानसभा चुनाव की फाइलें प्रशासन सहेज ही रहा था कि राज्य निर्वाचन आयोग ने जिला प्रशासन के सिर लेटर बम फोड़ दिया। मेरठ पहुंचे मुख्य निर्वाचन अधिकारी के लेटर ने आला अफसरों को बेचैन कर दिया है। आयोग ने जबाव-तलब किया है, बताओ! वोटर आईडी रखने वाले वोटर्स का नाम वोटर लिस्ट में क्यों नहीं था?
शिकायत को लिया संज्ञान
मेरठ समेत सूबे के विभिन्न हिस्सों में विधानसभा चुनाव के दौरान वोटर लिस्ट में गड़बड़ी की शिकायत मिली थी। वोटर्स का आरोप था कि जानबूझकर उनका नाम वोटर लिस्ट से काट दिया गया। आरोपों से जनपद मुख्यालय घिरे तो भारत निर्वाचन आयोग में राज्य निर्वाचन आयोग की जमकर किरकिरी हुई। लगातार आ रही शिकायतों को संज्ञान में लेते हुए चुनाव समाप्ति के बाद राज्य निर्वाचन आयोग ने 'लापता वोट' पर आला अफसरों के पेंच कसे हैं।
बताओ, क्यों नहीं है नाम
मुख्य निर्वाचन अधिकारी टी। वेंकटेश ने डीएम को लिखे पत्र में पूछा है कि बताओ, वोटर लिस्ट से वोटर्स के नाम कैसे गायब हुए हैं? मेरठ में कई ऐसे वोटर्स थे जिनके पास वोटर कार्ड तो था किंतु वोटर लिस्ट में उनका नाम नहीं था। इस स्थिति में सरासर लापरवाही जिला प्रशासन की उजागर हो रही है। आयोग ने माना कि जो व्यक्ति वोटर कार्ड लेकर पोलिंग बूथ तक गया है वो पात्र है और महज लापरवाही के चलते वो अपने सबसे बड़े अधिकार से वंचित रह गया है।
तहसीलों से मांगा डेटा
सीईओ का लेटर मिलते ही जिला प्रशासन में खलबली मच गई। आनन-फानन में निर्वाचन विभाग सभी तहसीलों से ऐसे वोटर्स का डाटा मंगवा रहा है जिनके पास वोटर कार्ड तो है किंतु उनका नाम वोटर लिस्ट में नहीं है। बता दें कि विधानसभा चुनाव के मद्देनजर निर्वाचन विभाग ने 12 जनवरी को मतदाताओं का अंतिम विवरण प्रकाशित किया था। इसमें जिला प्रशासन ने उन वोटर्स का भी जिक्र किया था जिसके नाम वोटर लिस्ट में बढ़ाए या घटाए गए थे। बूथ लेवल ऑफीसर की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं।
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एक नजर
2426391-15 सितंबर 2016 तक मेरठ में कुल मतदाता।
100552-मतदाताओं नए वोट जोड़े गए।
80593-मतदाताओं के वोट काटे गए।
2446350-12 जनवरी 2017 को प्रकाशित फाइनल वोटर लिस्ट में कुल मतदाता।
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राज्य निर्वाचन आयोग के निर्देशों के संज्ञान में तहसीलों से ऐसे वोटर्स की जानकारी हासिल की जा रही है, जिनके नाम लिस्ट में नहीं थे। संबंधित की जिम्मेदारी निर्धारित थी, ऐसे में गड़बड़ी की जांच की जाएगी।
दिनेश चंद्र, एडीएम प्रशासन