-आबकारी विभाग का अभियान धड़ाम, एक भी नहीं पकड़ में आया अवैध शराब तस्कर

-कई बदनाम बस्तियों में तैयार हो हुई खुफिया दारू की बड़ी खेप

VARANASI

रंगों के त्योहार होली पर हादसे का डर है। जानलेवा खुफिया दारू की बड़ी खेप तैयार है। यह जहरीली भी हो सकती है। अवैध शराब के सौदागर इसे लोगों के हलक तक पहुंचाएंगे। काली कमाई के चक्कर में उनकी जान जोखिम में डालेंगे। यह हम नहीं बल्कि इंटेलिजेंस कह रही है। इस सूचना को आबकारी विभाग नजरअंदाज कर रहा है। अवैध शराब के खिलाफ छापेमारी तो कर रहा है लेकिन महज औपचारिकता के तौर पर। आबकारी विभाग कई दिनों से अवैध शराब के खिलाफ अभियान चला रहा है लेकिन उसके हत्थे एक भी शराब तस्कर नहीं चढ़ पाया है।

पहले ही कर ली तैयारी

खुफिया विभाग ने चेतावनी दी है कि इस होली में सोयेपुर और कपसेठी जैसा जहरीली शराब कांड हो सकता है। अवैध शराब बनाने के लिए बदनाम बस्तियों बड़ी खेप तैयार की जा चुकी है। होली के मद्देनजर इसमें से काफी दारू मार्केट में उतार दी गयी है और बहुत सी उतारी जानी है। अवैध शराब तस्करों ने होली के मद्देनजर काफी पहले से ही खुफिया दारू तैयार करना शुरू कर दिया था। कुख्यात शिवपुर थाना एरिया का कानूनडीह, बड़ागांव थाना के ठीक सामने कंजड बस्ती हो या फिर चौबेपुर थाना एरिया की मलिन बस्ती में भट्ठियां एक महीने पहले से धधक रही हैं। लहन भी काफी पहले तैयार कर लिया गया था। हर रात भट्ठियां धधकती हैं और कच्ची दारू उतारी जाती हैं।

बिहार तक हुई सप्लाई

बदनाम बस्तियों में तैयार अवैध शराब को तस्करों ने अपने गुर्गो के जरिए शहर के कई इलाकों तक पहुंचा दिया है। यहीं नहीं बिहार तक अवैध शराब की सप्लाई हो रही है। शराबबंदी की वजह से बिहार में मुंहमांगी कीमत में शराब बिक रही है। तस्करी के जरिए शराब सीमा पार पहुंच रही है। जानकारी होने के बावजूद आबकारी विभाग इस पर लगाम नहीं लगा पा रहा है।

काली कमाई कर रहा गठजोड़

रूरल एरिया में देसी शराब की भट्ठी लहक रही है लेकिन वहां तक आबकारी विभाग की टीम नहीं पहुंच रही है। कुछ जगहों पर छापेमारी होती तो है लेकिन सिर्फ दिखावे की। कई बार तो विभाग के ही लोग ही छापेमारी की मुखबिरी कर देते हैं। आबकारी और अवैध शराब कारोबारी का गठजोड़ है कि अवैध शराब की बिक्री बंद नहीं हो पा रही। बदले में सबकी जेब भर रही है।

नहीं पड़ रही नजर

माडल शॉप को छोड़कर किसी दुकान को परमीशन नहीं है कि दुकान में बिठाकर शराब परोसी जाए। इस समय अधिकतर दुकानों के अंदर शराब परोसी जा रही है। आबकारी अधिकारियों की नजर तो है लेकिन कुछ कार्रवाई नहीं कर पा रहे। कच्ची या खुफिया के नाम से देसी शराब बिक रहा है। रूरल एरिया के अधिकतर ईट भट्ठों पर दारू की भट्ठी दहक रही है। खुद आबकारी विभाग मानता है कि अवैध तरीके से बिकने वाले शराब जहरीले हो सकती है जो सेहत के लिए खतरनाक है।

इनके पास बहाना है

अवैध शराब के खिलाफ कागज पर ही आबकारी विभाग का अभियान चल रहा। छापेमारी की बात होती है तो विभाग वाहन की कमी बताता है। सवाल उठाता है कि बिन गाड़ी का अभियान कैसे चलाया जाए। हालांकि सहायक आयुक्त आबकारी का कहना है कि अपने-अपने गाड़ी से आबकारी अधिकारी, इंस्पेक्टर चेकिंग अभियान कर रहे है।

चेकिंग अभियान के तहत लगातार छापेमारी हो रही है। जहां से सूचनाएं मिल रही है टीम पहुंचकर जांच कर रही। बड़ागांव सहित अन्य एरिया में चेकिंग के तहत धर-पकड़ हुई है।

करूणेंद्र सिंह, सहायक आयुक्त आबकारी

एक नजर

308

हैं देशी शराब की दुकानें

167

हैं अंग्रेजी शराब की दुकानें

145

हैं बीयर की दुकानें

50

से अधिक स्थानों पर बिक रही अवैध शराब

50

हजार लीटर से अधिक शराब की खपत हो जाएगी होली में

50

हजार लीटर अवैध शराब के बिहार तस्करी होने की आशंका