पीसीएस मेंस 2017 और प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक भर्ती की लिखित परीक्षा को लेकर आयोग नहीं दे रहा कोई जवाब

ALLAHABAD: 17 मई से पीसीएस मेंस 2017 की परीक्षा प्रस्तावित है। लेकिन यह परीक्षा नियत समय पर होगी या नहीं होगी। इसको लेकर पूरे प्रदेश में भ्रम की स्थिति बनी हुयी है। सोशल नेटवर्किंग से लेकर प्रत्येक माध्यमों के जरिए छात्र सवाल उठा रहे हैं कि आखिर आयोग परीक्षार्थियों के साथ ऐसा मजाक क्यों कर रहा है? कुछ ऐसा ही हाल प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक भर्ती की लिखित परीक्षा को लेकर भी है।

19 दिन बाद भी जवाब का इंतजार

गौरतलब है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बीते 30 मार्च को पीसीएस प्री 2017 में पूछे गए सवालों के उत्तरों को बदलने का आदेश दिया है। तब से अब तक 19 दिन बीत चुके हैं। लेकिन यह तय नहीं हो पाया है कि उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग प्री परीक्षा के रिजल्ट को संशोधित करेगा या नहीं। इससे पूर्व में प्री परीक्षा में सफल अभ्यर्थी मेंस को लेकर परेशान हैं तो हाईकोर्ट के आदेश के बाद सफल होने की बॉर्डर लाइन पर खड़े अभ्यर्थी भी ऐसी ही परेशानी महसूस कर रहे हैं। इनके लिए तो मेंस की तैयारी और भी मुश्किल काम है।

इनके रिजल्ट पर सस्पेंस

आरओ-एआरओ 2016

पीसीएस मेंस 2016

एई-जेई 2013

इन परीक्षाओं पर ऊहापोह

सहायक अध्यापक (प्रशिक्षित स्नातक श्रेणी) पुरुष संवर्ग एवं सहायक अध्यापिका (प्रशिक्षित स्नातक श्रेणी) महिला संवर्ग परीक्षा 2018- 06 मई

पीसीएस मेंस 2017- 17 मई से

ये परीक्षाएं हो चुकी हैं स्थगित

अपर निजी सचिव कम्प्यूटर ज्ञान परीक्षा 2013- 11 फरवरी को नहीं हो सकी

सम्भागीय निरीक्षक परीक्षा 2018- 15 अप्रैल को नहीं हो सकी

इनके विज्ञापन पर भी संशय

पीसीएस जे 2018- 13 मई

अपर निजी सचिव परीक्षा- 2018- 10 जून

पीसीएस प्री परीक्षा 2018- 24 जून

इस साल अब तक हुई दो परीक्षाएं

सहायक सांख्यिकीय अधिकारी स्क्रीनिंग परीक्षा 2014- 11 मार्च

समीक्षा अधिकारी एवं सहायक समीक्षा अधिकारी प्रारम्भिक परीक्षा 2017- 08 अप्रैल

आयोग ने मजाक बनाकर रख दिया है। पीसीएस जैसी परीक्षा की स्थिति स्पष्ट नहीं की जा रही। इससे ज्यादा हास्यास्पद और क्या हो सकता है?

राहुल

मेंस परीक्षा की स्थिति स्पष्ट न होने से इसकी तैयारी करने वालों को बहुत ज्यादा परेशान होना पड़ रहा है। किसी बड़ी परीक्षा की तैयारी के लिए एकाग्रता जरुरी चीज है।

सौरभ दुबे

आयोग ने कई महत्वपूर्ण परीक्षाओं के परिणाम रोक रखे हैं। आने वाली परीक्षाएं होंगी या नहीं होंगी। इसका पता नहीं चल रहा। भविष्य में आने वाले विज्ञापनो की भी कोई जानकारी नहीं मिल रही।

आफताब

सोचिए पीसीएस जैसी परीक्षा को लेकर आयोग गंभीर नहीं है। सरकार लगातार लाखों नौकरी देने का दावा कर रही है। लेकिन दावों की हकीकत भी तो दिखनी चाहिये।

शिवम अस्थाना