क्या गंभीर है पाकिस्तान

पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर ने एक बार फिर पाकिस्तान से बातचीत शुरु किए जाने के मुद्दे पर कहा कि केंद्र सरकार को बातचीत का नया दौर शुरु करने से पहले अच्छी तरह से जांच पड़ताल कर लेनी चाहिए कि पाक सरकार इसे लेकर गंभीर भी है या नहीं। अगर वह आतंकवाद के मुद्दे पर सपोर्ट नहीं करते हैं तो हर तरह की बातचीत बेकार है। ऐसे में सिर्फ संबंध खराब ही होंगे। इससे पहले भी बातचीत की कोशिशें की गईं लेकिन उनमें गंभीरता की कमी की वजह से हर बार रिश्ते खराब होते हैं। उन्होंने कहा कि पीएम वाजपेयी की लाहौर यात्रा के बाद करगिल युद्ध की साजिश रची गई, आगरा बातचीत के बाद आतंकी गतिविधियों को अंजाम दिया गया था और अब वहां मुंबई हमलों के साजिशकर्ता लखवी को आजाद किया जा रहा है।

योग दिवस का श्रेय पीएम मोदी को

शशि थरूर ने कहा कि इस बात में दो राय नहीं हैं कि विश्व योग दिवस के सफल आयोजन में पीएम मोदी का योगदान है। लेकिन ऐसा नहीं है कि यह सब अभी ही शुरु हुआ है। यह पहले भी होता रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार से जुड़े संगठन के लोग ऊलजुलूल बातें कर रहे हैं। इससे सरकार को नुकसान हो रहा है।

ललितगेट की जांच जरुरी

ललितगेट मुद्दे पर शशि थरूर ने कहा कि हमारी सरकार के दौरान घोटाले में नाम आते ही इस्तीफे हो जाया करते थे लेकिन यहां पर अब तक कोई बड़ी कार्रवाई ही नहीं हुई। हालांकि इस्तीफे से ज्यादा जरूरी है कि इस मामले की तफ्तीश से जांच की जाए। मामले की जांच होना ज्यादा जरुरी है।

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