मई में बढ़ी मंहगाई दर

अगर खुदरा मंहगाई दर के आंकड़ो पर नजर डालें तो पता चलता है कि सरकार के वादों के विपरीत महंगाई हर महीने बढ़ती जा रही है। मई में रिटेल महंगाई दर पिछले महीने 4.87 फीसदी से बढ़कर 5.01 फीसदी पर पहुंच गई है। हालांकि खाने पीने की चीजों में कमी देखी गई। इन चीजों के दाम 4.8 फीसदी बढ़े, जबकि अप्रैल में ये चीजें 5.11 फीसदी महंगी हुई थीं। पिछले माह ग्रामीण इलाकों में महंगाई दर 5.52 फीसदी रही, जो अप्रैल में 5.29 फीसदी थी। मई के दौरान शहरी इलाकों में महंगाई दर 4.41 फीसदी हो गई, जो अप्रैल में 4.36 फीसदी थी।

कम बढ़े सब्जियों के दाम

मई में सब्जियों की महंगाई दर 4.64 फीसदी रह गई, जो अप्रैल में 6.63 फीसदी थी। पिछले माह कपड़ों और जूते-चप्पल के दाम 6.12 फीसदी बढ़े, जबकि अप्रैल के दौरान इनकी कीमतों में 6.15 फीसदी इजाफा हुआ था। मई में ईंधन और बिजली 5.96 फीसदी महंगे हुए। अप्रैल में इनकी महंगाई दर 5.6 फीसदी रही थी।

औद्योगिक उत्पादन 4.1 फीसदी बढ़ा

अप्रैल में आईआईपी आकड़े बेहतर रहे। इस दौरान औद्योगिक उत्पादन 4.1 फीसदी बढ़ा, जबकि मार्च में आईआईपी ग्रोथ रेट 2.5 फीसदी रही थी। असल में मार्च की आईआईपी ग्रोथ 2.1 फीसदी से संशोधित होकर 2.5 फीसदी हो गई थी। माह-दर-माह आधार पर अप्रैल में मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर की ग्रोथ रेट 2.2 फीसदी से बढ़कर 5.1 फीसदी हो गई। इस दौरान माइनिंग सेक्टर की ग्रोथ रेट 0.6 फीसदी रही, जो मार्च में 0.9 फीसदी थी। अप्रैल में इलेक्ट्रिसिटी सेक्टर की ग्रोथ रेट -0.5 फीसदी रही, अप्रैल में इस सेक्टर की ग्रोथ रेट 2 फीसदी रही थी। लेकिन, बेसिक गुड्स की ग्रोथ रेट 2.3 फीसदी से बढ़कर 2.8 फीसदी हो गई।

कैपिटल गुड्स की ग्रोथ रेट 11 फीसदी

अप्रैल में कैपिटल गुड्स सेक्टर की ग्रोथ बढ़कर 11.1 फीसदी हो गई, मार्च में 7.6 फीसदी थी। कंज्यूमर गुड्स की ग्रोथ रेट भी -0.7 फीसदी से बढ़कर 3.1 फीसदी हो गई। अप्रैल में इंटरमीडिएट गुड्स की ग्रोथ रेट 3.3 फीसदी हो गई, जबकि जबकि मार्च में इसकी ग्रोथ रेट 1.9 फीसदी रही थी। कंज्यूमर ड्यूरेबल्स की ग्रोथ -4.7 फीसदी के मुकाबले 1.3 फीसदी हो गई।

साभार: दैनिक जागरण

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