जीएसटी के नाम पर हो रही लूट रोकने के लिए विभाग हुआ सक्रिय

allahabad@inext.co.in ALLAHABAD: जीएसटी लागू होने के बाद कंपनियां और दुकानदार अगर घटी हुई कीमतों का फायदा ग्राहकों तक नहीं पहुंचाते हैं या एमआरपी पर जीएसटी वसूल करते हैं तो ऐसे दुकानदार कस्टमर की कम्प्लेन पर जेल जा सकते हैं। साथ ही उन्हें एक लाख रुपये तक का जुर्माना भी भरना पड़ सकता है। टेबल सर्विस वाले प्रोडक्ट को छोड़ दिया जाए तो सभी प्रोडक्ट की एमआरपी में जीएसटी शामिल है। दुकानदार भी कनफ्यूज जीएसटी लागू होने के बाद नियम-कानून में इस कदर फेरबदल हुआ है कि कस्टमर्स के साथ ही व्यापारी भी कंफ्यूजन में हैं। इसका फायदा कुछ दुकानदार उठा रहे हैं।

दुकानदार पर लगेगा जुर्माना

प्रोडक्ट की एमआरपी पर भी जीएसटी वसूल रहे हैं। जिन प्रोडक्ट का जीएसटी स्लैब कम हुआ है, उस प्रोडक्ट को भी पुरानी एमआरपी पर ही बेचा जा रहा है। इस तरह की कई शिकायत सेल टैक्स डिपार्टमेंट में पहुंच चुकी है। लगाना था नया स्टीकर गवर्नमेंट ने व्यापारियों को जीएसटी लागू होने से पहले का पुराना माल बेचने के लिए दिसंबर तक का समय दिया है। इसके लिए जरूरी है कि सभी सामान पर बढ़ी या घटी हुई कीमत नए स्टीकर के साथ लगाई जाए ताकि ग्राहकों को साफ-साफ पता चल सके कि किस चीज की कीमत जीएसटी के बाद कितनी बढ़ी या घटी है। जुर्माना के साथ हो सकती है जेल अगर कोई व्यापारी एमआरपी पर जीएसटी वसूलता है या जीएसटी स्लैब कम होने के बाद भी पुरानी एमआरपी पर सामान बेचता है तो पहली बार उसे 25,000 रुपए का जुर्माना, दूसरी बार 50,000, और तीसरी बार एक लाख रुपए तक का जुर्माना हो सकता है। इसके साथ ही एक साल की जेल भी हो सकती है।

यहां कर सकते हैं शिकायत

जीएसटी के बारे में लोगों की शिकायतों के लिए उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने खासतौर पर हेल्पलाइन शुरू की है। इसका नंबर 14404 है। हेल्प लाइन नंबर पर कॉल कर या फिर जीएसटी पोर्टल पर कम्प्लेन की जा सकती है। एमआरपी के नाम पर खुलेआम मुनाफाखोरी चल रही है। इस पर गवर्नमेंट कंट्रोल नहीं कर पा रही है। कुछ दुकानदार कस्टमर से एमआरपी पर जीएसटी ले रहे हैं। दूसरी तरफ प्रोडक्ट सेल रेट और एमआरपी में 40 से 50 परसेंट का डिफरेंस किया जा रहा है, जो पूरी तरह से गलत है। संतोष पनामा उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार कल्याण समिति जीएसटी लागू होने के बाद शुरुआत में इस तरह की कई कम्प्लेन आई थी। लेकिन, अब भी कुछ व्यापारी ऐसा कर रहे हैं, तो यह पूरी तरह से गलत है। एमआरपी पर जीएसटी वसूलने का कोई हक ही नहीं है। महेंद्र गोयल प्रदेश अध्यक्ष कैट किसी भी प्रोडक्ट की एमआरपी में जीएसटी इनक्लूड है। ये एक्ट में प्राविधान है। प्रोडक्ट की एमआरपी में डीलर का कमिशन, सभी टैक्स आदि शामिल रहते हैं। कोई व्यापारी एमआरपी पर जीएसटी लेता है तो कस्टमर लोकल सेल टैक्स ऑफिसर या जीएसटी पोर्टल पर प्रूफ के साथ कंप्लेन कर सकता है। रिशी राज कपूर एडवोकेट हाईकोर्ट एमआरपी के नाम पर कस्टमर को बेवकूफ बनाने का हक किसी को नहीं है। चाहे कोई कंपनी हो या डीलर और दुकानदार। किसी प्रोडक्ट की एमआरपी पर जीएसटी वसूलना पूरी तरह से गलत है। टैक्स स्लैब रिवाइज होने के बाद जिन कंपनियों और डीलरों ने प्रोडक्ट की एमआरपी कम नहीं की है, उनके खिलाफ भी कार्रवाई हो सकती है। सुमित अग्रवाल सीए