6 साल से दीघा थाने के मालखाने का इंचार्ज है एक रिटायर दारोगा

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PATNA : साहब, दीघा थाने के मालखाने में कहीं चूहे शराब पी गए तो मेरी जिंदगी भर की कमाई चली जाएगी। वहां भी बड़े-बड़े चूहे हैं। जब से मालखानों में चूहों ने शराब पीना शुरू किया है तब से मुझे रात दिन इस बात का डर सताता रहता है। क्योंकि मैं 6 साल पहले रिटायर हो चुका हूं। तब से लेकर अभी तक मालखाने का प्रभार देने के लिए 600 चक्कर पुलिस थाने और एसपी ऑफिस के काट चुका हूं। लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही। साहब अब तो मालखाना मुझसे लेकर किसी और को दे दीजिए। यह फरियाद है एक दारोगा की। जिंदगी भर पुलिस में नौकरी करने वाले इस दारोगा की कहानी सुनकर आपको हंसी भी आएगी और रोना भी।

2012 में रिटायर हो गए थे गोपाल

दीघा थाने में मालखाने का प्रभार रिटायर दारोगा गोपाल सिंह के पास है। वे 2012 में रिटायर हो गए थे। दारोगा हर महीने चार्ज देने के लिए थाने का चक्कर लगाते हैं लेकिन कोई भी प्रभार लेने को तैयार ही नहीं है। कागजों में पिछले 6 साल से दीघा थाने के मालखाने का प्रभारी भी नहीं बदला। डीएसपी से लेकर एसपी तक शिकायत हो चुकी है लेकिन सुनवाई नहीं हुई।

चार्ज लेने में डरते हैं दारोगा

आखिर कोई मालखाने का चार्ज क्यों नहीं ले रहा है? जब इस सवाल का जवाब डीजे आई नेक्स्ट ने कुछ रिटायर मालखाना प्रभारियों से पूछा तो चौंकाने वाला मामला सामने आया। थानों के मालखाने में सामानों का सही रिकॉर्ड नहीं है। सामान भी अव्यवस्थित है। जब भी कोई नया प्रभारी आता है तो उसे मालखाने के सारे सामान की जिम्मेदारी लेनी होती है। ऐसे में अगर कोई सामान गायब हो जाता है तो उसे सीधे सस्पेंड कर दिया जाता है। इसलिए हमेशा दारोगा इस प्रभार को लेने से बचते हैं।

चार्ज नहीं लेने का ये भी कारण

कई बार दरोगा चार्ज तो ले लेते हैं लेकिन उन्हें समस्या उस समय होती है जब उनका ट्रांसफर हो जाता है। दरअसल पहले फिक्स समय पर ट्रांसफर होता था लेकिन अब कभी भी अचानक व्यवस्था के हिसाब से ट्रासंफर हो जाता है। जब मालखाना प्रभारी यहां से चले जाते हैं तो वहां से लौटकर बार-बार उन्हें चार्ज देने के लिए चक्कर लगाना पड़ता है और कोई चार्ज लेने को तैयार नहीं होता है।

कबाड़ हो गई गाडि़यां

दीघा थाने के मालखाने में रखे सामान देखरेख के अभाव में कबाड़ हो रहे है। गाडि़यां भी खराब हो गई हैं। यह भी एक कारण है कि जो भी नया मालखाना प्रभारी बनेगा अगर उसे कोर्ट में जब्त सामान देना पड़ा तो वह कहां से देगा।