अमरीकी सैनिकों की वापसी के बाद क्या अफ़ग़ानिस्तान की सेना तालिबान से मुक़ाबला कर सकती है इसको लेकर चर्चा जारी है। अमरीकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा है कि जुलाई महीने से अफ़ग़ानिस्तान में मौजूद अमरीकी सैनिकों की वापसी की शुरूआत हो जाएगी.

बुधवार की देर शाम व्हाइट हाउस से इसकी घोषणा करते हुए ओबामा ने कहा कि अगले साल सितंबर तक तैंतीस हज़ार सैनिकों की वापसी होगी। ओबामा के अनुसार अगले महीने यानि जुलाई से इसकी शूरूआत होगी और इस साल के अंत तक दस हज़ार अमरीकी सैनिक अपने घरों में होंगे.

ओबामा ने कहा कि अमरीकी सैनिकों की वापसी की घोषणा अफ़ग़ान युद्घ को समाप्त करने और अफ़ग़ानिस्तान की सुरक्षा की ज़िम्मेदारी अफ़ग़ान सेना के हाथों में सौंपने की प्रक्रिया की शुरूआत है.

इस समय एक लाख से ज़्यादा अमरीकी सैनिक अफ़ग़ानिस्तान में तैनात हैं और 2014 तक सभी सैनिकों की वापसी की योजना है जब अफ़ग़ान सेना देश की सुरक्षा के लिए तैयार हो जाएगी। ओबामा ने कहा कि वो सैनिकों की वापसी की घोषणा मज़बूत स्थिति में कर रहें हैं.

अल-क़ायदा

ओबामा का कहना था, ''सितंबर 2001 में हुए हमले से लेकर अब तक अल-क़ायदा इस समय सबसे ज़्यादा दबाव में है। हमलोगों ने अल-क़ायदा के आधे से ज़्यादा नेताओं को मार दिया है.''

अफ़ग़ानिस्तान के बारे में ओबामा ने कहा, ''अफ़ग़ानिस्तान में हम लोगों ने तालिबान को भारी क्षति पहुंचाई है और उनके कई गढ़ पर क़ब्ज़ा कर लिया है। हमारे प्रयासों के साथ-साथ हमारे सहयोगियों ने भी अपने अभियान को तेज़ कर दिया है जिससे अफ़ग़ानिस्तान के ज़्यादातर हिस्सों को स्थिर करने में काफ़ी मदद मिली.''

ओबामा ने कहा कि अफ़ग़ानिस्तान में कुछ मुश्किल घड़ी ज़रूर आएगी लेकिन बावजूद इसके कुछ दूरी पर शांति की किरण ज़रूर देखी जा सकती है और अफ़ग़ानिस्तान में इतने दिनों से जारी युद्घ का अंत होगा.

वाशिंगटन में बीबीसी संवाददाता पॉल एडम्स का कहना है कि समीक्षकों के अनुमान से ज़्यादा तेज़ गति से सैनिकों की घर वापसी की घोषणा की गई हैं.

अमरीकी अधिकारियों ने न्यूयॉर्क टाइम्स अख़बार को बताया कि अमरीकी सैन्य कमांडर जनरल डेविड पैट्रियस ने राष्ट्रपति ओबामा के फ़ैसले का समर्थन नहीं किया है। जनरल पैट्रियस ने सुझाव दिया था कि शुरूआत में बहुत थोड़े से सैनिकों को वापस बुलाया जाए और ज़्यादा से ज़्यादा सैनिकों को ज़्यादा से ज़्यादा समय के लिए वहीं रखा जाए.

अधिकारियों के मुताबिक़ रक्षा मंत्री रॉबर्ट गेट्स और विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन ने भी अपनी मर्ज़ी के ख़िलाफ़ सैनिकों की कटौती के फ़ैसले को स्वीकार किया है। अफ़ग़ानिस्तान में अमरीकी सैनिकों की संख्या, उनपर हो रहे ख़र्च और इस अभियान में अमरीकी सैनिकों के मारे जाने पर अमरीकी संसद में सवाल उठते रहें हैं.

ओबामा का बयान ऐसे समय में आया है जब कुछ ही दिन पहले अमरीकी रक्षा मंत्री रॉबर्ट गेट्स ने इस बात की पुष्टि कर दी थी कि अमरीका, अफ़ग़ानिस्तान में मौजूद तालिबान से बातचीत कर रहा है। यह पहली बार है जब अमरीका ने आधिकारिक तौर पर इसको स्वीकार किया है.

अफ़ग़ान सेना

इस बीच अफ़ग़ानिस्तान के रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि उनकी सेना तालिबान से लड़ने और देश को सुरक्षा मुहैया कराने की ज़िम्मेदारी लेने के लिए तैयार है.

रक्षा मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा है, ''हमलोग अफ़ग़ानिस्तान में मौजूद विदेशी सेना के प्रयासों और बलिदान की सराहना करते हैं लेकिन इसके साथ ही इतने लंबे युद्घ के बाद अपने घर वापस लौटने पर हम उनको बधाई देते हैं.''

रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, ''अफ़ग़ानिस्तान की सेना उनकी जगह लेने को तैयार है लेकिन उन्हें कुछ दिक़्क़तों का सामना करना पड़ेगा क्योंकि उनके पास अभी भी हथियार और दूसरे उपकरण नहीं हैं.''