यांगून (एएफपी)। म्यांमार की एक अदालत ने अंतरराष्ट्रीय न्यूज एजेंसी 'रॉयटर्स' के दो पत्रकारों को सात साल जेल की सजा सुनाई है। 32 वर्षीय वा लोन और 28 वर्षीय क्याव सो ओ को अदालत ने ऑफीशियल सीक्रेट एक्ट के तहत गोपनीय दस्तावेज हासिल करने के लिए दोषी ठहराया है। हालांकि, दोनों ने खुद को इस मामले में निर्दोष बताया है। बता दें कि दोनों पत्रकारों को पिछले साल म्यांमार के हिंसाग्रस्त रखाइन इलाके के एक गांव में दस रोहिंग्या मुसलमानों की हत्या की रिपोर्टिग के दौरान गिरफ्तार किया गया था।

कई मुस्लिम चले गए थे बांग्लादेश
कोर्ट में सुनवाई के दौरान पत्रकारों ने कहा था कि गिरफ्तारी से पहले दो पुलिस अधिकारियों ने ही उन्हें गोपनीय दस्तावेज दिए थे लेकिन इस मामले में पुलिस का कहना था कि दोनों को रंगे हाथ पकड़ने के लिए ऐसा जाल बिछाया गया था। म्यांमार में मौजूद ब्रिटिश राजदूत डैन चुग ने अदालत के इस फैसले पर निराशा जाहिर की है। बता दें कि संयुक्त राष्ट्र और यूरोपीय संघ के साथ अमेरिका, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया समेत कई देशों ने दोनों पत्रकारों की रिहाई की मांग की है। म्यांमार में पिछले साल अगस्त में हुई हिंसा के बाद सात लाख से ज्यादा रोहिंग्या मुस्लिमों ने देश छोड़कर बांग्लादेश में शरण ली थी।

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