ओवैसी ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत पर कसा था तंज

गौरतलब है कि आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने बीते दिनों एक सुझाव देते हुए कहा था कि नई पीढ़ी को भारत माता के सम्मान में नारे लगाना सिखाए जाने की जरूरत है। इस सुझाव की पष्ठभूमि में ओवैसी ने लातूर की उदगिर तहसील में आयोजित एक सार्वजनिक रैली में कहा थामैं वह नारा नहीं लगाऊंगा। आप क्या करेंगे भागवत साहब। गुरुवार को शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में बेहद तीखे संपादकीय में कहा कि हार्दिक पटेल ने गलती से राष्ट्रीय ध्वज का अपमान कर दिया था और उसपर देशद्रोह का मुकदमा लगाया गया वह अब भी जेल में है। क्या भारत माता का अपमान करके असदुद्दीन ओवैसी ने भी देशद्रोह नहीं किया है जो लोग भारत माता की जय नहीं कहते हैं उनकी नागरिकता और मताधिकार छीन लिए जाने चाहिए।

लातूर से कैसे निकल गया ओवैसी

संपादकीय में कहा गया है कि राज्य में मुख्यमंत्री भाजपा के हैं। उन्हें यह जवाब देना होगा कि देश का अपमान करने के बाद ओवैसी को लातूर से जाने कैसे दिया गया। शिवसेना ने एमआईएम के नेता पर निशाना साधते हुए कहा कि ओवैसी जैसे लोगों के विचारों के कारण ही मुस्लिम समुदाय अब तक पिछड़ा है। हालांकि एमपीसीसी के प्रवक्ता अल-नसीर जकारिया ने आरोप लगाया कि शिवसेना सिर्फ पाखंड की राजनीति कर रही है। एक ओर शिवसेना दूसरों को देशभक्ति के पाठ पढ़ाती है और दूसरी ओर वह अपने शासन वाले बृहन्मुंबई नगर निगम में व्यापक भ्रष्टाचार में लिप्त रहती है। विभिन्न कार्यों के ठेके देने में सैकड़ों करोड़ रूपए की अनियमितताएं बरती गईं।

ढोंग हैं शिवसेना की देशभक्ति- राकांपा के प्रवक्ता नवाब मलिक

जकारिया ने कहा शिवसेना को यह समझना चाहिए कि उनके अपने सहयोगी भाजपा द्वारा भी उन्हें तभी गंभीरता से लिया जाएगा जब वह खुद बेदाग निकलकर आएंगे। सिर्फ नारे लगाने से वे राष्ट्रवादी नहीं बन जाएंगे। राकांपा के प्रवक्ता नवाब मलिक ने कहा कि हर कोई आरएसएस और भाजपा के विचारों से सहमत नहीं हो सकता। उन्होंने कहा आरएसएस और भाजपा भारत माता को एक देवी के रूप में पेश कर रहे हैं और उम्मीद कर रहे हैं कि सभी नारे लगाएंगे। हर कोई शायद ऐसा करना न चाहे लेकिन किसी को भी भारत माता के सम्मान से गुरेज नहीं होगा। उन्होंने कहा उन्हें सबसे पहले अपना रूख इस बात को लेकर स्पष्ट करना चाहिए कि वास्तव में वे सभी भारतीयों से किसकी प्रशंसा करवाना चाहते हैं और इसके बाद उन्हें दूसरों को देशभक्ति के प्रमाणपत्र बांटने चाहिए।

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