सरकार के साथ शेरिंग

एक अप्रैल, 2010 से चार वित्त वर्षों में टारगेट से कम उत्पादन के मामले में रिलायंस इंडस्ट्रीज पर लगाया गया ये जुर्माना 2.376 अरब डॉलर पर पहुंच गया है. वहीं ये जुर्माना प्रोजेक्ट डेवल्पमेंट खर्चॉ को गैस की ब्रिकी निकालने की अनुमति नहीं देने के रूप में लगाया गया है. प्रोडक्शन शेरिंग कॉन्ट्रैक्ट (पीएससी) के तहत रिलायंस इंडस्ट्रीज और उसकी पार्टनर बीपी पीएलसी और निको रिसोर्सेज को गैस की बिक्री से होने वाली इनकम से सभी पूंजी और परिचालन खर्चे निकालकर जो लाभ होता है उसमें सरकार के साथ शेरिंग करनी होती है.

कितना रहा उत्पादन

स्टेट पेट्रोलियम मिनिस्टर एंड नेचुरल गैस मिनिस्टर प्रधान ने कहा कि कंपनी का वित्त वर्ष 2010-11 से 2013-14 के दौरान इस प्रोजेक्ट के प्रोफिट में सरकार का हिस्सा 19.5 करोड़ डॉलर बढ़ जाएगा. वहीं लोकसभा में एक लिखित सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि KG-D6 ब्लॉक के धीरूभाई 1 और 3 गैस क्षेत्रों से उत्पादन 8 करोड़ घनमीटर प्रतिदिन रहना चाहिए था. लेकिन 2011-12 में उत्पादन सिर्फ 3.53 करोड़ घनमीटर प्रतिदिन, वहीं 2012-13 में 2.08 करोड़ घनमीटर प्रतिदिन और 2013-14 में 97.7 लाख घनमीटर प्रतिदिन रहा. साल 2014 में उत्पादन अभी 80.5 लाख घनमीटर प्रतिदिन है.

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