स्लग: रिम्स के स्टाफ चेंज नहीं होने का बहाना कर भर रहे अपनी जेब

-पर्ची कटाने के नाम पर कट रही मरीजों की जेब

-रिम्स मैनेजमेंट की नाक के नीचे पैसों का चल रहा खेल

RANCHI (3 July): रिम्स के इमरजेंसी काउंटर पर इन दिनों पैसों का खेल चल रहा है। इसमें मरीजों की जेब हल्की हो रही है और स्टाफ्स उसी से अपनी जेब भरने में लगे हुए है। ऐसे में हर दिन काउंटर पर बैठने वाले स्टाफ्स की अच्छी-खासी कमाई हो रही है। यह सब रिम्स प्रबंधन की नाक के नीचे हो रहा है। इसके बावजूद प्रबंधन काउंटर के स्टाफ्स पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है।

मन किया तो लौटाया, वरना जेब में

इमरजेंसी में आने वाले मरीजों को भ् रुपए की पर्ची काटी जाती है। ऐसे में जो लोग खुल्ला पांच रुपए देते है, उन्हें कोई परेशानी नहीं होती। लेकिन, दस रुपए का नोट देने के बाद स्टाफ पर निर्भर करता है कि बाकी रुपए वह लौटाएगा या नहीं। चेंज नहीं होने का बहाना कर बाकी पांच रुपए अपनी जेब में।

नहीं है बोर्ड, स्टाफ उठा रहे फायदा

हास्पिटल में इलाज के लिए आने वाले लोगों को जानकारी के लिए कोई नोटिस बोर्ड भी नहीं लगाया गया है। और इसी बात का स्टाफ फायदा उठा रहे हैं। ऐसे में लोग भी पर्ची कटाने के बाद नहीं पूछते है। इमरजेंसी में गंभीर मरीज ही आते हैं तो उनके पास समय भी नहीं होता है। इसके अलावा एडमिशन वाले मरीजों के परिजनों से भी पैसे लिए जा रहे हैं। जबकि एडमिट करने के लिए कोई चार्ज नहीं लेना है।

वर्जन

इमरजेंसी रजिस्ट्रेशन काउंटर में अधिक पैसे लेने की अभी तक मुझे कोई कंप्लेन नहीं मिली है। इसलिए जबतक कंप्लेन नहीं मिलती है मैं कुछ नहीं कर सकता। चूंकि पैसों का मामला है तो देखा जाएगा। और कई बार मरीज जल्दी में होता है तो हो सकता है कि उसे पैसे नहीं लौटाए गए हों या फिर वह पैसे लेना भूल गया हो।

-डॉ। गोपाल श्रीवास्तव, डीएस, रिम्स