मिली है सैद्धांतिक मंजूरी
रिम्स डायरेक्टर डॉ तुलसी महतो ने बताया कि रिम्स को डीम्ड यूनिवर्सिटी बनाने को सैद्धांतिक मंजूरी मिल गई है, लेकिन यह प्रक्रिया अभी प्राइमरी लेवल पर है। हालांकि रिम्स डीम्ड यूनिवर्सिटी बनने की सारी रिक्वॉयरमेंट पूरी करता है। अगर रिम्स डीम्ड यूनिवर्सिटी बन जाता है, तो यह अपनी परीक्षा खुद आयोजित करने के अलावा रिजल्ट प्रकाशित करने और डिग्री देने का काम खुद करेगा। इससे टीचिंग और एग्जाम सिस्टम में भी सुधार हो सकेगा। अभी रांची यूनिवर्सिटी रिम्स में परीक्षा संचालित करती है।

जरूरी है मान्यता
रिम्स मैनेजमेंट के अनुसार रिम्स में एमबीबीएस कोर्स, एमडी, एमसीएच और एमएस कोर्स का संचालन हो रहा है। इसके अलावा इसमें बीएससी नर्सिंग कॉलेज, नर्सिंग कॉलेज और पारामेडिकल कोर्स का संचालन भी हो रहा है। संस्थान में इतने कोर्स की पढ़ाई हो रही है, इसलिए इसे डीम्ड यूनिवर्सिटी का दर्जा मिलना जरूरी है।

स्टूडेंट्स के हित में होगा
रिम्स में एमबीबीएस थर्ड इयर में अध्ययनरत छात्र शचींद्र कुमार बताते हैं कि रिम्स को डीम्ड यूनिवर्सिटी का दर्जा स्टूडेंट्स के हित में है। अगर रिम्स डीम्ड यूनिवर्सिटी बन जाता है, तो यहां रिजल्ट तय समय पर निकलेगा। एकेडमिक कैलेंडर के अनुसार पढ़ाई होगी और किसी भी प्रॉब्लम के सॉल्यूशन के लिए स्टूडेंट को रांची यूनिवर्सिटी की बाट नहीं जोहनी होगी। कोई भी प्रॉब्लम होगी, तो रिम्स डायरेक्टर के लेवल पर सॉल्यूशन निकाल लिया जाएगा।

देश में हैं 123 deemed universities
यूनिवर्सिटीज के अलावा हायर एजूकेशन से जुड़े दूसरे इंस्टीट्यूट्स को सेंट्रल गवर्नमेंट यूजीसी की सलाह पर डीम्ड यूनिवर्सिटी का दर्जा देती है। यह दर्जा पाने के लिए संस्थान में शिक्षा का स्तर बेहद ऊंचा होना जरूरी होता है। इस तरह की यूनिवर्सिटी का स्टेटस भी दूसरी यूनिवर्सिटी के बराबर होता है। ये न सिर्फ अपना कोर्स और सिलेबस खुद डिजाइन कर सकते हैं, बल्कि अपना एडमिशन और फीस संबंधी नियम भी बना सकते हैं। इस समय देश में कुल 123 डीम्ड यूनिवर्सिटीज हैं और उनमें से 54 को पिछले पांच सालों में यह दर्जा हासिल हुआ है।