लात से किया वार

डॉ सुरेंद्र सिंह पर गुस्सा इस कदर हावी था कि उन्होंने रिम्स के डायरेक्टर डॉ तुलसी महतो के चैंबर में न सिर्फ हंगामा किया, बल्कि वहां से निकलने के लिए कहे जाने पर उन्होंने चैंबर के दरवाजे का शीशा भी फोड़ दिया। इसके बाद टेबुल पर रखी सारी फाइल्स को इधर-उधर बिखेर दिया। इतना ही नहीं,जब डायरेक्टर डॉ तुलसी महतो जब अपने चैंबर से बाहर निकलने लगे तो उन्हें लात से भी मारने की कोशिश की। हो-हल्ला की जानकारी मिलने के बाद सिक्योरिटी गाड्र्स ने मौके पर पहुंचकर मामले को शांत किया।

बरियातू थाना में एफआईआर
रिम्स के डायरेक्टर डॉ तुलसी महतो ने इस घटना के बाबत सभी डिपार्टमेंट्स के एचओडी की सहमति के बाद बरियातू थाना में डॉ सुरेंद्र सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दी है। उन्होंने थाने में पुलिस को बताया कि डॉ सुरेंद्र सिंह ने गुस्से में चैंबर के दरवाजे का न सिर्फ शीशा फोड़ दिया, बल्कि मिसबिहेव करने के साथ-साथ मारपीट भी कोशिश  की। उन्होंने यह भी कहा कि डॉ सुरेंद्र सिंह के साथ उनकी कोई ज्यादती दुश्मनी नहीं है। रिम्स में डॉक्टर्स के सेलेक्शन के लिए कमिटी है। रिम्स डायरेक्टर होने के नाते मैं भी सेलेक्शन कमिटी का मेंबर हूं। अगर वे प्रोफेसर पोस्ट के लिए सेलेक्ट नहीं किए गए हैं, तो उसमें मेरा कोई रोल नहीं है।

क्या थी वजह?
  रिम्स में जिन 16 डॉक्टर्स के सेेलेक्शन की लिस्ट ट्यूज्डे को जारी की गई, उसमें डॉ सुरेंद्र सिंह का नाम नहीं था। इसके पहले भी रिम्स में 125 प्रोफेसर्स के रिक्रूटमेंट के लिए हुए एग्जाम में डॉ सुरेंद्र सिंह क्वालिफाई नहीं कर पाए थे। प्रोफेसर के लिए नहीं चुने जाने पर ही डॉ सुरेंद्र सिंह रिम्स डायरेक्टर से खफा थे। उन्हें लगता था कि डायरेक्टर जानबूझकर उन्हें प्रोफेसर पोस्ट के लिए सेलेक्ट नहीं नहीं करना चाहते हैं। बस इसी बात को लेकर उन्होंने डॉ तुलसी महतो के खिलाफ उनके चैंबर में ही बवाल काटा।