RANCHI : राज्य के सबसे बड़े सरकारी हॉस्पिटल रिम्स में दो दिन पहले लिफ्ट के इंतजार में एक महिला की मौत के बाद किचन के स्टाफ के लिए लिफ्ट के इस्तेमाल पर पाबंदी लगा दी गई है। इससे खाना पहुंचाने में कर्मचारियों को काफी मशक्कत करनी पड़ रही है। एक ट्रॉली को खींच कर किचन से बाहर लाने और तीसरे व चौथे तल्ले पर स्थित वार्ड में रैंप के जरिए पहुंचाने में पसीने छूट रहे हैं। बुधवार की सुबह मरीजों को नाश्ता पहुंचाने की बारी आयी, तो कर्मचारियों ने हाथ खड़े कर दिये। नतीजा यह हुआ कि जहां पहले आठ बजे ही नाश्ता पहुंच जाता था, वहीं बुधवार को नौ बजे के बाद मरीजों को नाश्ता मिला।

आयोग की अध्यक्ष पहुंचीं रिम्स

लिफ्ट के इंतजार में गर्भवती महिला की मौत के मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए झारखंड राज्य बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष आरती कुजूर रिम्स पहुंचीं। उन्होंने डायरेक्टर से पूरे मामले की जानकारी ली और हॉस्पिटल के कर्मचारियों के बर्ताव को लेकर रिम्स प्रशासन को चेतावनी भी दे डाली। उन्होंने डायरेक्टर से पूछा कि आखिर इतना अमानवीय घटना के बाद रिम्स प्रशासन ने दोषी कर्मचारी, स्टाफ या डॉक्टर के खिलाफ क्या कार्रवाई की? उन्होंने डायरेक्टर से 24 घंटे के भीतर पूरे मामले की जांच करने और रिपोर्ट से आयोग को अवगत कराने को कहा।

पाथ-वे में बदबू से परेशान हैं कर्मचारी

किचन के कर्मचारी पाथ-वे से ट्रॉली लेकर नहीं जाना चाहते। इसकी बड़ी वजह यह है कि पूरे पाथ-वे को रात में लोग टॉयलेट के रूप में इस्तेमाल करते हैं। सुबह सफाई के बावजूद इतनी बदबू रहती है कि इससे चलकर ऊपर पहुंचना मुश्किल होता है। कर्मचारी नाक में कपड़ा बांधकर खाना ले जा रहे हैं।

होस्टल में पहुंचा पानी, पंखे भी ठीक किये गये

रिम्स के ग‌र्ल्स होस्टल में बुधवार को पानी की सुविधा बहाल कर दी गयी। इस हॉस्टल में सात दिनों तक पानी नहीं आया था। इससे स्टूडेंट्स को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था। इसके अलावा हॉस्टल में लगे पंखे भी काम नहीं कर रहे थे, जिसे बिजली विभाग के कर्मचारियों को भेज कर ठीक करना दिया गया है। 'दैनिक जागरण-आईनेक्स्ट' ने 29 अप्रैल के अंक में ग‌र्ल्स होस्टल की समस्याओं को प्रमुखता से प्रकाशित किया था। रिम्स के डिप्टी डायरेक्टर गिरजाशंकर प्रसाद ने पीएचईडी तथा बिजली विभाग के कर्मचारियों को निर्देश दिया था कि दोनों ही समस्याओं का जल्द से जल्द निराकरण किया जाए। असल में ग‌र्ल्स होस्टल में रहकर पढ़ाई कर रही स्टूडेंट्स ने कई बार अपनी समस्याओं से रिम्स प्रशासन को अवगत कराया था। इसके बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हो रही थी। इस भीषण गर्मी में पानी नहीं मिलने के कारण बाहर से स्टूडेंट्स को पानी खरीद कर लाना पड़ रहा था। अब दोनों समस्याएं दूर होने के बाद छात्राओं ने राहत की सांस ली है।