क्त्रन्हृष्ट॥ढ्ढ : रिम्स में मेडिकोज की ग‌र्ल्स स्टूडेंट्स के अच्छे दिन आने वाले हैं. इन्हें रहने के लिए अब नया ग‌र्ल्स हॉस्टल मिलेगा. इससे ये एक ही जगह साथ साथ रह सकेंगी. इसके अलावा नर्सिग स्टूडेंट्स को भी पुराने हॉस्टल से छुटकारा मिल जाएगा. इस नई व्यवस्था से ग‌र्ल्स स्टूडेंट्स को काफी राहत मिलेगी. 500 बेड वाले इस हॉस्टल को हैंडओवर लेने से पहले डॉक्टर्स की टीम उसका इंस्पेक्शन कर डायरेक्टर को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी.

हर तरह की फैसिलिटी से लैस

नये हॉस्टल में 500 ग‌र्ल्स के रहने की व्यवस्था है. जहां एक रूम में दो मेडिकोज को रखा जाएगा. उसमें लाइट, पंखे के अलावा दो वार्डरोब भी होंगे. इसके अलावा वेल फर्नीश्ड रूम में स्टूडेंट्स को सारी सुविधाएं मिलेंगी. ग्राउंड फ्लोर पर ही गाडि़यों के पार्किग की भी व्यवस्था है. ऐसे में ग‌र्ल्स स्टूडेंट्स को किसी भी हाल में बाहर जाने की जरूरत नहीं होगी. वहीं चहारदीवारी के ऊंची होने के कारण सिक्योरिटी को लेकर भी कोई परेशानी नहीं होगी.

पीजी स्टूडेंट्स को भी सेपरेट रूम

नया ग‌र्ल्स हॉस्टल चालू होने से पीजी स्टूडेंट्स को भी सेपरेट रूम मिल सकेगा. वर्तमान में पीजी स्टूडेंट्स को भी रूम शेयर करना पड़ता है. वहीं कैंपस में जगह नहीं होने के कारण ये स्टूडेंट्स अभी बाहर फ्लैट लेकर रहने को मजबूर है. इसके अलावा कई मेडिकोज भी जगह की कमी के कारण बाहर रह रहे हैं. इससे उनकी पढ़ाई पर भी असर पड़ रहा है.

हैंडओवर में लग गया 11 माह

इस नये ग‌र्ल्स हॉस्टल का इंस्पेक्शन पिछले साल ही प्रिंसिपल सेक्रेटरी हेल्थ निधि खरे ने किया था. तभी उन्होंने इस हॉस्टल को 15 अगस्त 2018 तक हर हाल में हैंडओवर करने का आदेश दिया था. लेकिन हॉस्टल को हैंडओवर करने में 11 महीने का समय लग गया. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि कैसे काम में देरी कर अधिकारी और ठेकेदार खर्च को बढ़ाने का काम करते हैं. चूंकि पहले हॉस्टल का इस्टीमेट 67 करोड़ रुपए था जो बढ़कर 90 करोड़ के पार पहुंच गया था. इस पर भी प्रिंसिपल सेक्रेटरी हेल्थ ने आपत्ति जताई थी.