RANCHI: अब तक आपने कॉइन डालकर पानी निकालने, टिकट जारी करने वाली मशीनों के बारे में सुना होगा। लेकिन रिम्स में अब कॉइन डालने के बाद कपड़े धोने वाली मशीन लगाने की तैयारी की जा रही है, जिसमें कॉइन डालते ही मशीन का दरवाजा खुलेगा। इसके बाद मशीन से कपड़े धुलकर निकल जाएंगे। इसके बाद केवल कपड़ों को प्रेस करने की जरूरत होगी। ऐसे में मेडिकोज को परेशानी का भी सामना नहीं करना होगा और टाइम की भी बचत होगी। प्रिंसिपल सेक्रेटरी निधि खरे ने ऑटोमेटिक वाशिंग मशीन लगाने का प्रस्ताव दिया है। रिम्स कैंपस में बन रहे नए हॉस्टल का इंस्पेक्शन के दौरान उन्होंने डायरेक्टर को निर्देश दिया और कहा कि हॉस्टल चालू होने से पहले इस मशीन को लगा लिया जाए।

धुलने के बाद सूख कपड़ा निकलेगा

मशीन में कॉइन डालते ही उसका दरवाजा खुल जाएगा। इसके बाद मशीन में जरूरत के हिसाब से कपड़े डालकर बंद कर सकते हैं। थोड़ी देर बाद कपड़े धुलाई के बाद सूखकर भी तैयार होंगे, इसके बाद स्टूडेंट्स को केवल कपड़ों को प्रेस करने की जरूरत पड़ेगी। इससे स्टूडेंट्स का टाइम भी बचेगा। वहीं प्रबंधन को भी परेशानियों से राहत मिल जाएगी।

डेढ़ हजार से अधिक स्टूडेंट्स हैं रिम्स में

हॉस्टल में एक हजार से अधिक जूनियर और सीनियर डॉक्टर्स हैं। इसके अलावा नर्सिग स्कूल और हॉस्टल में भी 500 से अधिक स्टूडेंट्स पढ़ाई कर रहे हैं। अब इतनी संख्या में स्टूडेंट्स को कपड़े धोने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। कई बार तो ये लोग अपने कपड़े धोबी को दे आते हैं। वहीं कुछ स्टूडेंट्स ने तो अपने रूम में ही वाशिंग मशीन भी लगा रखी है।

छुट्टी के दिन कपड़े धोते हैं अमेरिका में

प्रिंसिपल सेक्रेटरी ने बताया कि अमेरिका विजिट के दौरान नई चीज देखने को मिली। काम के दौरान लोगों के पास धोने के लिए काफी कपड़े जमा हो जाते हैं। ऐसे में छुट्टियों के दिन सफाई का भी काम रहता है। ऐसे में जगह-जगह कॉइन वॉशिंग मशीन लगाई गई है, जिसमें कपड़े धुलकर तैयार हो जाते हैं। इसलिए इसी मशीन को रिम्स में लगाया जाए तो राहत होगी।