RANCHI: रिम्स में दिनभर आफत, शाम को मिली राहत। जी हां, नर्सो की हड़ताल के कारण डेली करीब 1500 मरीजों का इलाज करने वाले हॉस्पिटल रिम्स में सोमवार को व्यवस्था चरमरा गई। नर्सो के नहीं होने के कारण एक ओर जहां अधिकतर परिजन अपने मरीजों को लेकर प्राइवेट हॉस्पिटल भाग गए। वहीं जो बचे उनकी सेवा की जिम्मेवारी परिजनों ने संभाली। परिजन ही मरीज को ऑक्सीजन मास्क लगाने से लेकर दवा देते नजर आए। वहीं, दोपहर में एसीएस हेल्थ के साथ वार्ता के बाद नर्सो ने हड़ताल स्थगित कर दी। इसके बाद शाम तक व्यवस्था धीरे-धीरे पटरी पर लौटने लगी। इससे मरीजों ने राहत की सांस ली।

मरीजों को दवा न इंजेक्शन

हड़ताल शुरू होने के बाद से वार्ड में एडमिट मरीजों को न तो दवा मिल रही थी और न ही इंजेक्शन। ऐसे में परिजन रातभर यहां-वहां परेशान भटकते रहे। कुछ मरीजों को रात में ही प्राइवेट हास्पिटलों में शिफ्ट कर दिया गया। बाकी सुबह होते ही मरीजों को परिजनों ने प्राइवेट हास्पिटल ले जाना शुरू कर दिया। इस बीच डॉक्टरों ने भी उन्हें बेहतर इलाज के लिए रिम्स से मरीजों को ले जाने के लिए कह दिया। इसके बाद तो आइसीयू के भी बेड खाली नजर आने लगे।

एक भी मरीज का डायलिसिस नहीं

हास्पिटल में हर दिन डेढ़ दर्जन से अधिक मरीजों का डायलिसिस किया जाता है। लेकिन नर्सो की हड़ताल के कारण सोमवार की शाम तक एक भी मरीज का डायलिसिस नहीं हुआ। इस चक्कर में कई मरीजों को परिजन डायलिसिस के लिए प्राइवेट सेंटरों में ले गए।

वर्जन

हमने तो राउंड किया और सभी मरीजों को देखा भी। अब नर्स नहीं हैं तो मरीजों की देखभाल में तो परेशानी होगी। इसके लिए प्रबंधन को लेटर लिखेंगे। वहीं, जो लोग सक्षम हैं वे अपने मरीजों को प्राइवेट हास्पिटल में ले जा रहे हैं।

-डॉ। सीबी शर्मा, मेडिसिन डिपार्टमेंट, रिम्स