RANCHI : रिम्स की करीब 450 नर्से एम्स की तर्ज पर वेतनमान देने समेत अन्य मांगों को लेकर रविवार की मध्य रात्रि से बेमियादी हड़ताल पर चली जाएंगी। ऐसे में यहां की चिकित्सा व्यवस्था चरमराने की आशंका हैं। इससे हॉस्पिटल में इलाजरत 1200 मरीजों की सेवा और देखभाल पर भी आफत आ जाएगी। उन्हें न तो समय पर दवा मिलेगी और न ही इंजेक्शन.हालांकि, ट्रेनी नर्सो को ड्यूटी पर तैनात करने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं, लेकिन यह कितना प्रभावी साबित होगा, यह देखने वाली बात होगी। इससे पहले शनिवार को नर्से पेन डाउन स्ट्राइक पर रहीं। उन्होंने कोई भी रिकार्ड मेंटेन करने का काम नहीं किया। हालांकि, वार्डो में उन्होंने अपनी सेवा जरूर दी।

31 को दी थी चेतावनी

गौरतलब है कि नर्सो ने अपनी मांगों को लेकर 31 जनवरी से ही बेमियादी हड़ताल पर जाने की चेतावनी दे दी थी। लेकिन, 8 फरवरी को रिम्स गवर्निग बॉडी की मीटिंग को लेकर इन्होंने अपनी स्ट्राइक टाल दी थी, लेकिन मांगों को नहीं माने जाने की वजह से इन नर्सो ने आंदोलन फिर तेज कर दिया है। इधर, रिम्स प्रशासन का कहना है कि जीबी में नर्सो की कुछ मांगों पर सहमति बनी है। अगर फिर भी वे स्ट्राइक पर जाती हैं तो उनके खिलाफ एक्शन लिया जाएगा।

एम्स की तर्ज पर मिले फैसिलिटी

रिम्स की नर्सेज एम्स की तरह फैसिलिटीज देने की मांग रखी है। उनका कहना है कि यहां नर्सो का ग्रेड पे 4600 रुपए है, जबकि 1600 रुपए नर्सिग व 250 रुपए यूनिफॉर्म भत्ता मिलता है। इनकी मांग है कि एम्स की तर्ज पर यहां भी नर्सो को 4800 रुपए ग्रेड पे, नर्सिग भत्ता 72 सौ रुपए व यूनिफॉर्म भत्ता 1800 रुपए दिया जाए। जबतक ये मांगे नहीं मानी जाती है, आंदोलन जारी रहेगा।

सदर से जाएंगी नर्सेज

रिम्स एडमिनिस्ट्रेशन ने नर्सो की स्ट्राइक से निपटने के लिए हेल्थ डिपार्टमेंट और नर्सिग कॉलेज प्रबंधन से नर्स उपलब्ध कराने के लिए पत्र लिखा है। इसमें हेल्थ डिपार्टमेंट से 150 नर्स की मांग की गई है। हेल्थ डिपार्टमेंट ने सदर हॉस्पिटल प्रबंधन से नर्सो को रिम्स भेजने के निर्देश दिए हैं। साथ ही नर्सिग स्कूल और कॉलेजों से भी स्टूडेंट्स को हर हाल में 11 फरवरी से ड्यूटी में तैनात रहने को कहा है।

क्या है मेन डिमांड्स

-एम्स की तर्ज पर मिले वेतन व फैसिलिटीज

-नर्सो की आउटसोर्स से बहाली पर लगे रोक

-नर्सो की हो स्थायी नियुक्ति

-रिटायरमेंट की उम्र सीमा बढ़ाई जाए