RANCHI : रिम्स पारा मेडिकल स्कूल की बिल्डिंग हैंडओवर नहीं किए जाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। पारा मेडिकल कोर्स कर रहे स्टूडेंट्स ने कहा है कि 15 दिनों के अंदर अगर बिल्डिंग हैंडओवर नहीं किया जाता है तो वे सभी कामकाज ठप कर देंगे। मंगलवार को रिम्स डायरेक्टर डॉ आरके श्रीवास्तव से मुलाकात कर उन्होंने अपनी मांगों से अवगत करा दिया। डायरेक्टर ने आश्वासन दिया कि बिल्डिंग का कंस्ट्रक्शन वर्क पूरा होने की चिट्ठी मिलते ही इसे चालू कर दिया जाएगा।

क्लासेज में कठिनाई

पारा मेडिकल स्टूडेंट्स का कहना है कि नई बिल्डिंग हैंडओवर नहीं किए जाने से उन्हें काफी कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है। क्लासरूम की कमी के कारण क्लासेज प्रॉपर वे में नहीं चल रहे हैं तो रहने के लिए स्टूडेंट्स को हॉस्टल नहीं मिल रहा है। किराए के मकान में रहकर पढ़ाई करने को मजबूर हैं।

स्टाइपेंड पर भी लगा है ग्रहण

पारा मेडिकल की पढ़ाई करने वाले स्टूडेंट्स को हर महीने 1500 रुपए स्टाइपेंड देने की मंजूरी स्वास्थ्य विभाग से मिल चुकी है। इसके बावजूद आजतक स्टूडेंट्स को स्टाइपेंड नहीं मिला है। वहीं हॉस्टल नहीं मिलने के कारण स्टूडेंट्स बाहर रहने को मजबूर है।

नहीं निकलती वैकेंसी, जॉब का संकट

रिम्स समेत राज्य के तीनों मेडिकल कॉलेज में पारा मेडिकल कोर्स की पढ़ाई होती है। यहां कोर्स कर रहे स्टूडेंट्स को ट्रेनिंग भी दी जाती है। लेकिन लंबे अर्से से सरकारी अस्पतालों में पारा मेडिकल स्टाफ की वैकैंसी नहीं निकली है, जिसके कारण कोर्स करने के बाद भी स्टूडेंट्स को जॉब के लिए इधर-उधर भटकना होता है।

ट्रेनिंग देने के नाम पर हो रहा शोषण रिम्स में पारा मेडिकल कोर्स कर रहे स्टूडेंट्स को ट्रेनिंग देने के नाम पर शोषण किया जा रहा है। स्टूडेंट्स का कहना है कि रात के वक्त उन्हें ड्यूटी लगाई जा रही है। कई विभागों में ं पारा मेडिकल स्टूडेंट्स असिस्ट करते है

इन जांचों में करते हैं सहयोग

-एमआरआइ

-सिटी स्कैन

-एक्सरे

-इसीजी

-डायलेसिस

-सेंट्रल लैब

-कैथ लैब

ऑपरेशन थिएटर

-एनेस्थिसिया