RANCHI: कांके स्थित रांची इंस्टीट्यूट आफ न्यूरो साइकियाट्री एंड अलायड साइंस (रिनपास) के अच्छे दिन जल्द ही लौटने वाले हैं। इससे सारी व्यवस्थाएं फिर से पटरी पर आ जाएंगी। मरीजों की भर्ती शुरू हो जाएगी। इलाज भी बेहतर तरीके से हो सकेगा। जी हां, रिनपास का अपना बायलॉज बनकर तैयार हो गया है। मैनेजमेंट कमिटी की मंजूरी मिलते ही डॉक्टर व स्टाफ की नियुक्ति का रास्ता भी साफ हो जाएगा।

मरीजों की बेहतर ढंग से होगी देखभाल

गौरतलब हो कि हास्पिटल में पर्याप्त डॉक्टर व स्टाफ नहीं होने से मरीजों की भर्ती पर रोक लग गई है। जो भर्ती हैं उनकी भी ठीक से देखभाल नहीं हो पा रही है। लेकिन, बायलॉज को मंजूरी मिलने के बाद स्टाफ्स की नियुक्ति में कोई परेशानी नहीं होगी। मरीजों को भी वार्ड अटेंडेंट की सुविधा मिलेगी और उनका बेहतर ढंग से इलाज हो सकेगा। प्रॉपर केयर होने से मरीज भी जल्द स्वस्थ हो सकेंगे।

ओपीडी में हर दिन आ रहे ब्भ्0 मरीज

ओपीडी में इलाज के लिए झारखंड के अलावा ओडि़शा, वेस्ट बंगाल समेत कई राज्यों के मरीज पहुंच रहे हैं। ऐसे मानसिक रोगियों की संख्या हर दिन करीब साढ़े चार सौ है। कभी-कभी तो यह भ्00 के पार भी चला जाता है। इतनी संख्या में मरीजों की तुलना में डॉक्टर भी कम हैं। ऐसे में मरीजों की ज्यादा देर काउंसेलिंग भी नहीं हो पाती है और इलाज में थोड़ी परेशानी होती है। चूंकि एक मरीज को डॉक्टर दो से तीन मिनट ही दे पाते हैं। ऐसे में बीमारी समझना और फिर मरीज को बेहतर तरीके से देखना संभव नहीं है।

वर्जन

मेरी पूरी कोशिश है कि यहां व्यवस्था सुधारी जाए। मैनेजमेंट कमिटी की अगली बैठक में बायलॉज रखा जाएगा। इसमें मंजूरी मिलते ही भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। अभी आउटसोर्सिग से भी कुछ काम चल रहा है। जल्द ही सारी व्यवस्थाएं ठीक हो जाएंगी।

-डॉ। सुभाष सोरेन, डायरेक्टर, रिनपास