मौसम संग बदलता व्यवहार, सड़क पर दिखता असर

शहर का ट्रैफिक जाम, लापरवाह ट्रैफिक बना सकता शिकार

द्दह्रक्त्रन्य॥क्कक्त्र:

रोडरेज का बदला लेने के लिए मुंबई में एमबीए स्टूडेंट्स का हनी ट्रैप करके अपहरण करने, उसे सड़क पर पीटकर फेंकने का मामला सामने आने के बाद रोडरेज को लेकर चिंता खड़ी हो गई है। मौसम का पारा चढ़ते ही रोडरेज की घटनाएं बढ़ जाती हैं। यह समस्या उन शहरों में ज्यादा होती है, जहां ट्रैफिक जाम ज्यादा लगता है। शहर की हालत भी कुछ ऐसी है कि दिनभर ट्रैफिक रेंगता रहता है। जाम लगने पर मामूली बातों को लेकर भिड़ जाते हैं। इन परिस्थितियों में रोडरेज की घटनाओं से इंकार नहीं किया जा सकता है। पूर्व में ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि सहनशीलता के अभाव में इस तरह के मामले बढ़ते जा रहे हैं।

केस एक

गुलरिहा का प्रमोद कुमार टेंपो चलाता है। बुधवार दोपहर टेंपो लेकर वह बरगदवां से शहर की ओर रहा था। राजेंद्र नगर मोहल्ले के पास पीछे से बाइक सवार दो युवक आ रहे थे। बाइक सवार युवक साइड के लिए लगातार हार्न बजा रहे थे। सामने जगह न होने पर प्रमोद ने गाड़ी किनारे नहीं की। इससे गुस्साएं दोनों युवकों ने आटो रोककर प्रमोद की पिटाई कर दी। सवारियों ने बीच बचाव करके मामला शांत कराया।

केस दो

जगदीशपुर के शोएब अख्तर सोमवार को शहर आ रहे थे। नंदा नगर रेलवे गेट बंद होने से दोनों ओर से जाम लग गया। ट्रेन गुजरने के बाद गेट खुला तो उनकी कार से दूसरे कार में मामूली सी टक्कर हो गई। इस बात को दूसरी कार में सवार लोगों ने शोएब की गाड़ी रोक ली। उसे जबरन बाहर निकालने का प्रयास करने लगे। बाहर निकलने पर शोएब ने हाथ जोड़कर माफी मांगी। विवाद की वजह से दोनों के वाहन लेकर फंसे लोगों को काफी परेशानी उठानी पड़ी।

तनाव और गुस्सा बड़ी वजह

एक्सपर्ट्स का कहना है कि रोडरेज की घटनाएं अचानक होती हैं। इसके लिए लोगों का तनाव और गुस्सा जिम्मेदार है। किसी तरह के टेंशन में रहने वाले लोग अचानक किसी बात पर भड़क उठते हैं। ऐसे लोग अक्सर राह चलते हुए, वाहन चलाते हुए सामने वाले लोगों को अपशब्द कहते रहते हैं। किसी वाहन से मामूली टक्कर होने पर या भीड़ में कोई बात होने पर एक दूसरे को देख लेने की धमकी पर उतर जाते हैं। ऐसे में मामूली सी बात का बड़ा बवाल हो जाता है।

इन वजहों से होता है रोडरेज

रोडरेज के मामलों में सामने आया है कि ज्यादातर यंगस्टर्स जल्दी रिएक्ट करते हैं। इस वजह से बात अचानक बिगड़ जाती है। किसी तरह के पॉवरफुल लोग, स्कूल और कॉलेज से निकाले गए छात्र, घर में माता-पिता के खराब व्यवहार से प्रताडि़त युवक जल्दी से गुस्से का शिकार हो जाते हैं। कुछ लोग गलत संगत में होने से की वजह से जल्दी रिएक्ट करते हैं। हर बात पर तुरंत रिएक्शन देने वाले लोगों के एंगर मैनेजमेंट पर काम किया जाता है। इसके साथ किसी ने बहस करने से ज्यादा बात बिगड़ती है। सड़क पर चलते समय बार-बार हार्न बजाने और साइड मांगने को लेकर अक्सर झगड़ा होता है। ऐसे में मामले को तत्काल शांत करना बेहद जरूरी होता है। अक्सर लोग अपनी गलती स्वीकार नहीं करते। सड़क जाम में फंसे होने से लोगों के व्यवहार में अचानक बदलाव आने लगता है। इस दौरान हाई ब्लड प्रेशर की शिकायत वाले ज्यादा प्रभावित होते हैं।

इन कारणों से इतने प्रतिशत रोडरेज

ट्रैफिक पुलिस के सर्वे में रोडरेज की अलग-अलग वजहें बताई गई हैं। पुलिस का कहना है कि मामूली बात पर शुरू होने वाला झगड़ा अचानक बढ़ जाता है। इसमें कई बार लोगों की जान चली जाती है। जाड़े और बरसात की अपेक्षा गर्मियों के मौसम में रोडरेज के ज्यादा मामले सामने आते हैं।

लगातार हार्न बजाने के कारण रोडरेज - 25 प्रतिशत

गलत तरीके से वाहन चलाने की वजह- 25 प्रतिशत

किसी तरह की गलती होने पर गलत व्यवहार करने पर- 23 प्रशित

हेडलाइट जलाने और बुझाने, खिड़की से थूकने पर - 27 फीसदी

ऐसे करें रोडरेज से बचाव

-ट्रैफिक जाम होने से लोगों के भीतर चिड़चिड़ापन आ जाता है। इससे राह चलते हुए लोगों में काफी गुस्सा भड़कता है। भीड़ के समय वाहन लेकर चलने से परहेज करें। किसी भी तरह की घटना फौरन रियेक्ट न करें।

-थकान होने पर ड्राइविंग करने से बचे। अगर गाड़ी चलाना जरूरी हो तो थोड़ा रेस्ट करके वाहन चलाएं।

-रास्ते में चलने के दौरान शराब का बिल्कुल न पीए। कोई अन्य नशा करते हों तो उससे बचने का प्रयास करें।

-वाहन चलाते समय लेन को ब्लाक न करें। अगर पीछे से आ रहे वाहन चालक साइड मांगे तो उनको गाड़ी निकलने के लिए जगह दें। बेवजह के कंप्टीशन से बात बिगड़ जाती है। साइड न मिलने पर इंतजार करें। बार-बार हार्न बजाकर दूसरों को इरीटेट न न करें।

-कहीं पर भी गाड़ी की पार्किंग करते हुए इस बात का ख्याल रखें कि अन्य लोगों को वाहन खड़ी करने में कोई प्राब्लम न हो।

-वाहन चलाते समय मोबाइल पर बात करने से बचें। वाहन के भीतर म्यूजिक सिस्टम को धीमी आवाज में बजाएं।

वर्जन

मौसम के बदलाव से मनोभाव बदलते हैं। गर्मी बढ़ने से उद्दोलन उच्च स्तर का होता है। सड़क पर चलने के दौरान तेज धूप और गर्मी से मन में कुंठा भी पैदा होती है। इससे गुस्सा भड़कता है। इसमें दूसरे लोगों की मामूली सी गलती पर ज्यादा रियेक्शन होता है। छोटी बात पर भी लोग आपस में भिड़ जाते हैं। गर्मी के दिनों में अक्सर सड़क पर चलते हुए लोग भिड़ते हैं। इनमें ज्यादातर घटनाएं सुबह 10 बजे से लेकर दोपहर दो बजे के बीच में सामने आती हैं।

डॉ। धनंजय कुमार, साइकोलाजिस्ट