-कानपुर कॉलिंग के माध्यम से लोगों ने आई नेक्स्ट से शेयर की अपनी राय, जू प्रशासन को बताया लापरवाह

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कानपुर जू की झील में नाले का पानी पहुंचने से शनिवार को हजारों मछलियों की मौत हो गई। नाले के पानी में कई केमिकल्स मौजूद हैं। बरसात के मौसम में इंफेक्शन का खतरा वैसे ही बहुत ज्यादा होता है। ऊपर से नाला ओवर फ्लो हो चुका है, जिससे जू में मौजूद दूसरे जानवरों को भी इंफेक्शन का खतरा बढ़ गया है। इंफेक्शन की वजह से 2011-12 में जू में दर्जनों हिरनों की मौत हो गई थी। बाघिन के बच्चों की भी मौत संक्रमण से हो चुकी है। जू के डॉक्टर भी मानते हैं कि कुछ जानवरों में संक्रमण बहुत जल्दी होता है। कानपुराइट्स का भी मानना है कि जू के जानवरों में संक्रमण का ख्ातरा है।

जानलेवा साबित हाे सकता है

इस मामले पर आई नेक्स्ट को कानपुराइट्स की ढेरों प्रतिक्रियाएं आई। लोगों ने वाट्सएप, मोबाइल और मेल पर अपनी राय जाहिर की। शहरवासियों का कहना है कि कानपुर जू में जानवरों को संक्रमण का खतरा ज्यादा है लेकिन इसके बावजूद इंतजाम नाकाफी हैं। पूर्व सरकारी पशु चिकित्सक डॉ। राजवीर सिंह के मुताबिक बरसात के मौसम में जू प्रशासन को बहुत अलर्ट रहने की जरूरत है वरना जानवर इंफेक्शन की चपेट में आ जाएंगे। उनके मुताबिक अगर सीवर का केमिकल्स युक्त पानी जू की झील में पहुंच चुका है तो ये और भी खतरनाक है क्योंकि कई जानवर ऐसे हैं जोकि पानी के आसपास रहना पसंद करते हैं। इसके अलावा बरसात में जानवरों के बाड़े में साफ-सफाई का ख्याल रखने में अगर लापरवाही की तो भी जानवरों के लिए जानलेवा साबित हो सकता है।