एसएनसीयू का क्लचर टेस्ट भी आया पॉजिटिव

क्षतिग्रस्त हुई करोड़ों की इमारत, जगह-जगह सीलन

Meerut. जिला महिला अस्पताल की सिक न्यू बॉर्न केयर यूनिट में इंफेक्शन जांच का क्लचर टेस्ट पॉजिटिव आया है. इस वजह से नवजातों की जान को खतरा है. यही नहीं नई मैटरनिटी विंग की इमारत साल भर में ही खस्ता हो गई है. करोड़ो की बिल्डिंग में जगह-जगह सीलन की समस्या आ रही है, जबकि नए टाइल्स भी उखड़ गए हैं. खिड़कियों में लगी जाली भी टूट गई है.

एसएनसीयू में खतरा

बेहद सेंसटिव एरिया माने जाने वाले एसएनसीयू वार्ड भी यहां सेफ नहीं है. दूसरे फ्लोर पर बने इस वार्ड में इंफेक्शन रेट सबसे ज्यादा है. सीलन की वजह से यहां खतरनाक बैक्टीरिया पनप रहे हैं. इसका खुलासा वार्ड में इंफेक्शन जांच के लिए हुए कल्चर टेस्ट से हुआ है. टेस्ट रिपोर्ट पॉजिटिव आई है. इसकी वजह से न्यू बॉर्न बेबीज में सांस व पेट का गंभीर इंफेक्शन हो सकता है. काला पीलिया, न्यूमोनिया, कमजोरी, कृमि आदि की समस्या भी हो सकती है. इंफेक्शन होने की वजह नवजात की जान भी जा सकती है. सभी इक्यूपमेंट्स इलेक्ट्रिक होने की वजह से यहां करंट उतरने का भी गंभीर खतरा बना हुआ है.

ड्रेनेज सिस्टम बिगड़ा

जिला महिला चिकित्सालय की नई बिल्डिंग में शौचालयों का ड्रेनेज सिस्टम पूरी तरह बिगड़ा हुआ है. गंदे पानी की निकासी का रास्ता नही है. इस वजह से ये पानी दीवारो में भरकर जगह-जगह से रिस रहा है. वार्डो में सीलन का भी बुरा हाल है. पीडब्ल्यूडी की ओर से 1966.31 लाख रुपये की लागत से तैयार इस बिल्डिंग में 20 अप्रैल 2018 को अस्पताल शिफ्ट किया गया था. 100 बेड और फोर फ्लोर वाले इस मैटरनिटी विंग में लगे ग्लास के दरवाजे लगाए गए थे. आलम ये है कि यहां के दरवाजे भी टूट गए हैं, जबकि कई शौचालय भी अभी से खराब भी हो गए हैं.

अस्पताल बिल्डिंग में कई जगह से टाइल्स आदि टूट गई हैं. सीलन की समस्या भी आ रही हैं. अस्पताल के पास अलग से कोई फंड नहीं हैं. यूजर चार्ज व अन्य फंड से ही इसे ठीक करवाया जाएगा. एसएनसीयू की ऊपरी मंजिल पर बने बाथरूम को बंद करवा दिया गया है.

डॉ. मनीषा वर्मा, एसआईसी, जिला महिला अस्पताल