प्रतिबंध के बाद भी सड़कों पर दौड़ रहे जुगाड़

कमर्शियल वाहन से सस्ता देशी जुगाड़

Meerut। केवल ग्रामीण क्षेत्र और खेतीबाड़ी में अवैध रूप से इस्तेमाल किया जाने वाला जुगाड़ वाहन आज शहर की सड़कों पर भी हावी हो चुका है। इतना कि शहर की यातायात व्यवस्था बिगड़ी जा रही है और सड़क पर दुर्घटनाओं का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है। आरटीओ विभाग की नियमावली में इन वाहनों का कोई स्थान नहीं है, इसके बावजूद विभाग इनके प्रयोग पर प्रतिबंध लगाने में नाकाम साबित हो रहा है।

एक्ट में है ही नहीं

मोटर व्हीकल एक्ट में जुगाड़ नाम के किसी वाहन की नियमावली नही है। जुगाड केवल किसानों द्वारा या माल ढोने के गांव देहात की सड़कों तक सीमित वाहन था। इनमें बैक लाइट, ब्रकिंग सिस्टम, सीट कुछ भी सुरक्षा मानकों के अनुसार नही हैं। प्रदूषण के मानकों को भी ये पूरा नही करते।

231 के पेंच ढीले

आरटीओ विभाग के आंकड़ों पर नजर डालें तो प्रवर्तन दल ने चेकिंग के दौरान एक साल में दौ सौ से करीब 231 अधिक जुगाड़ वाहनों पर कार्रवाई करते हुए उन्हें नष्ट कराया है। अधिकतर केसों में जुगाड़ वाहन के पकड़े जाने पर वाहन मालिक को खुद ही शहर की सड़कों में संचालन न करने की शर्त पर छोड दिया जाता है, इसलिए इन वाहनों पर एक्शन काफी कम हो पाता है।

जुगाड़ के लिए मोटर व्हीकल एक्ट में कोई प्रावधान नही है, इसलिए इनका संचालन प्रतिबंधित है। अधिकतर किसान या माल ढुलाई के लिए प्रयोग करते है इसलिए इनको चेतावनी देकर छोड़ दिया जाता है। लेकिन यदि सवारी ढोते हुए मिलते हैं तो तुरंत नष्ट करने की कार्रवाई की जाती है।

ओपी सिंह, आरटीओ प्रवर्तन