रोड के किनारे जमे रहे

फ्लड अफेक्टेड एरिया में रहने वाले लोग या तो किसी कम्यूनिटी सेंटर या फिर प्लास्टिक व तिरपाल के सहारे रोड के किनारे जमे रहे। वे बारिश के थमने व घर से पानी निकलने का इंतजार कर रहे थे, ताकि वापस अपने घर में जाकर उसकी साफ-सफाई कर रहने लायक बना सकें। ट्यूजडे की रात ही घर छोड़ देने व बाहर प्लास्टिक के नीचे या फिर कम्यूनिटी सेंटर में जमे लोग रक्षा बंधन बेहतर ढंग से सेलिब्रेट नहीं कर सके।

2011 में भी आयी थी बाढ़
वर्ष 2011 में भी रक्षाबंधन के दिन ही बाढ़ आयी थी। हालांकि उस वक्त पानी से इतनी ज्यादा तबाही नहीं हुई थी। इस साल काफी घरों में बाढ़ का पानी घुस जाने के कारण लोगों को काफी नुकसान हुआ है। इसके अलावा वर्ष 2008 में आयी बाढ़ को याद कर ही अफेक्टेड एरिया के लोग सिहर उठते हैैं।

बाढ़ से हुआ काफी नुकसान
सिटी के शास्त्रीनगर, बागबेड़ा, जुगसलाई व मानगो सहित अन्य एरिया में लगभग 500 घरों में पानी घुस गया है, जिससे दो हजार से ज्यादा लोग अफेक्टेड हुए हैं। ये सभी लोग या तो बाहर रोड के किनारे तिरपाल के नीचे, कैम्प में या घर की छत पर ही टेंट लगाकर जमे हुए हैं। कई ऐसे लोग भी हैैं, जिनके घरों में पानी भर जाने के कारण छत पर शरण लेने को मजबूर हैं। घरों में बाढ़ का पानी घुस जाने के कारण ज्यादातर सामान खराब हो गए हैं। इनमें इलेक्ट्रॉनिक आयटम्स के साथ ही खाने के सामान व कपड़े तक शामिल हैं।
चांडिल डैम के 4 गेट हुए बंद
फ्लड कंट्रोल रूम से मिली इंफॉर्मेशन के मुताबिक चांडिल डैम के 4 स्लूइस गेट बंद कर दिए गए हैैं। इसके अलावा बांक्वेल डैम के भी 5 में से 2 गेट को बंद कर दिया गया है जिसके कारण नदियों में पानी का फ्लो कुछ कम हुआ है।

खतरे के निशान से ऊपर
फ्लड कंट्रोल रूम द्वारा उपलब्ध करायी गयी जानकारी के अनुसार रात आठ बजे स्वर्णरेखा का वाटर लेवल खतरे के निशान से .29 मीटर उपर था। वहीं खरकई नदी खतरे के निशान से  4.80 मीटर उपर बह रही थी। मिली जानकारी के मुताबिक बांक्वेल डैम में वाटर लेवल घटने लगा है। इस कारण राहत की स्थिति बनी है।

Boat का भी हुआ arrangement

बाढ़ से बचाव को लेकर राहत दल को भी अलर्ट कर दिया गया है। इसके तहत बोट व अन्य जरूरी अरेंजमेंट कर लिए गए हैं। रेडक्रॉस के साथ ही अल्पाइन एडवेंचर क्लब के लोग भी राहत कार्य के लिए पूरी तरह तैयार हैं।

हुई 50 एमएम वर्षा  
वेटर डिपार्टमेंट के मुताबिक पिछले 24 घंटे में स्टेट में 50 एमएम बारिश हुई है। वहीं डिपार्टमेंट द्वारा जारी किए गए वेदर फॉरकास्ट के अनुसार पूरे स्टेट में अगले 24 घंटे में 42 एमएम बारिश होने का अनुमान है। इसके साथ ही इस साल अब तक 584 एमएम बारिश हुई है जो नॉर्मल से 23 एमएम कम है। मौसम विभाग के जीके मोहंती का कहना है कि अगले 24 घंटों में डिप्रेशन धीरे-धीरे कमजोर हो जाएगा उसके बाद से बारिश में कमी आएगी।


बारिश के कारण काफी परेशानी हो रही है। कई घरों में पानी घुस जाने से लोग घर के बाहर रह रहे हैं। मैं भी ऑफिस से छुïट्टी लेकर घर आ गया हूं ताकि इस परेशानी से निपटा जा सके।
-समीरन रॉय, एलआईसी

बाढ़ के कारण घर से बाहर निकलने में परेशानी हो रही है। हमारे घर के सामने तक पानी आ गया है। इस कारण ट्यूशन व स्कूल जाने में भी प्रॉब्लम हो रही है।
-रजत रॉय, कदमा

मेरा तो घर ही डूब गया है। मैैंने अपनी पूरी फैमिली के साथ कैम्प में शरण ली है। रक्षाबंधन का त्योहार भी कैम्प में ही मनाया। काफी परेशानी भी हो रही है।
-महेश प्रसाद वर्मा, कदमा

बाढ़ के कारण स्कूल आने-जाने में प्रॉब्लम हो रही है। मैदान में भी पानी भर गया है जिसके कारण हम खेल भी नहीं सकते। अब तक किसी के द्वारा कोई सहायता भी नहीं अवेलेबल करायी गई है।
- भाष्कर राव, स्टूडेंट

फ्लड अफेक्टेड एरिया का जायजा लेने के बाद जेएनएसी, एमएनएसी व जुगसलाई नगरपालिका के स्पेशल ऑफिसर को ध्यान रखने को कहा गया और प्रभावितों के लिए बेहतर अरेंजमेंट करने का भी निर्देश दिया गया है।
-सुबोध कुमार, एसडीओ, धालभूम

खरकई का वाटर लेवल डेंजर लेवल को क्रॉस कर गया है, हालांकि दोनों नदियों में पानी फिलहाल कांस्टेंट हैं। चांडिल व बांक्वेल डैम के कुछ गेट बंद कर दिए जाने के कारण थोड़ी राहत है।
उमेश कुमार, इंचार्ज, फ्लड मॉनिटरिंग सेल

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