भारत सरकार की मिनिस्ट्री ऑफ वाटर रिर्सोसेस के सचिव ने किया मेरठ में नदियों का निरीक्षण

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Meerut। देश की नदियां नाला बन चुकी हैं। बरसात के दिनों के अलावा अब ये सालभर शहरों का सीवरेज वेस्ट और इंडस्ट्रियल इंफ्लूएंट ढो रही हैं। शनिवार को मेरठ पहुंचे मिनिस्ट्री ऑफ वाटर रिसोर्सेस के सचिव यूपी सिंह ने कहा कि भ्रष्टाचार के जहर से नदियां जहरीली हो गई हैं।

डॉयल्यूशन ही सॉल्यूशन

केंद्र सरकार की नमामि गंगे स्कीम के तहत मेरठ-बागपत जनपद में निरीक्षण के लिए आए केंद्रीय सचिव ने सर्किट हाउस में वार्ता के दौरान कहा कि नादियों के पॉल्यूशन का सॉल्यूशन, डॉयल्यूशन है। उन्होंने कहाकि सरफेस वाटर और ग्राउंड वाटर का अति दोहन हो रहा है, इसके लिए एरीगेशन में नई टेक्नीक की आवश्यकता है। तालाबों से अतिक्रमण हटाने की आवश्यकता है।

ताकि न हो पैसे की बर्बादी

केंद्रीय सचिव ने बताया कि अब हाइब्रिड एन्यूटी मॉडल को सरकार एडॉप्ट कर रही है। इसके तहत पीपीपी मॉडल से काम कर रही कार्यदायी संस्था को योजना के मद का 40 प्रतिशत कमीशन होने पर और 60 प्रतिशत आने वाले 15 सालों में किश्तों में चुकाया जाएगा। हालांकि सरकार संस्था को ब्याज भी देगी।

वन सिटी-वन ऑपरेटर

उन्होंने कहा कि शहरों में सीवर ट्रीटमेंट प्लांट के संचालन का जिम्मा एक ही ऑपरेटर को दिया जाएगा। इसके अलावा देश के 12 टॉप इंजीनियरिंग इंस्टीट्यूट गंगा और उसकी सहायक नदियों के किनारों पर स्थित फैक्ट्रियों का निरीक्षण करेंगे और उनकी इंफ्लूएंट को ट्रीट करने में तकनीकि मदद करेंगे। सरकार अब उद्योगों को इंफ्लूएंट ट्रीटमेंट प्लांट (ईटीपी) के लिए फंड भी दे रही है।

मेरठ-बागपत में किया निरीक्षण

केंद्रीय सचिव ने शनिवार सुबह गंग नहर पर जानी एस्केप का निरीक्षण किया। यहां से हिंडन नदी में 1800 क्यूसेक पानी प्रतिदिन डाला जा रहा है। सिंचाई विभाग के अधिकारियों को नियमित मॉनीटरिंग के आदेश देते हुए वे पुरा महादेव पहुंचे। यहां उन्होंने हिंडन नदी का निरीक्षण किया। बागपत के बरनावा में उन्होंने किशनी नदी के हिंडन में मिलने के स्थान को देखा। केंद्रीय सचिव को यहां हिंडन में गंदा औद्योगिक वेस्ट मिला जिस पर उन्होंने अधिकारियों से जबाव-तलब किया। हिंडन में काली नदी (वेस्ट) के मिलने के स्थल पिठलोखर का निरीक्षण उन्होंने किया। यहां हैंडपंप से निकल रहे गंदे लाल-पीले पानी को देखकर वे हैरान रह गए। सर्किट हाउस में लंच के बाद केंद्रीय सचिव ने मेरठ विकास प्राधिकरण के जागृति विहार एक्सटेंशन स्थित सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का निरीक्षण किया। आबूनाले और ओडियन नाले की दुर्दशा को देखा और काली नदी (ईस्ट) का निरीक्षण किया। निरीक्षण में सिंचाई विभाग, जल निगम, एमडीए के अधिकारियों के अलावा नीर फाउंडेशन के रमनकांत त्यागी मौजूद रहे।