- फिर बाढ़ को लेकर अलर्ट हुई चौकियां

- कई जगह नदियों में हो रही है बढ़त, राप्ती लाल निशान से सिर्फ दो मीटर नीचे

GORAKHPUR: गोरखपुर में जून के आखिर से ही हो रही झमाझम बारिश ने शहर के लोगों को काफी राहत दी, लेकिन दूसरी ओर पड़ोसी मुल्क नेपाल की बरसात ने लोगों का चैन-व-सुकून छीन लिया है। रविवार से ही नेपाल में हो रही झमाझम बारिश की वजह से यहां पर भी बाढ़ आने की संभावना बढ़ गई है। ऐसा इसलिए कि जब भी नेपाल की पहाडि़यों पर बारिश होती है, तो वहां पानी का स्तर बढ़ने लगता है। ज्यादा दबाव होने की वजह से नेपाल का पानी आसपास बह रही नदियों में आता है, तो सीधा गोरखपुर से जुड़ी नदियों में आ मिलता है। इसकी वजह से यहां का जलस्तर भी काफी बढ़ जाता है। नेपाल में मंगलवार को झमाझम बारिश हुई है, इसका असर गोरखपुर में 48 घंटे के बाद नजर आने की उम्मीद है, जिसकी वजह से यहां भी पानी बढ़ने के आसार काफी ज्यादा बढ़ गए हैं।

सभी नदियां उफान पर

गोरखपुर से जुड़ी जितनी भी नदियां हैं, वहां नेपाल से बारिश का पानी आने की वजह से उनमें उफान देखने को मिला। महराजगंज और आसपास के इलाकों में तो छोटी नदियां मुहाने से बाहर आ गई, जिससे उन इलाकों में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए। वहीं वहां की छोटी नदियां बढ़ जाने से बड़ी नदियों में भी उफान देखने को मिला और करीब 8 से 10 फीट तक पानी बढ़ गया। राप्ती में भी 24 घंटे में करीब दो मीटर से ज्यादा बढ़त दर्ज की गई, जिससे जिम्मेदारों के होश उड़ गए। जिम्मेदारों ने उम्मीद जताई है कि गुरुवार से नदियों में पानी कम होगा, जिससे लोगों को राहत मिलेगी।

पिछली बार चपेट में आए थे दर्जनों गांव

2016 और 2017 में बाढ़ ने काफी परेशानी बढ़ाई थी। नेपाल में हुई बारिश की वजह से गोरखपुराइट्स को भीषण तबाही झेलनी पड़ी थी। नेपाल से सटे सिद्धार्थनगर और महराजगंज में बाढ़ ने तबाही मचा डाली, जिसमें सौ से अधिक गांव बाढ़ की चपेट में आ गए। वहीं गोरखपुर में भी सैकड़ों गांव डूब गए और हजारों लोग महीनों बेघर रहे। इसकी वजह से गोरखपुर से सिद्धार्थनगर, बढ़नी होते हुए गोंडा तक जाने वाली कई गाडि़यां भी रेलवे को कैंसिल करनी पड़ी थी। नेपाल के पानी की वजह से गोरखपुर और आसपास के गांवों में पानी भरने लगता है, जिससे राप्ती, रोहिन, घाघरा, कुआनो समेत अन्य तमाम नदियां उफनाने लगती हैं।

यह है नदियों का स्टेटस

नदी जगह डेंजर लेवल 3 जुलाई 4 जुलाई

घाघरा अयोध्या पुल 92.73 मीटर 89.52 मीटर 91.07 मीटर

घाघरा तुर्तीपार 064.1 मीटर 59.57 मीटर 60.02 मीटर

राप्ती बर्डघाट 074.9 मीटर 70.5 मीटर 72.80 मीटर

रोहिन त्रिमोहिनीघाट 082.4 मीटर 79.4 मीटर 81.23 मीटर

बूढ़ी राप्ती ककरही 85.65 मीटर 84.24 मीटर 84.82 मीटर

वर्जन

प्रशासन के लेवल पर सभी तैयारियां की गई हैं। हम लगातार एनडीआरएफ के कॉन्टैक्ट में हैं। कहीं से भी कोई सूचना आती है, तो रिलीफ के लिए टीम हर दम तैयार है।

- गौतम गुप्ता, प्रोजेक्ट मैनेजर, डीडीएमए