- लाठी के बल पर आरजेडी का बंद, जगह-जगह अराजक होते दिखे आरजेडी कार्यकर्ता

- पटना हाईकोर्ट के जज भी फंसे बंद में, नहीं थे सुरक्षा के कोई इंतजाम

- पुलिस दिखी बेबस, लालू ने कहा-भाजपा मतलब भारत जलाओ पार्टी

PATNA: मंडे को आरजेडी की ओर से बिहार बंद किया गया। जातिगत आधारित जनगणना को जारी करने की मांग को लेकर। बंद असरदार रहा। पटना में भी बंद का जबरदस्त असर देखने को मिला। सड़क, चौराहे, दुकानें सभी बंद, लेकिन इस बंद का एक चेहरा यह भी था कि आरजेडी अपने पुराने अराजक रूप में नजर आई। लाठी और डंडे के बल पर सड़कों को समर्थक बंद करवा रहे थे। आम लोगों के साथ-साथ कई जगह खास लोगों से भी आरजेडी के समर्थक उलझते नजर आए।

आगजनी व जबरन दुकानें बंद

आरजेडी समर्थक सुबह छह बजे ही सड़कों पर उतर आए। सुबह से ही कार्यकर्ता सड़कों पर टायर चलाकर आगजनी करने लगे। साथ ही बांस-बल्ले से सड़कों को घेर दिया गया। सुबह-सुबह राजधानी के कई एरिया जैसे चितकोहरा, अनीसाबाद, फुलवारीशरीफ, नाला रोड, मखनिया कुआं, अशोक राजपथ आदि में दुकानें खुलीं, लेकिन बंद समर्थकों ने जबरन दुकानों को बंद करा दिया। कई लोगों से बंद समर्थकों ने हाथापाई की। कई जगहों से समर्थकों को पुलिस ने हिरासत में लिया। कई एरिया में भीड़ की अराजकता के कारण एंबुलेंस तक फंसे रहे। मीठापुर, जक्कनपुर आदि एरिया में कार्यकर्ताओं ने ठेले-खोमचे वाले, ऑटो चालकों और रिक्शा चालकों के साथ भी जबरदस्ती की।

छात्र राजद ने कराया बंद

सुबह आठ बजे से ही छात्र राजद के कार्यकर्ता अशोक राजपथ को जाम कर दिए। सड़कों पर टायर जलाकर आगजनी की। लोगों को कार्यकर्ता कॉलेज और पटना सिटी की ओर जाने नहीं दे रहे थे। कॉलेजों में जाकर कार्यकर्ताओं ने कक्षाओं को प्रभावित किया। बंद के कारण पहले से ही कॉलेजों में स्टूडेंट्स और टीचर्स की संख्या कम थी। जैसे ही कॉलेजों में कक्षाएं शुरू हुई, ऑफिसों में कामकाज होने लगे। छात्र राजद के कार्यकर्ता कैंपस में जमा होने लगे। कार्यकर्ता दरभंगा हाउस, पटना कॉलेज, बीएन कॉलेज आदि जगहों पर जाकर कक्षाओं को ऑफिशियल कामकाज को प्रभावित किया। इस कारण कॉलेजों में दैनिक काम तक नहीं हो सका।

प्लीज गिरफ्तारी दे दीजिए

डाक बंगला चौराहे को सुबह से आरजेडी और सपा के कार्यकर्ताओं ने ब्लॉक कर दिया। आरजेडी ऑफिस, बीरचंद पटेल पथ से निकला छात्र राजद का जुलूस इंकमटैक्स गोलंबर को ब्लॉक करते हुए डाकबंगला पहुंची। करीब ग्यारह बजे पटना जंक्शन होते हुए राजद के प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र पूर्वे भी डाकबंगला चौराहा पहुंचे। डाक बंगला चौरहा से किसी पब्लिक को जाने नहीं दिया गया। हालांकि पुलिस काफी संख्या में तैनात थी। चौराहे पर आरजेडी सपोर्टर के साथ कई लोगों की झड़प हुई। कई ऑटो चालकों और साइकिल सवारों के टायर की हवा निकाल दी गई। स्थिति गंभीर होते देख एसएसपी विकास वैभव और सिटी एसपी चंदन कुशवाहा को डाकबंगला चौराहा आना पड़ा। पुलिस बंद समर्थकों से उलझना नहीं चाह रही थी। ग्यारह बजे के बाद से पुलिस ने समर्थकों से कहना शुरू किया कि गिरफ्तारी देकर बंद को खत्म किया जाय। लेकिन कार्यकर्ता मानने को तैयार नहीं थे। पुलिस ने माइक पर अनाउंस शुरू किया कि आरजेडी के सीनियर लीडर्स से बात हो गई है। आपलोगों से अनुरोध है कि गिरफ्तारी दे दीजिए। लेकिन बंद समर्थकों ने पुलिस प्रशासन की एक नहीं सुनी।

लालू के आने के बाद अरेस्टिंग

दिन के साढ़े बारह बजे आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद सपोर्टर्स और दोनों बेटे तेजस्वी और तेजप्रताप यादव के साथ टमटम पर सवार होकर डाकबंगला चौराहा पहुंचे। चौराहे पर लालू ने कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। सबसे पहले लालू ने पंजाब में हुए आतंकी हमले की निंदा की। बीजेपी और नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें हर हाल में जातिगत जनगणना की रिपोर्ट सार्वजनिक करनी होगी। पीएम के डीएनए वाली टिप्पणी पर भी लालू ने बीजेपी पर जमकर निशाना साधा। बीजेपी को भारत जलाओ पार्टी कहते हुए कहा कि ये कैसा राज है कि इनके राज में सोना मंहगा हो गया और दाल मंहगी हो गई। इसके बाद लालू ने अपने सपोर्टर्स के साथ गिरफ्तारी दी। लालू को सपोर्टर्स के साथ बीएमपी कैंपस स्थित अस्थाई जेल ले जाया गया।

बंद पर हाईकोर्ट सख्त

बंद के दौरान पटना हाईकोर्ट के जज भी राजधानी के विभिन्न जगहों पर फंसे रहे। चितकोहरा गोलंबर के पास हाईकोर्ट के एक जज को कोर्ट जाते समय आरजेडी सपोर्टर्स ने रोक दिया। काफी मुश्किलों के बाद जज को जाने दिया गया। जज की गाड़ी गोलंबर के पास रोकी गई, उनका गार्ड गाड़ी से नीचे उतरकर कार्यकर्ताओं को समझाते रहे। पुलिस का कोई जवान आसपास मौजूद नहीं दिखा। हाई कोर्ट ने कड़ा रुख अपनाते हुए राज्य सरकार से पूछा कि क्या वे बंद का समर्थन कर रहे हैं? कोर्ट ने राज्य सरकार के मुख्य सचिव को पूरे मामले में अपना पक्ष रखने के लिए तलब किया है। हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया है। हाई कोर्ट के जज राकेश कुमार ने राज्य सरकार पर तल्ख टिप्पणी की और कहा कि मुख्य सचिव बताएं कि बंद के दौरान शहर की स्थिति अराजक क्यों हो गई। उन्होंने कहा कि कोर्ट को यह भी जानकारी दें कि राज्य सरकार की ओर से सुरक्षा के क्या इंतजाम किए गए थे।