लालू का मोदी पर हमला-चाय नहीं, चरस बेचते थे, कांग्रेस में चल रही अंदरूनी गुटबाजी खत्म करें

PATNA (21 Oct): बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री डॉ। श्रीकृष्ण सिंह की जयंती पर कांग्रेस ने बापू सभागार में शनिवार को कार्यक्रम आयोजित किया। इसमें राजद प्रमुख लालू यादव को मुख्य अतिथि बनाया गया था। इस दौरान लालू ने केंद्र सरकार और राज्य सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने बिहार में लोकसभा चुनाव में नीतीश कुमार की चुनौतियों को खारिज करते हुए भाजपा से सीधी लड़ाई बताई। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की जाति को लेकर कहा है कि वे तेली नहीं है, बल्कि मोटी घासी हैं, जो गुजरात में अपर कास्ट में आते हैं।

नोटबंदी और जीएसटी पर प्रहार

प्रधानमंत्री के चाय बेचने की बात पर तंज कसते हुए लालू ने दावा किया कि रेलवे में मोदी के रिश्तेदार का ठेका चलता था, जहां वह काम करते थे। पता चला है कि वहां चाय नहीं, चरस बिकती थी। लालू ने मोदी की मिमिक्री कर नोटबंदी एवं जीएसटी पर भी प्रहार किया और कहा कि तीन साल में देश को भारी नुकसान हुआ है, लेकिन पीएम को बहनों एवं भाइयों कहने से फुर्सत नहीं है। लालू ने लोकसभा चुनाव के लिए खुद को तैयार बताया। उन्होंने कहा कि सुनने में आया है कि ख्0क्8 में ही चुनाव होने वाला है। लालू कभी डरने और झुकने वाला नहीं है। लालू ने मोदी को पिछले चुनाव की याद दिलाई और कहा कि उन्होंने देश की किस्मत बदलने के लिए कांग्रेस के म्0 साल से तुलना करते हुए म्0 महीने का मौका मांगा था, किंतु तीन वर्षो में ही अर्थव्यवस्था चरमरा गई।

डर गए है नीतीश-सुशील मोदी

लालू ने मुख्यमंत्री पर भी सीधा हमला बोला और कहा कि नीतीश कुमार की कहानी खत्म हो गई। भाजपा उन्हें अब संपेरे की तरह नचा रही है। मिट्टी घोटाले की निगरानी जांच पर लालू ने कहा कि केंद्रीय एजेंसियों ने उन्हें और उनके अबोध बेटे को पहले ही नोटिस भेज रखा है। वह डरने वाले नहीं हैं। जो डर गया, वह मर गया। लालू ने दावा किया कि सृजन घोटाले में फंसने से नीतीश और सुशील मोदी डर गए हैं।

लालू है सोनिया-राहुल के हितैषी

कार्यक्रम के दौरान लोकसभा की पूर्व स्पीकर मीरा कुमार ने लालू को अदम्य साहस वाला और कांग्रेस के लिए महत्वपूर्ण बताया। वहीं अखिलेश ने लालू को सोनिया गांधी और राहुल गांधी का सबसे बड़ा हितैषी बताया। कार्यक्रम को पूर्व राज्यपाल निखिल कुमार, प्रदेश अध्यक्ष कौकब कादरी, शकील अहमद, एलपी शाही, केके तिवारी, प्रेमचंद मिश्रा, अशोक कुमार समेत कई नेताओं ने सं बोधित किया। कार्यक ्रम का संचालन धर्मवीर शुक्ला ने किया।

राजद से गठबंधन के मुद्दे पर दो गुटों में बंटी कांग्रेस की बानगी श्रीबाबू के जयंती समारोह में भी दिखी। लालू समर्थक माने जाने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री अखिलेश सिंह की ओर से आयोजित कार्यक्रम से पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अशोक चौधरी एवं उनके समर्थक गायब दिखे। लालू ने कांग्रेस को नसीहत देते हुए गुटबाजी खत्म करने की जरूरत बताई।