RANCHI : यह लालू प्रसाद यादव की पेशी थी या उनके बॉडीगार्ड की? सोमवार को रांची के सिविल कोर्ट कैंपस में इसको लेकर चर्चाएं होती रहीं। दरअसल, आरजेडी सुप्रीमो सह बिहार के एक्स सीएम लालू प्रसाद यादव चारा घोटाले के देवघर कोषागार से 89 लाख रुपए निकासी के मामले में सोमवार को सीबीआई के स्पेशल जज एके रॉय की कोर्ट में अपना बयान दर्ज कराने पहुंचे थे। दिन के 11 बजे जैसे ही उनका नाम कोर्ट में पेशी के लिए पुकारा गया, उनके साथ उनकी सिक्योरिटी के लिए आए पारा मिलिट्री फोर्स के कमांडो भी इजलास (कोर्ट रूम) में हथियार के साथ पहुंच गए। एक तरफ लालू प्रसाद यादव के मामले में सुनवाई हो रही थी, दूसरी तरफ उनके बॉडीगार्ड न्याय के मंदिर में हथियार के साथ मुस्तैद थे। समर्थकों, मीडियाकर्मियों से घिरे लालू प्रसाद यादव के बॉडीगार्ड द्वारा इजलास में हथियार के साथ प्रवेश करने पर तरह-तरह की चर्चाएं होने लगीं।

लालू का रौब या कुछ और

बॉडीगा‌र्ड्स को लेकर इजलास में प्रवेश करना लालू प्रसाद यादव का रौब था या कुछ और, इसे लेकर कोर्ट कैंपस में चर्चाएं होती रहीं। अमूमन यह देखा जाता है कि जब भी कोई वीवीआईपी कोर्ट में जाते हैं, तो उनके बॉडीगा‌र्ड्स इजलास के बाहर दरवाजे पर तैनात होते हैं या कोर्ट कैंपस में रहते हैं, पर लालू प्रसाद यादव के बॉडीगा‌र्ड्स का इस तरह से खुलेआम हथियार लेकर इजलास में प्रवेश करना चर्चा का विषय बना रहा।

नियम तो यह है

हाईकोर्ट के एक सीनियर एडवोकेट ने बताया कि इजलास में सुनवाई के दौरान कोई भी हथियारबंद व्यक्ति मौजूद नहीं रह सकता है। उन्हें हथियार बाहर ही छोड़ना पड़ता है। कोर्ट एक्ट के तहत यह नॉट अलाउड है। जबकि, दूसरी ओर अगर आरोपी हाईप्रोफाइल है और उनकी जान को खतरा है, तो उसे देखते हुए गवर्नमेंट की तरफ से सिक्योरिटी गा‌र्ड्स दिए जाते हैं। यह जज पर डिपेंड करता है कि वह आरोपी के बॉडीगार्ड को इजलास में रहने की परमिशन देते हैं या उसे इजलास के बाहर भेजते हैं।

इसमें कुछ गलत नहीं

इस संबंध में रांची के एसएसपी प्रभात कुमार ने कहा कि लालू प्रसाद यादव बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री रह चुके हैं। साथ ही आरजेडी के नेशनल प्रेसिडेंट हैं। उन्हें इंडियन गवर्नमेंट की ओर से जेड प्लस की सिक्यूरिटी मिली हुई है। उनके इर्द-गिर्द चौबीसों घंटे ब्लैक कैट कमांडों को तैनात रहने का निर्देश है। ऐसे में यदि लालू प्रसाद यादव के पीछे-पीछे बॉडीगा‌र्ड्स हथियार समेत इजलास में जाते हैं, तो यह कतई गलत नहीं है। वहां ऑनरेबल जज रहते हैं। एसएसपी ने कहा कि यह भी हो सकता है कि इजलास में भीड़ हो और क्राउड उनके करीब जाने की कोशिश कर रही हो, तो वैसी परिस्थिति में बॉडीगा‌र्ड्स अदंर जा सकते हैं, पर उसमें ऑनरेबल जज की सहमति जरूरी है।

मुझ पर तो केस चलना ही नहीं चाहिए

सोमवार को सीबीआई कोर्ट में अपना बयान दर्ज कराने आए लालू प्रसाद यादव ने सीबीआई पर ही आरोप लगा दिया। उन्होंने कहा कि सीबीआई ने उन्हें आरोपी बना दिया। कोर्ट में साढ़े चार घंटे तक बयान दर्ज कराने के समय लालू प्रसाद यादव ने कहा कि उनकी उम्र 66 साल है। उनपर तो केस चलना ही नहीं चाहिए। कोर्ट ने लालू प्रसाद यादव से इस दौरान करीब 32 सवाल पूछे। सारे सवालों में लालू प्रसाद यादव ने खुद को निर्दोष बताया। गौरतलब है कि मामले में 38 आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया गया है। इनमें लालू प्रसाद यादव, धु्रव भगत, विद्यासागर निषाद, डॉ आरके राणा, के अरुमुघम, जगन्नाथ मिश्रा समेत 25 आरोपी हैं, जिनका ट्रायल कोर्ट में चल रहा है।