--इस बार स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में शामिल होने का मौका नहीं गंवाना चाहता नगर निगम

--फ‌र्स्ट फेज में 11 मा‌र्क्स से पिछड़ गई थी रांची

RANCHI(5 Apr): जिस तरह एग्जाम में अधिक से अधिक मा‌र्क्स लेकर फ‌र्स्ट होने के लिए स्टूडेंट्स रात-दिन एक करके अच्छे रिजल्ट का सपना देखते हैं, उसी तरह आजकल रांची नगर निगम और स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट से जुडे़ अधिकारी और कर्मचारियों का है। इनकी चिंता है किसी पिछली बार के थर्ड डिवीजन रिजल्ट को फ‌र्स्ट डिवीजन में बदला जाया, क्योंकि केंद्र सरकार की शहरों के विकास के लिए बहुचर्चित स्मार्ट सिटी परियोजना के दूसरे चरण में शामिल होने के लिए रांची नगर निगम के पास अब सिर्फ 9 दिन बचे हैं। अगर इन 9 दिनों में अगर रांची नगर निगम की तैयारी पूरी नहीं हो पाई तो दूसरे चरण में भी यह सिटी स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में शामिल नहीं हो पाएगी, इसलिए रांची नगर निगम इसको लेकर तैयारी कर रहा है।

क्भ् तक जमा करना है प्रपोजल

देश में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के लिए 97 शहरों को चिन्हित किया गया था लेकिन स्मार्ट सिटी के पहले चरण में ख्8 जनवरी को जिन ख्0 शहरों की सूची जारी की गई थी उसमें रांची बाहर हो गई थी। इस चरण में जिन ख्0 शहरों को शामिल किया गया था, वह पूरे देश को कवर नहीं करते हैं। ऐसे में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के लिए काम कर रहे शहरी विकास मंत्रालय ने स्मार्ट सिटी के लिए एक फास्ट ट्रैक की शुरुआत की है, जिसमें उन शहरों को एक बार फिर से स्मार्ट सिटी में शामिल होने का मौका मिलेगा, जो इससे बाहर हो गए थे। इसके लिए इन शहरों को क्भ् अप्रैल तक अपना अपग्रेडेड प्रपोजल सौंपना है। रांची स्मार्ट सिटी का प्रपोजल स्टेट अरबन डेवपलमेंट एजेंसी तैयार कर रही है। साथ ही इसमें स्किल इंडिया भी अपना योगदान दे रही है। इस बारे में जानकारी देते हुए स्टेट अरबन डेवलपमेंट एजेंसी डायरेक्टर राजेश कुमार का कहना है कि स्मार्ट सिटी के लिए नए सिरे से प्रपोजल बनाकर स्र्मार्ट सिटी सेलेक्शन पैनल के सामने क्भ् अप्रैल को जमा करना है। इस बार के प्रपोजल को तैयार करने में उन चीजें पर ध्यान दिया जा रहा है, जिस कारण से पिछली बार रांची को कम मा‌र्क्स मिले थे। पिछली बार ग्रीन फील्ड डेवलपमेंट को लेकर रांची के प्रपोजल में कमियां थीं, जिसे इस बार दूर किया जा रहा है। इसे लेकर क्क् अप्रैल को नगर निगम सभागार में फाइनल प्रेजेंटेशन होगा।

पिछली बार ब्ब्.0ब् मा‌र्क्स

पहले चरण में स्मार्ट सिटी के प्रपोजल में स्मार्ट सिटी सेलेक्शन पैनल ने ब्ब्.0ब् मा‌र्क्स दिया था, जबकि फ‌र्स्ट फेज में शामिल होने के लिए कम से कम भ्ब् मा‌र्क्स जरूरी थे। ऐसे में इस बार रांची को शामिल होने के लिए कम से कम क्क् से अधिक मा‌र्क्स मिलना जरूरी है। पिछली बार रांची के ग्रीन लैंड को लेकर लो प्लानिंग थी, उसमें रांची को कम माक्र्स मिले थे।

म्00 एकड़ में डेवलप होगी सिटी

इस बार रांची स्मार्ट सिटी का जो प्रपोजल बनाया गया है, उसमें एरिया को बढ़ा दिया गया है। इस बार जो प्रपोजल है, उसमें म्00 एकड़ में शहर को डेवलप किया जाएगा। इसमें रांची की बड़ी समस्या सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट और ट्रैफिक समस्या से निपटने के लिए क्लीयर विजन तैयार किया गया है। इसके साथ ही ग्रीन फील्ड एरिया के डेवलपमेंट पर भी ध्यान दिया गया है। इसके साथ टाउनशिप को लेकर भी प्रपोजल में परिवर्तन किया गया है।

राजीव गौबा के सचिव बनने का मिलेगा फायदा

स्मार्ट सिटी के दूसरे चरण में शामिल होने में रांची की उम्मीद इसलिए भी बढ़ गई है कि फ्क् मार्च तक रांची के मुख्य सचिव रहे और एक अप्रैल से केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय में सचिव बने राजीव गौबा ने रांची के स्मार्ट सिटी प्रपोजल को लेकर काफी गंभीर थे। उसे तैयार करने में उन्होंने भी सुझाव दिया है। ऐसे में अगर उनके सुझावों पर अमल करके प्रपोजल तैयार हुआ तो निश्चित रूप से रांची स्मार्ट सिटी में शामिल हो जाएगी।

वर्जन

रांची को स्मार्ट सिटी के दूसरे चरण में चयनित होने के लिए फिर से रिवाइज्ड प्रपोजल भेजने की तैयारी हो रही है। इसके लिए काम किया जा रहा है। इस बारे में प्रपोजल में उन कमियों को दूर करने की कोशिश है, जिसमें कम नंबर रांची को मिले थे।

प्रशांत कुमार, आयुक्त रांची नगर निगम