-डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल के शुद्ध आरओ का टीडीएस निकला 508 हैंड पम्प का 728 टीडीएस

-मिशन हॉस्पिटल में भी मरीजों और स्टॉफ के लिए लगाए गए नल के पानी का टीडीएस 496

BAREILLY :

पब्लिक के लिए शुद्ध पेयजल का संकट सिर्फ रेलवे स्टेशन, बस अड्डा और गवर्नमेंट ऑफिसेज में ही नहीं है। बल्कि डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में है। ताज्जुब की बात तो यह है कि हॉस्पिटल में शुद्ध पेयजल के लिए लगा आरओ भी दूषित पानी उगल रहा है। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट 'पानी में धोखा' मुहिम के तहत डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल और मिशन हॉस्पिटल के पानी की जांच करायी तो चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए।

आरओ ने भी तोड़ा विश्वास

हॉस्पिटल के ओपीडी के सामने पब्लिक के लिए शुद्ध पानी मुहैया कराने के लिए आरओ सिस्टम लगा हुआ है। इसके साथ ही महिला विभाग में भी एक आरओ लगा हुआ है, लेकिन देखरेख और सर्विस की अनदेखी के चलते यह आरओ शुद्ध नहीं बल्कि दूषित पानी उगल रहा है। पब्लिक इसे आरओ का शुद्ध पानी समझकर पी रही है। आरओ सिस्टम का टीडीएस चेक कराने पर 508 जबकि इमरजेंसी के बाहर लगे हैंड पम्प का 728 टीडीएस निकला।

मिशन हॉस्पिटल में लगा पम्प

मिशन हॉस्पिटल में इमरजेंसी के बाहर लगे हैंडपम्प का पानी स्टॉफ के साथ मरीज और तीमारदार सभी पी रहे हैं। जबकि इस हैंडपंप का पानी दूषित है। हॉस्पिटल प्रबंधन ने पब्लिक को पानी पीने के लिए पम्प तो लगा दिया, लेकिन उसका पानी चेक कराने की जरूरत नहीं समझी, जिससे हॉस्पिटल मे आने वाले तीमारदार भी दूषित पानी पीकर और बीमार हो जाते हैं.पम्प के पानी का टीडीएस चेक कराया तो 496 निकला।

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डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में प्रतिदिन हजारों की संख्या में मरीज आते हैं। सभी आने वाले दूषित पानी पी रहे हैं। सभी लोग तो आरओ का शुद्ध पानी समझकर पी लेते हैं लेकिन यह पब्लिक के साथ धोखा है।

शानू

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निजी हॉस्पिटल में पब्लिक की सुविधाओं से खिलवाड़ करना अच्छी बात नहीं है। हॉस्पिटल प्रबंधन को चाहिए कि पानी की शुद्धता की जांच कराते रहना चाहिए। जिससे पब्लिक को शुद्ध पानी मुहैया हो सके।

शिवेन्द्र