सुरक्षित घर लौट रहे तो बाबा की कृपा मानिए

जल्दीबाजी, लापरवाही और ट्रैफिक नियमों की अगर अनदेखी की जाये तो नतीजा हमेशा खतरनाक ही होता है। शायद यही वजह है कि अपना शहर बनारस इन दिनों हादसों का शहर बन गया है। अगर आंकड़ों पर गौर करे तो महज दस दिनों के अंदर बनारस की सड़कें आधा दर्जन से ज्यादा लोगों की बलि ले चुकी है। इन दुर्घटनाओं के क्रम में बुधवार की अल सुबह दो और मौतें जुड़ गईं। हादसे में भांजी को रोडवेज बस स्टेशन छोडऩे जा रहे मामा कैलाश नाथ मौर्य को बाइक समेत ऑटो ने टक्कर मार दी। टक्कर से कैलाश बाइक से संतुलन खो बैठा और वह बाइक लेकर रोड पर गिर पड़े। इस दौरान वो और पीछे बैठी उनकी भांजी जब तक खुद को संभालती तब तक पीछे से आ रहे गिट्टी लदे ट्रक ने दोनों को बुरी तरह से रौंद दिया। जिससे दोनों की मौके पर ही मौत हो गई।

प्रशासन है जिम्मेदार

अगर मंगलवार की रात सड़क हादसे में हुई दो मौतों की बात की जाये तो इसके लिए प्रशासन ही जिम्मेदार है। प्रत्यक्षदर्शियोंकी मानें तो देर रात बाइक के पीछे भांजी मधुर देवी (32 वर्ष) को बैठाकर कैलाश नाथ मौर्या (45 वर्ष) मिर्जापुर की बस पकड़वाने के लिए रोडवेज बस स्टैंड छोडऩे जा रहे थे। इसी बीच कैंट स्टेशन के बाहर पड़े कूड़े के ढेर से बचने के चक्कर में आगे चल रहे ऑटो ने अचानक ऑटो को काटा। इससे बाइक लेकर पीछे चल रहे कैलाशनाथ बाइक से बैलेंस खो बैठे और बाइक लेकर गिर पड़े। कैलाश नाथ और उनकी भांजी मधुर जब तक उठते तक तक पीछे से आ रही ट्रक नंबर यूपी 65 एआर 2472 का पिछला टायर दोनों के ऊपर चढ़ गया और कैलाश नाथ और मधुर दोनों ट्रक के नीचे फंसे लगभग दस मीटर तक खींचते चले गए। इस दौरान पुलिस ने मौके पर पहुंच हादसा करने वाले ट्रक को ड्राइवर समेत पकड़ लिया। राबट्र्सगंज के रहने वाले ड्राइवर का नाम राम महिमा चौधरी है। पुलिस ने राम महिमा पर अनिश्चित हत्या का मुकदमा दर्ज किया है।

ये आंकड़े बोलते हैं

अपना शहर सड़क हादसों की दृष्टि से दिनों दिन खतरनाक होता जा रहा है। पिछले दिनों पुलिस डिपार्टमेंट की ओर से किए गए सर्वे में ये बात सामने आई थी कि शहर के लहरतारा, मलदहिया, फातमान, तेलियाबाग, हरहुआ, बड़ागांव, रोहनिया, कैंट समेत लगभग एक दर्जन इलाके हादसों सड़क हादसों में टॉप पर हैं। उस वक्त के आंकड़ों पर अगर गौर करे तो तीन साल के अंदर में बनारस में सड़क हादसों में 300 से ज्यादा लोगों ने जान गंवाई है। वहीं महज दस दिन के दौरान मिर्जामुराद, रोहनिया, कपसेठी, लंका, डाफी, चोलापुर, कैंट समेत कई अन्य इलाकों में आधा दर्जन से ज्यादा लोगों की जानें गई हैं।

सुरक्षा ही बचाव है

सड़का हादसों की सबसे बड़ी वजह है लापरवाही और ट्रैफिक नियमों की अनदेखी। अगर ट्रैफिक नियमों को ही प्रॉपर वे में फॉलो किया जाये तो हादसों में काफी कमी आ सकती है

- टू व्हीलर ड्राइव करते वक्त हमेशा हेलमेट पहने।

- शहर में 20 किमी से ज्यादा की स्पीड पर ड्राइव न करें।

- स्पीड ब्रेकर पर व्हेकिल हमेशा धीमे करके उतारें।

- जल्दीबाजी के चक्कर में अपनी लेन कभी चेंज न करें।

- अगर किसी बड़े व्हेकिल को ओवरटेक कर रहे हैं तो चेक कर लें कि रास्ता साफ हैं कि नहीं।

- फोर व्हीलर ड्राइव करते वक्त हमेशा सीट बेल्ट पहने।

- ड्रिंक करके ड्राइव कभी न करें।

- घर या ऑफिस से व्हेकिल लेकर निकलते वक्त हमेशा ये जेहन में रखें कि आपका कोई वेट कर रहा है।

हादसे जो इधर बीच हुए

- 24 जुलाई कैंट स्टेशन के सामने ट्रक ने मामा भांजी को रौंदा।

- 23 जुलाई बड़ागांव में आगे चल रहे ट्रक को ओवरटेक करने में पत्नी की गई जान बाइक चला रहा पति गंभीर।

- 23 जुलाई कपसेठी में जल्दीबाजी के चलते टैंकर ने साइकिल सवार को कुचला।

- 21 जुलाई मिर्जामुराद खजुरी में खड़ी ट्रक में घुसी ऑटो दो की मौत।

- 18 जुलाई चोलापुर में बाइक बोलेरों की टक्कर एक की मौत।

- 16 जुलाई लंका में बाइक स्लीप करने से बाइक सवार की गई जान।