- स्पोर्ट्स स्टेडियम से निकाला गया पैदल मार्च
BAREILLY: आरटीओ और ट्रैफिक पुलिस की ओर से रोड एक्सीडेंट में मारे गए लोगों की स्मृति में संडे को 'वर्ल्ड डे ऑफ रिमेम्बरेंस फॉर रोड ट्रैफिक विक्टिम' कार्यक्रम आयोजित किया गया। यह दिन प्रत्येक वर्ष नवम्बर के तीसरे संडे को मनाया जाता है। डीएम आर विक्रम सिंह के नेतृत्व में संडे सुबह मृतकों की स्मृति में स्पोर्ट्स स्टेडियम से 4 किलोमीटर तक पैदल मार्च निकाला गया। वहीं शाम को चौकी चौराहा व अयूब खां चौराहा और इनवर्टिस तिराहा पर कैंडिल जलाकर श्रद्धांजलि दी गई।
सड़क यातायात की दी गई जानकारी
पैदल मार्च डेलापीर चौराहा, शील चौराहा, केके हॉस्पिटल होते हुए स्पोर्ट्स स्टेडियम पर आकर सम्पन्न हुआ। इसके बाद कार्यक्रम में मौजूद लोगों को ट्रैफिक नियमों के बारे में बताया गया। बुकलेट, बैनर, पोस्टर बांटे गए। लोगों को बताया कि किस तरह थोड़ी सी सावधानी रख सड़क हादसे को रोक सकते हैं। प्रोग्राम में आरटीओ इंफोर्समेंट मयंक ज्योति, उदयवीर सिंह, सीडीओ सत्येंद्र कुमार, आरएसओ लक्ष्मी शंकर सिंह सहित शहर के 2 हजार से अधिक लोगों ने हिस्सा लिया। 20 नम्बर को शहर के सभी स्कूल-कॉलेजों में स्टूडेंट्स को ट्रैफिक रूल्स के पालन हेतु शपथ दिलाई जाएगी। 'सड़क दुर्घटनाओं के प्रति जागरुकता उत्पन्न करने एवं समुचित यातायात प्रबंधन' पर ट्रैफिक पुलिस और आरटीओ वर्कशॉप का आयोजन करेंगे।
2--------------------
बढ़ते जा रहे हैं एक्सीडेंट
एक्सीडेंट के मामलों में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है। एक्सीडेंट में घायलों के साथ मृतकों की भी संख्या में इजाफा हो रहा है। कई अवेयरनेस प्रोग्राम भी रोड एक्सीडेंट रोकने के लिए नाकाफी हो रहे हैं। इस वर्ष सितंबर माह तक बात करें तो 818 एक्सीडेंट हो चुके हैं। जिनमें 337 लोग अपनी जान गवां चुके हैं और 710 लोग घायल हुए हैं।
फीगर स्पीक
बीते 4 वर्ष में हुए हादसे
वर्ष एक्सीडेंट घायल मौत
2014 803 493 330
2015 877 609 319
2016 1054 905 475
2017 818 710 337 (आंकड़ा सितंबर माह तक)
<engend>
x-------------------------
ãUðÜ×ðÅU Ù ÂãUÙÙæ °€âèÇUð´ÅU ·¤æ ·¤æÚ‡æ
ÚæðÇU °€âèÇUð´ÅU ×ð´ ×æñÌ ·¤æ âÕâð ÕǸUæ ·¤æÚ‡æ ãUðÜ×ðÅU Ù ÂãUÙÙæ æè ãUæðÌæ ãUñ, €Øæð´ç·¤ ¥çŠæ·¤ÌÚ ×æñÌ ãUðÇU §¢ÁÚUè âð ãUæðÌè ãUñ´। ØæÌæØæÌ ×æãU ·ð¤ ÌãUÌ v ÙߢÕÚ âð vz ÙߢÕÚ Ì·¤ ¿Üæ° »° ¥çæØæÙ ×ð´ æè âÕâð …ØæÎæ çÕÙæ ãUðÜ×ðÅU ßæÜð ãUè ·¤Ç¸Uð »° ãUñ´। v}wz Üæð»æð´ ·ð¤ çÕÙæ ãUðÜ×ðÅU ·ð¤ ¿æÜæÙ ç·¤° ãUñ´। §â ÎæñÚæÙ ·é¤Ü zwz® ßæãUÙ ¿æÜ·¤æ𴠷𤠿æÜæÙ ·¤Ú w|,v},z®® L¤Â° ·¤æ àæ×Ù àæéË·¤ æè ßâêÜæ »Øæ ãUñ। §â ÎæñÚæÙ ÅUþñçȤ·¤ ÂéçÜâ Ùð }} S·ê¤Ü ·¤æòÜðÁ ×ð´ z}®® SÅUêÇUð´ÅU÷â ·¤æð ÅUþñçȤ·¤ ¥ßðØÚÙðâ ·ð¤ ÕæÚð ×ð´ ÁæÙ·¤æÚUè Îè। ÅUþñçȤ·¤ ÂéçÜâ Ùð vxz S‰ææÙæð´ ÂÚ ÂñÎÜ ¿ÜÙð ßæÜð zz®® Üæð»æð´ ¥æñÚ vw® S‰ææÙæð´ ÂÚ v}®® ÇUþæ§ßÚ ·¤æð æè ¥ßðØÚ ç·¤Øæ।
§Ù·ð¤ ãUé° ¿æÜæÙ
v}wz-çÕÙæ ãUðÜ×ðÅU, v{}-çÕÙæ âèÅU ÕðËÅU, vvv-¥æðßÚ SÂèÇU, xx-àæÚæÕ Âè·¤Ú ÇUþæ§çߢ», w|v-×æðÕæ§Ü ·¤æ ØêÁ, vw{-ŽÜñ·¤ çȤË×, z~-ÙæÕæçÜ»æð¢ mæÚæ ßæãUÙ ¿ÜæÙæ, ~z~-çÕÙæ ÇUè°Ü, v~®-ãUêÅUÚ ß âæØÚÙ, }®v-çÕÙæ Õè×æ, v}w-Ú梻 âæ§ÇU ÇUþæ§çߢ»