BAREILLY: रोडवेज का एक बेलगाम ड्राइवर दिल्ली से रफ्तार में यात्रियों से भरी बस को दौड़ा दिया। रास्ते में कई जगह बस टकराते-टकराते बची। जान जोखिम में देख यात्री बस धीमी चलाने का दबाव ड्राइवर पर डालते रहे, लेकिन वह नहीं माना। आखिरकार बरेली पहुंचते-पहुंचते तीन यात्रियों को मौत की नींद सुला दिया। हादसे में दंपत्ति व उसकी 3 वर्ष की बच्ची की दर्दनाक मौत हो गई, तो कई यात्री गंभीर रूप से घायल हो गए। वेडनसडे आधी रात बड़ा बाईपास पर अहलादपुर पुलिस चौकी के पास तेज रफ्तार बस को ड्राइवर ने आगे-आगे जा रहे ट्रक में पीछे से ठोंक दिया। भीषण टक्कर से कंडक्टर की साइड में बस के परखच्चे उड़ गए। हादसा होते ही ड्राइवर और कंडक्टर यात्रियों को मरता हुआ छोड़कर भाग गए। पुलिस ने बस ड्राइवर विनोद के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है।

 

अगली सीट पर बैठा था परिवार

शाहजहांपुर डिपो की बस दिल्ली से वेडनसडे शाम को आनंद विहार बस अड्डे से चली थी। बस में सीतापुर के परगांव, रामकोट निवासी 35 वर्षीय संतोष, पत्‌नी कांति, 3 वर्षीय बच्ची जूली, 5 वर्षीय बेटी ज्योति और 8 वर्षीय बेटा निर्मल भी सवार थे। इसके अलावा सीतापुर के बीहटगौर, रामकोट निवासी मोनू, सैदियामऊ निवासी सूबेदार व सुभाष, लखनपुर पछदेवरा हरदोई निवासी आदेश शुक्ला, हैदराबाद निवासी फहीम, सिगरा कुर्रेया शाहजहांपुर निवासी दिनेश व ज्योति व अन्य सवार थे। संतोष, पत्‌नी व बेटी के साथ बस की अगली सीट पर बैठा था। उसके दो बच्चे गांव के सूबेदार के साथ पीछे सीट पर बैठे थे। जैसे ही बस ने ट्रक में टक्कर मारी तो संतोष, पत्‌नी व बेटी चपेट में आ गए और तीनों की मौके पर ही मौत हो गई। इसके अलावा अन्य सवारियां घायल हो गई।

 

अधिकारी पहुंचे मौके पर

बस एक्सीडेंट की सूचना पर देर रात एसपी सिटी अभिनंदन सिंह व पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे और घायलों को मदद पहुंचाई। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। दंपत्ति के बच्चों को रात में ढाबे वाले के हवाले किया और फिर दिन में पुलिस के सुपुर्द कर दिया। हादसे के बाद आरएम बरेली रीजन राजीव चौहान ने पीडि़त परिवार को मदद दी। मृतक के परिजनों को 20 हजार रुपए नकद व घायलों के इलाज के लिए 5 हजार रुपए दिए। कागजी कार्रवाई के बाद मदद की जाएगी।

 

बड़ा बाईपास पर चलते ट्रक में बस ड्राइवर ने पीछे से टक्कर मार दी। टक्कर मारने के बाद ड्राइवर मौके से फरार हो गया। एफआईआर दर्ज कर ली गई है। ड्राइवर को गिरफ्तार कर कार्रवाई की जाएगी।

अभिनंदन सिंह, एसपी सिटी

 

यात्री रोकते रहे, ड्राइवर बस दौड़ाता रहा

यात्रियों ने डर-डरकर किया सफर

बड़ा बाईपास पर हादसा बस ड्राइवर की लापरवाही से हुआ है। बस में दो ड्राइवर व एक कंडक्टर सवार थे। दिल्ली से चली बस का ड्राइवर शुरू से ही तेज स्पीड में बस चला रहा था। रात में खाली सड़क मिलने से ड्राइवर तेज स्पीड में जल्दी पहुंचने में लगा हुआ था। कुछ यात्रियों ने बताया कि बस ड्राइवर ने रास्ते में ढाबे पर खाना खाने के बाद शराब भी पी थी, जिसके चलते वह रस ड्राइविंग कर रहा था। गलत तरीके से बस चलाने पर यात्री बार-बार उसे बस धीरे चलाने के लिए कहते रहे, लेकिन वह नहीं माना। हालांकि कुछ यात्री बस में सो भी गए थे।


ड्राइवर चाहता तो नहीं हाेता हादसा

यात्रियों की मानें तो बस ड्राइवर चाहता तो हादसा नहीं होता, क्योंकि बड़ा बाईपास पर जैसे ही बस के आगे ट्रक आया तो ड्राइवर को झटका लगा, लेकिन उसके बाद उसने बस रोकने की कोशिश नहीं की। वह तुरंत चलती बस से कूद गया और फिर बस तेज स्पीड में आगे जा रहे ट्रक में जाकर घुस गई। स्पीड इतनी तेज थी कि बस का अगला हिस्सा कंडक्टर सीट तक एक तरफ से पूरी तरह से अलग हो गया। उसके बाद बस में चीख पुकार मच गई। लोग कुछ समझते, इससे पहले दूसरा ड्राइवर और कंडक्टर भी मौके से फरार हो गया। किसी तरह से लोगों ने बस से निकलकर जान बचाई।


अक्सर भाग जाते हैं ड्राइवर

रोडवेज बस के ड्राइवर अक्सर यात्रियों की जिंदगी को खतरे में डालकर भाग जाते हैं। जब भी कोई हादसा होता है, सबसे पहले ड्राइवर कूदकर भागता है और फिर कंडक्टर भी गायब हो जाता है। उन्हें इससे कोई मतलब नहीं होता है कि जो यात्री हादसे में घायल हुए हैं, उनकी जान बचेगी या नहीं। वह हॉस्पिटल कैसे पहुंचे या नहीं।


25 लोग की मौत में ड्राइवर हुआ था फरार

बड़ा बाईपास पर ही 10 महीने पहले इनवर्टिस तिराहा पर रोडवेज बस ड्राइवर की गलती से हादसा हुआ था। 4 जून की रात करीब सवा बजे बड़ा बाईपास पर चढ़ने के दौरान बस ट्रक से टकरा गई थी, जिससे बस में आग लग गई थी और 25 यात्रियों की जिंदा जलकर मौत हो गई थी और 15 यात्री घायल हुए थे। हादसे के तुरंत बाद ड्राइवर बस से कूदकर फरार हो गया था। जांच में उसकी आंखों की रोशनी खराब पायी गई थी। इस हादसे में अभी तक डीएनए रिपोर्ट नहीं आ सकी है।

 

100 से अधिक ले चुका जान

बड़ा बाईपास को चालू हुए करीब 5 वर्ष हो चुके हैं लेकिन इस पर हादसे रोकने के कोई पुख्ता इंतजाम नहीं किए गए हैं। 31 किलोमीटर का बड़ा बाईपास 5 थाना क्षेत्र में आता है, जिसमें इज्जतनगर और बिथरी चैनपुर थाना का एरिया ज्यादा है। इसके अलावा भोजीपुरा, सीबीगंज और भुता थाना भी एरिया आता है। कचौमी, नवदिया झादा, टाह तासपुर, बिलवा, इनवर्टिस तिराहा, परसाखेड़ा जीरो प्वाइंट, जैसे करीब एक दर्जन ऐसे कट व मोड़ हैं, जहां हमेशा ही हादसे की संभावना बनी रहती है। हालांकि बड़ा बाईपास पर हादसों का कोई रिकॉर्ड पुलिस के पास नहीं है, लेकिन जिस तरह से हादसे हो रहे हैं, उससे एक अनुमान के मुताबिक करीब 100 लोगों की मौत हादसे में हो चुकी होगी।


नहीं कोई पुख्ता इंतजाम

जब भी कोई हादसा होता है तो अधिकारी मामूली कार्रवाई करते हैं और उसके बाद सभी भूल जाते हैं। बड़ा बाईपास कई जगह रिफ्लेक्टर नहीं लगे हैं, तो कई जगह रोड किनारे व्हाइट पट्टी गायब है। बड़ा बाईपास पर लगे इमरजेंसी नंबर भी खराब रहते हैं। इनवर्टिस तिराहा पर जब हादसा हुआ था तो यहां भी रिफ्लेक्टर, साइन बोर्ड, स्पीड ब्रेकर लगाए गए थे, लेकिन अन्य प्वाइंट पर हादसे रोकने के कोई पुख्ता इंतजाम नहीं किए गए हैं।


खड़े ट्रक भी हादसे का कारण

बड़ा बाईपास पर ही जगह-जगह ढाबे खुल गए हैं। इन ढाबों की वजह से ट्रक सड़क किनारे खड़े रहते हैं। ट्रक वाले रात में इंडिकेटर, पार्किंग लाइट नहीं जलाते हैं, जिसकी वजह से भी वाहन टकरा जाते हैं। इस केस में भी कुछ यात्रियों का कहना है कि बस ने खड़े ट्रक में टक्कर मारी, जिसकी वजह से हादसा हुआ। हालांकि पुलिस को कोई खड़ा ट्रक नहीं मिला। कुछ अन्य ट्रक जरूर ढाबे के किनारे खड़े थे.

शादी की खुशियां मातम में बदलीं

सीतापुर निवासी संतोष करीब 6 महीने पहले दीपावली के बाद हरियाणा गए हुए थे। वह घर पर बड़ी बेटी मानसी को पिता रामस्वरूप व मां के पास छोड़कर गए थे। उनकी भांजी मनु की 27 अप्रैल को शादी है, जिसके चलते वह खुशी-खुशी भांजी की शादी में शामिल होने आ रहे थे, लेकिन उन्हें क्या पता था कि खुशियां मातम में बदलने वाली हैं। बरेली पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे संतोष के पिता रामस्वरूप की आंखों में बेटा, बहू और पोती की मौत का गम साफ नजर आ रहा था। वह सही से बोल नहीं पा रहे थे लेकिन उनका दर्द साफ नजर आ रहा था। वह बस माथा पकड़कर रोने लगे कि भांजी की शादी में आ रहा था, ये क्या हो गया। उन्हें संतोष के बच्चों की भी चिंता सता रही थी।


नहीं पता मां-बाप इस दुनिया में नहीं रहे

संतोष के दो बच्चे संतोष और निर्मल भी माता-पिता के साथ गांव जाने को लेकर काफी खुश थे लेकिन अब उन्हें नहीं पता है कि उनके मां-बाप इस दुनिया में नहीं रहे हैं, क्योंकि वह बस के पिछले हिस्से में बैठे थे। एक्सीडेंट में उन्हें भी मामूली चोट आयी हैं। वह रात में ढाबे पर रहे तो मां-बाप को याद करते रहे। वह फोन भी लगाते रहे लेकिन फोन स्विच ऑफ था। किसी ने उनके परिजनों को फोन पर सूचना दी तो परिजन रात में ही बरेली के लिए चल दिए। पुलिस ने थर्सडे बच्चों को दादा को सौंप दिया। परिजन तीन शव साथ लेकर चले गए।