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Allahabad : रईशजादों का शौक शहर में लोगों की जान ले रहा है। एक तरफ पॉवर बाइक की धूम तो दूसरी ओर लग्जरी गाडिय़ों से स्पीड में मस्ती करने का चलन। शराब पीकर गाड़ी चलाना और मस्ती करना शहरवासियों पर भारी पड़ रहा है.ऐसे ही रईशदाजों ने फ्राइडे नाइट एक कार में बैठे मां-बेटे को टक्कर मार दी। एक्सीडेंट इतना जबरदस्त था कि मां की सासें थम गईं जबकि बेटा मौत से लड़ रहा है। आगे जानने के लिए पढ़े यह स्टोरी
डॉक्टर के पास से लौट रहे थे
महेश कुमार सिविल लाइंस एरिया में रहते हैं। उनका बुक्स का बड़ा बिजनेस है। बेटा नीरज अपने पिता के काम में मदद करता है। फ्राइडे नाइट नीरज अपनी मां आशा को लेकर धूमनगंज एरिया में डॉक्टर के पास गया था। लेट लाइट वह अपनी कार से घर लौट रहा था। गाड़ी खुद नीरज उर्फ सोनू चला रहा था और बगल वाली सीट पर मां आशा बैठी थीं। इलाहाबाद हाईकोर्ट के आगे स्पीड में आती जाइलो को देखकर नीरज ने अपनी स्विफ्ट को साइड में ले लिया। इसके बाद भी खतरा महसूस होने पर वह कार पेड़ के किनारे ले गया फिर भी टक्कर को रोक नहीं सका। एक्सीडेंट इतना जबरदस्त था कि आवाज सुनकर मिलिट्री के जवान और आसपास के लोग वहां पहुंच गए.
पुलिस ने पहुंचाया हॉस्पिटल
चौकी इंचार्ज राजीव सिंह ने बताया कि एक्सीडेंट की जानकारी मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस को स्पॉट पर दर्जनों लोग मिले लेकिन कोई कार के भीतर से मां-बेटे को निकालने के लिए आगे नहीं बढ़ा था। जबकि दोनों होश में थे। जाइलो में तीन लड़के थे जो गाड़ी से बाहर आ गए थे। एक युवक को थोड़ी ज्यादा चोट दिख रही थी। पब्लिक की मदद से पुलिस ने जाइलो को खींचकर आगे करवाया तब नीरज और उसकी मां आशा को बाहर निकाला जा सका। तब दोनों होश में थे और उन्होंने पुलिस को अपने बारे में बताया तो पुलिस ने हॉस्पिटल पहुंचाया.
नाजुक थी आशा की हालत
आशा की हालत काफी नाजुक थी। उनके दोनों पैर और एक हाथ टूट चुके थे। सीने और सिर पर गंभीर चोट थी। नीरज के सिर पर चोट थी। उसे तत्काल आईसीयू में एडमिट कराया गया। सही समय पर दोनों को हॉस्पिटल पहुंचा दिया गया था लेकिन डॉक्टर आशा को नहीं बचा सके.
कौन हैं रईशजादे?
दुर्घटनाग्रस्त एसयूवी गाड़ी पर नंबर नहीं था। आगे रूलिंग पार्टी का झंडा लगा था। पुलिस ने गाड़ी में सवार तीनों लड़कों को हॉस्पिटल भेजा लेकिन सैटरडे को तीनों कहां गायब हो गए? किसी को नहीं पता। कैंट पुलिस भी इस पर कुछ बोलने को तैयार नहीं है। रात में मौके पर पहुंचे प्रत्यक्षदर्शियों की मानें तो गाड़ी के भीतर बीयर की बोतलें और नान वेज आइटम मिला था। अंदेशा जताया जा रहा है कि इसमें सवार लोग खाने-पीने में मस्त होकर गाड़ी ड्राइव कर रहे थे। पॉवर दिखाने के लिए उन्होंने गाड़ी के अंदर रूलिंग पार्टी का झंडा लगाया था.
गाड़ी पुलिस के कब्जे में है। उस पर नंबर नहीं है। चेचिस नंबर से ओनर का पता लगाने की कोशिश की जा रही है। ओनर का नाम-पता मिल जाने पर आगे की कार्रवाई होगी.
महेश कुमार सिविल लाइंस एरिया में रहते हैं। उनका बुक्स का बड़ा बिजनेस है। बेटा नीरज अपने पिता के काम में मदद करता है। फ्राइडे नाइट नीरज अपनी मां आशा को लेकर धूमनगंज एरिया में डॉक्टर के पास गया था। लेट लाइट वह अपनी कार से घर लौट रहा था। गाड़ी खुद नीरज उर्फ सोनू चला रहा था और बगल वाली सीट पर मां आशा बैठी थीं। इलाहाबाद हाईकोर्ट के आगे स्पीड में आती जाइलो को देखकर नीरज ने अपनी स्विफ्ट को साइड में ले लिया। इसके बाद भी खतरा महसूस होने पर वह कार पेड़ के किनारे ले गया फिर भी टक्कर को रोक नहीं सका। एक्सीडेंट इतना जबरदस्त था कि आवाज सुनकर मिलिट्री के जवान और आसपास के लोग वहां पहुंच गए।
चौकी इंचार्ज राजीव सिंह ने बताया कि एक्सीडेंट की जानकारी मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस को स्पॉट पर दर्जनों लोग मिले लेकिन कोई कार के भीतर से मां-बेटे को निकालने के लिए आगे नहीं बढ़ा था। जबकि दोनों होश में थे। जाइलो में तीन लड़के थे जो गाड़ी से बाहर आ गए थे। एक युवक को थोड़ी ज्यादा चोट दिख रही थी। पब्लिक की मदद से पुलिस ने जाइलो को खींचकर आगे करवाया तब नीरज और उसकी मां आशा को बाहर निकाला जा सका। तब दोनों होश में थे और उन्होंने पुलिस को अपने बारे में बताया तो पुलिस ने हॉस्पिटल पहुंचाया.
आशा की हालत काफी नाजुक थी। उनके दोनों पैर और एक हाथ टूट चुके थे। सीने और सिर पर गंभीर चोट थी। नीरज के सिर पर चोट थी। उसे तत्काल आईसीयू में एडमिट कराया गया। सही समय पर दोनों को हॉस्पिटल पहुंचा दिया गया था लेकिन डॉक्टर आशा को नहीं बचा सके.
कौन हैं रईशजादे?
दुर्घटनाग्रस्त एसयूवी गाड़ी पर नंबर नहीं था। आगे रूलिंग पार्टी का झंडा लगा था। पुलिस ने गाड़ी में सवार तीनों लड़कों को हॉस्पिटल भेजा लेकिन सैटरडे को तीनों कहां गायब हो गए? किसी को नहीं पता। कैंट पुलिस भी इस पर कुछ बोलने को तैयार नहीं है। रात में मौके पर पहुंचे प्रत्यक्षदर्शियों की मानें तो गाड़ी के भीतर बीयर की बोतलें और नान वेज आइटम मिला था। अंदेशा जताया जा रहा है कि इसमें सवार लोग खाने-पीने में मस्त होकर गाड़ी ड्राइव कर रहे थे। पॉवर दिखाने के लिए उन्होंने गाड़ी के अंदर रूलिंग पार्टी का झंडा लगाया था.
गाड़ी पुलिस के कब्जे में है। उस पर नंबर नहीं है। चेचिस नंबर से ओनर का पता लगाने की कोशिश की जा रही है। ओनर का नाम-पता मिल जाने पर आगे की कार्रवाई होगी।
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