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JAMSHEDPUR: लौहनगरी और आसपास की सड़कों में आए दिन हादसे हो रहे हैं और लोगों की जान जा रही है। यहां हर हफ्ते दो से तीन लोग सड़क दुर्घटनाओं की बलि चढ़ रहे हैं। जमशेदपुर के ट्रैफिक डीएसपी विवेकानंद ठाकुर की मानें तो सड़क हादसों की वजह है तेज रफ्तार और ट्रैफिक रूल्स फॉलो नहीं करना। उन्होंने कहा कि हम थोड़ी सी समझदारी दिखाकर रोड एक्सीडेंट की घटनाओं को कम कर सकते हैं।

एनएच-33 के किनारे भरा है पानी

डिमना चौक के पास नेशनल हाइवे (एनएच)-33 किनारे बस्ती का पानी भरा रहता है। इससे बाइक सवार, साइकिल या पैदल चलने वाले लोगों को रोड पर ही गुजरने की मजबूरी है। ऐन मौके पर अगर तेज रफ्तार से कोई गाड़ी आ जाए तो एक्सीडेंट के चांसेज बड़ जाते हैं। वहीं सड़क पर गड्ढे होने और पैदल यात्रियों के लिए फुटपाथ नहीं होने से हादसे हो रहे हैं। शहर गुजरने वाली नेशनल हाइवे के किनारे गाडि़यां लगी रहती हैं। कई होटल-ठेले वालों का भी कब्जा है। ट्रैफिक डिपार्टमेंट की अनदेखी के चलते हेवी व्हीकल्स 50 से 60 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से चल रहे हैं। ऐसे में स्वभाविक है कि रोड एक्सीडेंट तो होंगे ही।

जुस्को ने चलाया था अभियान

शहर में लगातार दुर्घटनाओं को देखते हुए जुस्को ने आठ से 15 जनवरी तक लोगों को यातायात नियमों के प्रति जागरूक करने के लिए नाटक व रैली निकाल कर लोगों को अवेयर किया था।

टैफिक डीएसपी विवेकानंद ठाकुर से सीधी बात

प्रश्न- शहर में आए दिन हो रही सड़क दुर्घटनाओं का क्या कारण है?

उत्तर- लोगों को लगातार जागरूक किया जा रहा है। इसके बाद भी ऐसी दर्दनाक घटनाएं हो रही हैं। तेज रफ्तार की वजह से ही ज्यादातर हादसे हो रहे हैं। रोड पर चलने वाले वाहनों की रफ्तार की चेकिंग की जाएगी।

प्रश्न-बाइक सवार या पैदल यात्रियों के साथ इधर कई हादसे हुए हैं। क्या वजह मनते हैं आप?

उत्तर- बाइक सवार सड़क क्रॉस करने में जल्दबाजी दिखाते हैं। हेलमेट का इस्तेमाल नहीं करते। कुछ युवा भी स्टंट करते हैं। इस वजह से सड़क हादसे हो रहे हैं। शहर की कई सड़कों पर पुटपाथ भी नहीं हैं। सड़कों के किनारे पैदल यात्रियों के चलने के लिए फुटपाथ बनाने का प्रस्ताव भेजा जाएगा।

प्रश्न- सिटी में हेवी व्हीकल्स की गति तेज रहती है। इस वजह से दुर्घटनाएं हो रही हैं। क्या कहेंगे आप?

उत्तर- सिटी में हेवी व्हीकल्स की स्पीड लिमिट 40 किमी प्रति घंटा है। गति सीमा में कंट्रोल करने के लिए बाईपास पर चेकिंग लगाकर भारी वाहनों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

प्रश्न- शहर में ट्रैफिक अवेयरनेस बढ़ाने के लिए क्या प्रयास किए जा रहे हैं?

उत्तर- दुर्घटनाओं के पीछे कहीं न कहीं जागरूकता की कमी है। जो लोग जान-बूझकर यातायात नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं उनके खिलाफ ट्रैफिक डिपार्टमेंट कार्रवाई करेगा। सीएम का आदेश है कि यातायात नियमों में किसी को भी छूट न दी जाए।

नेशनल हाइवे के दोनों किनारों पर फुटपाथ की सही व्यवस्था नहीं होने की वजह से पैदल चलने वाले यात्रियों के साथ ही बाइक और साइकिल सवार लोगों को दिक्कत होती है। यही कारण है कि नेशनल हाइवे पर लगातार दुर्घटनाएं हो रही हैं। नेशनल हाइवे के किनारे पैदल चलने का रास्ता होना चाहिए।

-विश्वजीत राव, मानगो

शहर के अंदर भारी वाहनों के आवागमन और तेज रफ्तार से लोगों की जिंदगी जा रही है। परिवहन विभाग को चाहिए कि हाइवे में ही वाहनों की जांच कर कार्रवाई करें। इससे शहर में वाहनों की रफ्तार कम हो सके और सिटी में एक्सीडेंट की घटनाएं कम होंगी।

-जेके मजूमदार, साकची

हाल में हुए एक्सीडेंट

3 फरवरी - नेशनल हाइवे-33 में मानगो बिग बाजार के पास कुमरूम बस्ती निवासी अनिल टुडू को ट्रेलर ने रौंद डाला।

3 फरवरी-टाटा कांड्रा रोड पर बुलेट सवार राजीव कुमार शाही की ट्रेलर की चपेट में आने की मौत।

21 जनवरी-गोविंदपुर पुराना साई मंदिर निवासी अभिषेक कुमार झा की अज्ञात वाहन की टक्कर से मौत।

26 दिसंबर-एनएच-33 में बाइक सवार सोहन कालिंदी की ट्रक की टक्कर से मौत।

19 दिसंबर-डिमना रोड पर नो इंट्री खुलने के दौरान पटमदा निवासी अखिल कुंभकार की मौत।

17 दिसंबर-नेशनल हाइवे-33 में गैस लदे टैंकर की चपेट में आने से डिमना की महिला सारथी हंसदा की मौत।

13 नवंबर-कांड्रा टोल बूथ के पास टाटा से सिवान जा रही महिला की गाड़ी की चपेट में आने से मौत।

1 नंवबर-कपाली निवासी बैंक मैनेजर को कोरियर की गाड़ी ने कुचला।

31 अक्तूबर-ह्यूम पाइप रोड पर ट्रेलर की चपेट में आने से अधेड़ की मौत।

29 अक्तूबर-गम्हरिया में बेकाबू ट्रेलर ने शिक्षाकर्मी को रौंदा।

18 सितंबर-एनएच-33 में बेलाझुडी निवासी स्कूटी सवार नसीब कर्मकार की मौत।