-सीएम ने ली उत्तराखंड राज्य में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की बैठक

-नेशनल हाईवे निर्माणाधीन कार्यो की निगरानी हर सप्ताह पीडब्ल्यूडी रखेगा

ष्ठश्व॥क्त्रन्ष्ठहृ: मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मंगलवार को सचिवालय में उत्तराखंड राज्य में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के अधीन राष्ट्रीय राजमार्ग मुजफ्फरनगर-हरिद्वार व हरिद्वार-देहरादून के बारे में अधिकारियों से जानकारी हासिल की। बैठक में सीएम ने एनएच के अधूरे कायरें व गड्ढों आदि से होने वाले सड़क हादसों पर बेहद नाराजगी जताते हुए पूछा कि एनएच के अधिकारी क्या कर रहे हैं। यह भी पूछा कि निर्माणाधीन सड़क पर सुरक्षा मानकों के लिहाज से क्या कदम उठाये जा रहे हैं।

सीएम ऑफिस रखेगा निगरानी

सीएम ने नेशनल हाईवे के निर्माणाधीन भागों के लिए पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों को हर सप्ताह निरीक्षण करने के भी निर्देश दिये। उन्होंने हरिद्वार और देहरादून जिलों के डीएम व एसएसपी को सीधे नजर रखने के निर्देश दिये। कहा, कार्यदायी संस्था की लापरवाही से होने वाली दुर्घटनाओं की जवाबदेही तय की जायेगी।

हरिद्वार दून एनएच चौड़ीकरण में देरी पर चिंता जताते हुए सीएम ने कहा कि प्रदेश हित में किसी भी बड़ी परियोजना में लेट लतीफी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस पर खुद सीएम ऑफिस निगरानी रखेगा। मुख्य सचिव अंतर विभागीय समन्वय सुनिश्चित करेंगे।

खुद सीएम भी रखेंगे निगरानी

सीएम ने कहा कि जून से माह के हर चौथे बुधवार वो स्वयं राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण कायरें की समीक्षा करेंगे। जहां विवाद नहीं हैं, वे काम दिसंबर तक पूरे हो जाएंगे। एनएचएआई ने बताया कि खनन व प्रदूषण विभाग द्वारा लाल तप्पड़ स्थित क्रशर को सीज करने से निर्माण कार्य प्रभावित हो रहा है। लेकिन सीएम बोले निर्माण सामग्री की सुविधा नियमानुसार सरकार दिलाएगी। लेकिन अवैध खनन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

सड़क चाहिए, लेकिन अवैध खनन नहीं

सीएम ने खनन विभाग को निर्देश दिये कि वे एनएचएआई के साथ समन्वय कर जीएमवीएन या वन विकास निगम से निर्माण सामग्री दिलवाये। सीएम ने दो टूक कहा कि सड़क तो चाहिए, लेकिन अवैध खनन नहीं। एनएचएआई ने नो एंट्री के लिए अलग से छूट मांगी, जिस पर सीएम ने डीआईजी गढ़वाल को समन्वय करने के निर्देश दिये। राजमार्ग के चौड़ीकरण से प्रभावित विद्युत लाइनों पर विद्युत विभाग को हाई टेंशन लाइनों को 25 दिन में शिफ्ट करने के निर्देश दिए। लेकिन यह भी कहा कि शटडाउन के लिए पहले उपभोक्ताओं को जानकारी दी जाए। मीटिंग में सीएस एस रामास्वामी, एसीएस ओमप्रकाश, सचिव मुख्यमंत्री राधिका झा आदि अधिकारी मौजूद रहे।