-चंदरनगर में डेढ़ साल से चल रहे सीवर लाइन निर्माण कार्य से अब तक बदहाल सड़क

-राजीव नगर, अपर राजीव नगर में भी सीवर लाइन निर्माण से सड़क खस्ताहाल

DEHRADUN: राजधानी में हर रोज हल्की बारिश की बौछारें भी कई इलाकों में आफत साबित हो रही हैं। खासकर राजीव नगर, अपर राजीव नगर, चंदरनगर, जीएमएस रोड और ब्रह्मपुरी जैसे सीमित क्षेत्रों की बात करें तो दो दिन में हुई मामूली बारिश के दौरान इन इलाकों में मुसीबत में फंसते हुए महसूस कर रहे हैं। अब हर रोज रिमझिम बारिश जारी है। कई इलाकों में सड़कों का निर्माण काम हो पाना मुश्किल है। ऐसे में इलाकेवासियों को फिक्र इस बात की है कि बरसात में उनका ऐसे सड़कों पर चल पाना किसी चुनौती से कम नहीं होगा। जिम्मेदार विभाग भी आंख मूंदे ुए हैं।

राजीव नगर में पैदल चलना भी मुश्किल

शुरुआत राजीव नगर, अपर राजीव नगर से करें तो तस्वीरें खुद इसकी तस्दीक करने का काफी हैं। राजीव नगर में बीते चार महीनों से सीवर निर्माण का काम जारी है। करीब क्0 हजार आबादी वाले इस क्षेत्र में रिस्पना पुल से संपर्क रोड होते हुए सीधे अंबीवाला तक पहुंचती है, लेकिन इतने महीनों से यहां पैदल चल पाना भी राहगीरों के लिए मुश्किल बना हुआ है। ऊपर से राजीवनगर के कारोबारियों के लिए तो इतने महीने कारोबार के तौर पर मानो चौपट हो गए हों। सड़क निर्माण के लिए तमाम शिकायतों के बाद भी कोई सुनने का नाम नहीं ले रहा है।

धूल-कीचड़ से खस्ताहाल

ऐसा ही हाल अपर राजीव नगर का है। यह सड़क नेहरु कालोनी फुव्वारा चौक से सीधे छह नंबर पुलिया तक पहुंचती है। बीच में अंबीवाला गुरुद्वार के पास से लेकर राजीव नगर जाने वाली मार्ग तक पिछले डेढ़ महीनों से सीवर लाइन निर्माण का काम जारी है। मई और मिड जून के महीने में इस मार्ग से आने-जाने वाले राहगीर धूल खाकर आगे निकला करते थे, लेकिन आजकल दो दिनों से हल्की हो रही बारिश के कारण इस क्षेत्र की सड़क दुर्घटनाएं को दावत दे रही हैं। तेजी से आने वाले वाहन चालक कई बार सड़क पर रपट चुके हैं,जबकि इस सड़क पर पैदल चल पाना तो मुश्किल-सा बना हुआ है। जबकि यह मार्ग विधानसभा के पास अक्सर होने वाले ट्रैफिक दबाव को हल्का करने में मदद करता है। स्थानीय लोग इस परेशानी को लेकर भविष्य के लिए फिक्रमंद बने हुए हैं।

डेढ़ साल से इंतजार कर रहे क्षेत्रवासी

ऐसी ही कहानी चंदरनगर-रेसकोर्स बन्नू स्कूल सड़क की है। डेढ़ साल से अधिक का वक्त बीत गया है इस मार्ग पर सीवर लाइन के निर्माण कार्य का। बमुश्किल आजकल सड़क निर्माण के लिए मशीनें लगी हुई हैं, लेकिन मामूली तौर पर काम चल रहा है। बारिश होने पर चल रहा निर्माण कार्य सीधे प्रभावित हो जा रहा है। इस क्षेत्र के लोगों व दुकानदारों ने अब सड़क निर्माण की आस छोड़ दी है। वे खुद धूप में पानी डालकर धूल को रोकने की कोशिश कर रहे हैं तो बारिश में पत्थरों का सहारा लेकर आने-जाने का सहारा ले रहे हैं। डेढ़ साल से इंतजार कर रहे लोगों ने अब आस ही छोड़ दी है।

ब्रह्मपुरी इलाकेवासी भी परेशान

सीवर लाइन व सड़क की बदहाल स्थिति को लेकर ब्रह्मपुरी व जीएमएस रोड के इलाकेवासी भी खासे परेशान हैं। ब्रह्मपुरी में भी सीवर लाइन के निर्माण का काम जारी है। यहां भी मामूली बारिश से चारों तरफ पानी का ठहराव व सड़क के बीचोंबीच कीचड़ से लोगों का अपने घरों तक पहुंच पाना मुश्किल हो रहा है। ऐसा ही हाल जीएमएस रोड का भी है। यहां ऐसा लगता है गड्ढों पर सड़क है। शहर के कई इलाकों में ऐसी सड़कें अभी इतनी अधिक खस्ताहाल है कि बरसात में यहां को इलाकेवासियों को जूझने के लिए मजबूर होना पड़ सकता है, जिसमें सारथी बिहार, इंजीनियर्स इनक्लेव, नत्थनपुर, लकड़मंडी जैसे इलाके शामिल हैं।

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महज एक दिन के बारिश के पानी से पूरा कारोबार चौपट हो रहा है। कीचड़, पानी दुकानों में घुस जा रहा है। दुकान के आगे पानी व कीचड़ होने के कारण कारोबार नहीं चल पा रहा है।

शिव सिंह, नेहरु कॉलोनी।

सीवर लाइन खोद कर यूं ही छोड़ देने और फिर कीचड़ के कारण रोड पर रोजाना एक्सीडेंट्स हो रहे हैं। कोई पूछना वाला नहीं है। ऊपर से जाम तो आम बात हो गई है।

महेश कुमार, अपर राजीव नगर।

सीवर की लाइन के लिए सड़कें खोदकर ऐसी छोड़ दी गई हैं। हल्की बारिश से सारी सड़कें प्रभावित हो गई हैं। करीब डेढ़ महीने से सीवर लाइन का काम चल रहा है।

संतोष बडोनी, राजीव नगर।

मेन सड़कों के अलावा गलियों की सड़कें तो भगवान भरोसे हैं। अब मानसून नजदीक है। अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस बारिश में क्या हाल होंगे। जब पहली बारिश से ही ऐसा हो गया है।

दयमंती रावत, जीएमएस रोड।

जीएमएस रोड को खोदे हुए लंबा वक्त बीत चुका है। मानसून नजदीक है। सरकार पर सड़क बनाने की उम्मीद कम ही की जा सकती है। लोगों का इलाकों में पैदल चल पाना मुश्किल हो गया है। गाडि़यों में तो फिसलने तक का डर बना रहता है।

टीएस रावत, जीएमएस रोड।