- न नाली, न रोड, बस पगडंडी के सहारे चलते हैं लोग

- तालाब को बना दिया कूड़ा दान और पार्क का नमो निशान नहीं

- बिना सुविधाओं के लिए ग्राम सभा में बना दी गई कॉलोनी

LUCKNOW: मटियारी चौराहे से महज 500 मीटर की दूरी पर देवा रोड स्थित हिम सिटी में समस्याओं का अंबार लगा है। यहां न नाली है और न ही रोड। हिम सिटी को पॉश कॉलोनी कहा जाता है, हालांकि यह कॉलोनी आज तक नगर निगम में शामिल नहीं हो सकी। ग्राम सभा होने के चलते सीवर लाइन और पाइप लाइन तक नहीं है। जिला पंचायत चुनाव में इस समय प्रचार की बाहर है।

कॉलोनी में करीब 400 मकान

मटियारी चौराहे से 500 मीटर दूरी पर स्थित देवा रोड हिम सिटी कॉलोनी का डेवलपमेंट सन् 2004 हुआ था। इस कॉलोनी में करीब 400 मकान है। हिम सिटी कॉलोनी रहमानपुर गणेशपुर ग्राम सभा के अंतर्गत आती है। हालांकि कॉलोनी को डेवलप किया है प्राइवेट कॉलोनाइजर्स ने। किसानों से जमीन को खरीद कर उन्हें फ्री होल्ड कर बड़े पैमाने पर कॉलोनी डेवलप की गई है, लेकिन यहां रहने वाले लोगों की मूलभूत सुविधाओं का बिल्कुल ध्यान नहीं रखा गया है। कॉलोनी में न तो नालियां बनाई गई है और न ही पानी के निकासी की कोई व्यवस्था है। यानि सीवर लाइन तक नहीं है। रोड के नाम पर चंद टूटे-फूटे खड़ंजे है।

घरों के बाहर जमा होता है गंदा पानी

हिम सिटी कॉलोनी में लोगों ने घरों के बाहर नाली तो बनवा दी है, लेकिन चंद मीटर बाद ही नाली ब्लॉक है। क्योंकि नाली लोगों ने केवल अपने-अपने घरों के सामने ही बनवाई है। नाली न होने के चलते घरों से निकलने वाला गंदा पानी घरों के बाहर की जमा हो जाता है। खाली प्लाट पर छोटे-छोटे तालाब डेवलप हो गए है। गंदे पानी का तालाब बनने से बदबू और मच्छर का प्रकोप इतना ज्यादा है कि लोगों का बाहर बैठना तो दूर घरों में बिना सेफ्टी के रहना भी मुि1श्कल है।

कहां खेलने जाएं बच्चे

हिम सिटी कॉलोनी में तालाब भी है और पार्क भी। हालांकि यह केवल कागज तक सीमित है। क्योंकि तालाब अपनी जगह से गायब है और उसकी जगह जंगल और कूड़े के अंबार ने ले ली है। पार्क में न बाउंड्री है और न ही ग्रिल। खाली जगह होने पर लोगों ने उसे अपना बिल्डिंग मैटेरियल रखने का अड्डा बना दिया। बच्चों के खेलने के लिए यहां कोई सुविधा तक नहीं है। स्थानीय लोगों का कहना है कि पार्क न होने के चलते यहां रहने वाले लोग सार्वजनिक और प्राइवेट कार्यक्रम तक नहीं कर पाते है।

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क्या कहते हैं लोग

10 वर्ष बीत गए इस कॉलोनी को डेवलेप हुए, लेकिन आज तक न रोड बनी है और न ही नालियां। कॉलोनाइजर्स ने खड़ंजा बिछवा दिया था। जिसकी हालत भी जर्जर हो चुकी है। निकासी न होने के चलते रोड पर जलभराव रहता है। गंदगी के चलते लोगों का घरों से निकला भी दूभर हो गया है।

- आरसी यादव,

स्थानीय निवासी

कोट:

कॉलोनी के विकास के लिए हिम सिटी विकास समिति बनाई गई थी। कॉलोनी अभी तक ग्राम सभा के अंतर्गत आती है। जिसके चलते विकास की जिम्मेदारी ग्राम प्रधान की होती है। कॉलोनी के पीछे का एरिया रूरल है। विकास के नाम पर केवल गांव तक रोड बनी है लेकिन कॉलोनी में न तो नाली है और न रोड बनाई गई। साफ सफाई के लिए भी कोई व्यवस्था नहीं है।

- विजय पाल सिंह, रिटायर्ड अफसर एग्रीकल्चर डिपार्टमेंट

कोट:

कहने को सिटी से जुड़ा एरिया है हिम सिटी का लेकिन सुविधा गांव से भी बत्तर है। ग्राम सभा का एरिया होने के चलते नगरीय सुविधा व्यवस्था कुछ नहीं है। पानी और सीवर के लिए लोगों को खुद ही व्यवस्था करनी होती है। घरों से निकलने वाले गंदे पानी की कोई व्यवस्था नहीं है। जैसे-तैसे लोग ग्राम समाज के तलाब में पानी की निकासी करते है। हालांकि तलाब भी कूड़े से पटा हुआ है।

- जितेन्द्र चौधरी,

स्थानीय निवासी

कोट:

हिम सिटी से जुड़ी है रहमानपुर गणेशपुर ग्राम सभा। कॉलोनी के साथ-साथ गांव में भी कोई विकास नहीं हुआ है। रोड ऐसी है जिसमें गाड़ी तो दूर पैदल चलना भी मुश्किल है। गांव में एक भी कुंए नहीं बनाए गए है। चुनाव के समय बस आश्वासन मिला है कि रोड पास हो गई है और जल्द ही रोड बन जाएगी। हालांकि यहां के लोग वर्षो से रोड का इंतजार कर रहे है।

- श्याम नरायण अवस्थी, निवासी रहमानपुर गणेशपुर ग्राम सभा

कोट:

ग्राम सभा का एक तालाब है और एक पार्क है। हालांकि वह केवल कागजों तक ही सीमित है। दोनों की सुविधा यहां रहने वाले लोगों को नहीं मिलती है। यहां सिर्फ गंदगी, गोबर और टूटी रोड है। कहने को हिम सिटी है, लेकिन यहां समस्या हिमालय से भी बड़ी है। इस ग्राम सभा को नगर निगम में विलय होने की घोषणा हो गई है, लेकिन आज तक कागजी खानापूर्ति नहीं हुई। जिसका यहां के लोगों को इंतजार है। ताकि उसके बाद विकास की आशा जग सके।

- रमेश कुमार, निवासी रहमानपुर गणेशपुर ग्राम सभा

कोट:

सिटी से जुड़ी होने चलते इस कॉलोनी में बड़े पैमाने पर किराए पर भी लोग रहते है। कॉलोनी में सिटी जैसी कोई सुविधा नहीं है। न पानी की व्यवस्था है और न ही ट्रांसपोर्ट की। रोड और नाली न होने के चलते लोग जैसे-तैसे मजबूरी में यहां रह रहे है। रूरल एरिया से जुड़ा होने के चलते और सिटी के पास होने के चलते बड़े पैमाने पर स्टूडेंट्स भी यहां रहते है।

- कामनीकांत शर्मा,

निवासी हिम सिटी पार्ट वन

कोट:

हर बार की तरह इस बार भी प्रधानी चुनाव में विकास का आश्वासन मिला है। दस वर्षो से हम लोग रोड और नाली का इंतजार कर रहे है। यहां प्रत्याशी प्रचार में लग्जरी गाडि़यां दौड़ा कर पानी की तरह पैसा तो बहा रहे है लेकिन विकास के नाम पर ग्राम सभा पैसा खर्च करती है और न ही जीतने वाले प्रत्याशी। रोड की हालत बयां करने की जरूरत नहीं है। बस चंद कदम पैदल चलिये, हकीकत खुद ब खुद बयां हो जाएगी।

- संदीप राजपूत,

स्थानीय निवासी