आपको 1998 में रिलीज हुई सुपरहिट बॉलीवुड मूवी दामिनीमें सन्नी देओल यह डायलॉग तो जरूर याद होगा। जी हां, यहां भी कुछ इसी तरह का सीन है। कानपुराइट्स सिटी की सडक़ों की खस्ता हालत से परेशान हैं। एडमिनिस्ट्रेशन बार-बार डेडलाइन की तारीख तय करता है, लेकिन सिचुएशन नहीं बदलता। अब पब्लिक भी यही सवाल करने लगी है तारीख पे तारीख आखिर कब तक?

Sorry क्यों नहीं कह देते!

सिटी में डीप पाइप लाइन के लिए खोदी गई रोड्स को मोटरेबल किए जाने की कमिश्नर पीके महान्ति की एक और डेडलाइन संडे को बीत गई। मगर रोड्स अभी तक नहीं बन सकी हैं। नतीजतन बारिश होते ही कानपुराइट्स को मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। लोग ट्रैफिक जाम और खुदी रोड्स में फंसकर गिरते-पड़ते गुजरने को मजबूर हैं। अफसरों को पता है कि उनके सबऑर्डिनेट्स काम को टाइम पर पूरा नहीं कर सकते तो पब्लिक से सॉरी कहने में हर्ज ही क्या है। मैकरॉबट्र्सगंज, लालइमली, बड़ा चौराहा, कालपी रोड, जीटी रोड, ओईएफ तिराहा आदि मेन रोड्स पर डीप वॉटर लाइन, सीवर लाइन बिछाई गई है। इन सडक़ों पर मॉनसून से पहले मोटरेबल करने के लिए डीएम, कमिश्नर ने ही नहीं चीफ सेक्रेटरी तक ने निर्देश दिए। कमिश्नर ने डेडलाइन बढ़ाकर 30 जून कर दी। कालपी रोड, लालइमली, बड़ा चौराहा सरीखी बिजी ट्रैफिक वाली रोड्स मोटरेबल नहीं हुईं। बाद में डेडलाइन 24 जुलाई तक कर दी.मगर 24 जुलाई को भी रोड्स मोटरेबल नहीं हो सकी.