एक्सक्लुसिव न्यूज

- 60 मीटर लंबी, 3 मीटर चौड़ी रोड निर्माण के लिए 4 मीटर चौड़ाई का बना दिया एस्टीमेट

- नगर आयुक्त ने जेई को दिया अल्टीमेटम, कहा, 'सुधर जाओ नहीं तो कर दूंगा सस्पेंड'

BAREILLY:

निर्माण कार्यो के नाम पर नगर निगम में किस कदर घोटालों को अंजाम दिया जा रहा है, इसका खुलासा पार्षदों की शिकायतों ने किया है। जब सड़क की चौड़ाई को ज्यादा बताकर उसी मुताबिक एक चौथाई अधिक बजट का एस्टीमेट बनाकर निर्माण कराने की तैयारी हो रही थी, लेकिन मौके पर एस्टीमेट के मुताबिक जब निर्माण कराने ठेकेदार पहुंचा तो मामले का खुलासा हुआ। दूसरा मामला, नाला निर्माण में हो रही धांधली की पोल खुली है। मामले पर एक्शन लेते हुए नगर आयुक्त ने संबंधित जेई को एस्टीमेट के मुताबिक ही सड़क और नाला निर्माण के आदेश दिए हैं। अगर कोई हंगामा हुआ तो सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी है।

करोड़ों के घोटाले की थी तैयारी

दो वार्डो में जूनियर इंजीनियर के एस्टीमेट की हकीकत प्रकाश में आने के बाद अंदाजा लगाया जा सकता है कि आखिर अन्य वार्डो में विकास कार्यो के एस्टीमेट की क्या हकीकत होगी। सूत्रों के मुताबिक यदि सभी वार्डो में हो रहे निर्माण कार्यो की हकीकत ईमानदारी से आंकी जाए तो करोड़ों का घोटाला उजागर होने की संभावना है। बता दें कि मामले प्रकाश में आने के बाद नगर निगम के अधिकारी एक्टिव मोड में आ गए हैं। उन्होंने निर्माण विभाग के एक्सईएन और जेई को हर हाल में एस्टीमेट के मुताबिक ही निर्माण कार्य कराने को कहा है। वहीं, यदि निरीक्षण में एस्टीमेट के मुताबिक निर्माण कार्य नहीं पाया गया तो ठेकेदार को ब्लैकलिस्ट और जेई को सस्पेंड करने की चेतावनी दी है।

बॉक्स मैटर

ठेकेदारी में 'सिंडीकेट'

बता दें कि लास्ट ईयर करीब डेढ़ सौ निर्माण कार्यो का टेंडर निकाला गया। जिसमें 86 निर्माण कार्य सड़क, नाली, नाला, सीसी रोड समेत अन्य निर्माण कार्य शामिल थे, जिसके बाबत टेंडर हुआ तो ठेकेदारों के सिंडिकेट का खुलासा हुआ। जिसमें कई ठेकेदारों ने मिलकर यूनिटी बना ली और सभी 86 निर्माण कार्यो का टेंडर डाल दिया। टेंडर इन्हीं का निकलना था और निकला भी, लेकिन मामला पकड़ में आने के बाद मेयर डॉ। उमेश गौतम ने टेंडर निरस्त करा दिया और ठेकेदारों की कैटगरी को हैसियत के मुताबिक तय कर दी है। हालांकि, इससे भी खेल नहीं रुकने की संभावना नगर निगम के विश्वसनीय सूत्र जता रहे हैं। उनके मुताबिक अब टेंडर डालने के बजाय रुपए का लेन देन परसेंटेज के तहत होगा।

केसेज-

मामले जिनसे खुला 'खेल'

केस वन - कर्मचारी नगर में 60 मीटर लंबी और 4 मीटर चौड़ी सड़क निर्माण के बाबत 3.50 लाख रुपए का टेंडर हुआ। ठेकेदार मय सामान निर्माण कराने पहुंचा तो 3 मीटर चौड़ाई में निर्माण का पता चला। ऐसे में, 1 मीटर सड़क की चौड़ाई बढ़ाकर बजट के रुपए डकारने की योजना का पर्दाफाश हुआ। वहीं, 60 मीटर लंबाई और 4 मीटर चौड़ाई की हॉटमिक्स रोड बनाना भी जेई कपिल मोहन की मंशा पर प्रश्नचिह्न लगा है। 3 मीटर चौड़ी और 60 मीटर लंबी सड़क निर्माण कर 1 मीटर के हिसाब से 180 वर्गमीटर सड़क निर्माण का करीब 87,500 रुपए डकारने का खुलासा हुआ। पार्षद दीपक सक्सेना ने नगर आयुक्त को जानकारी दी। मौके पर 3 मीटर चौड़ी सड़क की पुष्टि हुई।

केस टू- बानखाना में नाला को सीधा करने के बाबत निर्माण कार्य चल रहा है। नाला को सीधा करने के बीच में करीब 8 मकान आ रहे थे। इन निर्माणों पर निशानदेही कर ध्वस्तीकरण के आदेश थे, लेकिन जेई की मिलीभगत से आवास और दुकानों को बगैर तोड़े नाले को घुमावदार बनाया जा रहा था। आरोप लगे कि ठेकेदार और जेई ने मिलकर तोड़े जाने वाले आवासों के निवासियों से मोटी रकम लेकर नाला घुमावदार बना रहे हैं। मौके पर नगर आयुक्त ने टीम भेजी तो आरोपों की पुष्टि हुई। तत्काल नगर आयुक्त ने अतिक्रमण हटाओ टीम को मौके पर भेजकर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की। हालांकि, टीम ने सिर्फ दो चार मकानों के आगे का स्लैब और सीढि़यां तोड़कर वापस लौट आई।

जेई मौके पर एस्टीमेट बनाने जाते ही नहीं। सड़क और नाला निर्माण के मामले संबंधित जेई की हठधर्मिता और लापरवाही की पुष्टि कर रहे हैं। दोनों ही निर्माण कार्यो के ठेकेदारों और जेई को चेतावनी दी गई है। यदि निरीक्षण के दौरान निर्माण कार्य में गड़बड़ी मिली तो सख्त कार्रवाई को तैयार रहें।

राजेश कुमार श्रीवास्तव, नगर आयुक्त