-सड़क बनी नहीं और काम पूरा करने का लगा दिया पत्थर

- समर गार्डन में सड़क पर लगनी थी इंटरलॉकिंग टाइल्स

Meerut । शहर के विकास की हालत कैसी है इसकी तस्वीर नगर निगम की कार्य प्रणाली में दिखाई पड़ती है। आलम यह है कि नगर निगम ने कागजों में ही सड़क का निर्माण करा दिया। साथ ही सड़क निर्माण का लगा पत्थर भी झूठी हकीकत दर्शा रहा है। मामला वार्ड 72 के समर गार्डन क्षेत्र का है। इस बाबत निगम के अधिकारियों से जब बात की गई। तो उन्होंने निरीक्षण कर मामले की जांच कराने बात कही है।

लाखों का दिया ठेका

नगर निगम ने अवस्थापना निधि से समर गार्डन में 76.50 लाख रुपये लागत की इंटरलॉकिंग टॉयल्स लगाने का टेंडर एक कंपनी को दिया गया था। अब वहां पर इंटरलॉकिंग की बात छोडि़ए, हकीकत में मिट्टी भराव तक नहीं कराया गया। तकरीबन 20 मीटर सड़क पर ईटों का खड़जा जरूर करा दिया गया है। जो मुख्य सड़क से करीब तीन फिट नीचे हैं। बारिश के दिनों में वहां पर जलभराव की समस्या हो जाती है।

एक किमी की थी इंटरलॉकिंग

समर गार्डन में मुख्य सड़क और गलियों को मिलाकर करीब एक किमी सड़क पर इंटरलॉकिंग होनी थी।

महापौर का नाम लिखा है

पत्थर पर 13 दिसंबर 2016 को काम शुरू करने और 31 मार्च 2017 को काम पूरा होने का पत्थर लगाया गया है। पत्थर पर काम की लागत 76.50 लाख रुपये भी लिखी गई है। पत्थर के नीचे महापौर हरिकांत अहलूवालिया का नाम लिखा गया है।

वर्जन

एक कंपनी को वहां पर इंटरलॉकिंग टॉयल लगाने का काम करना था। पत्थर लग गया है यह बात संज्ञान में नहीं है।

दीवान शरीफ, पार्षद वार्ड 72

अवस्थापना निधि से समर गार्डन में इंटरलॉकिंग टॉयल लगाने का काम होना था। यदि काम होने से पूर्व ही पत्थर लगा दिया गया है। तो गलत बात है। संबंधित ठेकेदार से पूछा जाएगा कि बिना काम किए पत्थर कैसे लगा दिया।

कुलभूषण वाष्र्णेय चीफ इंजीनियर नगर निगम

मामला संज्ञान में नहीं है। यदि ऐसा है तो संबंधित ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। समय अवधि में काम पूरा कैसे नहीं हुआ और बिना काम पूरा हुए पत्थर कैसे लगा दिया जवाब मांगा जाएगा।

हरिकांत अहलूवालिया, महापौर