रोडवेज की सवारी, जान पर भारी

हाल ही में अमेठी में रोडवेज बस में हुए भयंकर हादसे में नौ लोगों की जानें चली गई। ये हादसा उतना जानलेवा न होता, अगर बस में आग से निपटने के इंतजाम होते। आई नेक्स्ट ने बनारस की रोडवेज बसों का भी रियलिटी चेक किया तो पता लगा किसी भी हादसे को रोकने के लिए रोडवेज के इंतजाम नाकाफी हैं। सच कहें तो इन बसों में सवारी जान पर भारी पड़ सकती है। वो क्यों? जानें अंदर के पेज पर।

-कैंट रोडवेज बस स्टेशन से गुजरने वाली हर बसेज में है खतरा, किसी भी बस में नहीं है आग से निबटने के इंतजाम

-<रोडवेज की सवारी, जान पर भारी

हाल ही में अमेठी में रोडवेज बस में हुए भयंकर हादसे में नौ लोगों की जानें चली गई। ये हादसा उतना जानलेवा न होता, अगर बस में आग से निपटने के इंतजाम होते। आई नेक्स्ट ने बनारस की रोडवेज बसों का भी रियलिटी चेक किया तो पता लगा किसी भी हादसे को रोकने के लिए रोडवेज के इंतजाम नाकाफी हैं। सच कहें तो इन बसों में सवारी जान पर भारी पड़ सकती है। वो क्यों? जानें अंदर के पेज पर।

-कैंट रोडवेज बस स्टेशन से गुजरने वाली हर बसेज में है खतरा, किसी भी बस में नहीं है आग से निबटने के इंतजाम

-i nexti next के रियलिटी चेक में खुलकर आया रोडवेज का गड़बड़ झाला

< के रियलिटी चेक में खुलकर आया रोडवेज का गड़बड़ झाला

VARANASI:

VARANASI:

सीन-वन

कैंट रोडवेज बस स्टेशन पर रोडवेज बस नंबर यूपी-म्भ् सीटी क्8ब्ब् सोनभद्र रवाना होने के लिए खड़ी थी। पैसेंजर्स के आने का सिलसिला भी लगातार जारी था, तभी आई नेक्स्ट टीम बस में राहत-बचाव के लिए अवेलेबल संसाधनों की टोह लेने के लिए पहुंची। बस में तीन केजी का एक फायर इंस्टिंग्विशर था, वह भी ऐसा था कि मानों सदियों से उसका रिनुअल नहीं कराया गया हो, जबकि फ‌र्स्ट ऐड के लिए भी बस में कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं थी।

सीन-टू

गोरखपुर जाने के लिए खड़ी रोडवेज बस नंबर यूपी-म्भ् बीटी 89भ्0 में जब आई नेक्स्ट टीम पहुंची तो यहां बहुत ही गड़बड़झाला देखने को मिला। फायर इंस्टिंग्विशर तो जरूर था लेकिन उसकी डेट ही एक्सपायर हो चुकी थी। यहीं नहीं, प्राथमिक उपचार का बॉक्स भी खाली था।

सीन-थ्री

वाराणसी-आजमगढ़ रूट की बस नंबर यूपी म्भ् एटी 9म्क्म् में जब आई नेक्स्ट टीम पहुंची तो यहां सब कुछ गोलमाल रहा। ना फायर इंस्टिंग्विशर था और न ही फ‌र्स्ट ऐड बॉक्स देखने को मिला। बस का हाल ऐसा था वायरिंग भी बाहर से टैम्परेरली की गई थी। जो कभी भी शॉर्ट सर्किट से बड़े हादसे को न्योता दे सकता है।

सीन-फोर

नई नवेली रोडवेज की लोहिया वाहिनी बसेज का हाल भी बेहाल हो चुका है। गाजीपुर रूट के बसेज में फायर इंस्टिंग्विशर नदारद है। जबकि प्राथमिक उपचार का किट भी बस में अवेलेबल नहीं है।

बचाव के हर रास्ते है लॉक

ऊपर दिये गये महज ये चार सीन यह बताने के लिए काफी है कि आप रोडवेज की बसेज में बिल्कुल भी सेफ नहीं है। रोडवेज की लगभग चार सौ बसेज की कंडीशन सेम टू सेम ऊपर दिये गए उन चार बसेज की तरह हो चुकी है। जिनमें बचाव के हर रास्ते बिल्कुल लॉक हो चुके है। भगवान न करें फिर कभी अमेठी जैसा दिल दहला देने वाला हादसा हो। लेकिन उसके लिए रोडवेज को अलर्ट रहने की जरूरत है। सिर्फ कागजी आदेश तक ही सीमित नहीं रहना होगा। हेडक्वॉर्टर से बहुत पहले से ही ऑर्डर है कि बसेज में फायर इंस्टिंग्विशर अपडेट होने चाहिए।

बस स्टेशन पर है 'बड़ा धमाका'

ऐसा नहीं है कि सफर में ही पैसेंजर अनसेफ हैं। यहां तो रोडवेज बस स्टेशन पर भी पैसेंजर्स बिल्कुल अनसेफ है। रोडवेज बस स्टेशन पर संचालित फूड स्टाल्स पर घरेलू सिलिंडर यूज किया जा रहा है। जबकि फूड स्टाल्स पर कामर्शियल सिलिंडर यूज करने का रूल है फिर भी मानक की अनदेखी कर घरेलू गैस सिलिंडर बस स्टेशन परिसर में यूज किया जा रहा है। इसकी खबर लगभग सभी अधिकारियों को भी है।

बसेज में आग से बचने के हर संसाधन होने चाहिए। प्राथमिक उपचार के लिए दवा मरहम पट्टी भी बसेज में होनी चाहिए। लेकिन आज तक सफर में ऐसे संसाधन नहीं देखने को मिले।

वीर सिंह राणा, पैसेंजर

यहां भी अमेठी की तरह कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। बसेज में बचाव के लिए कुछ भी इंतजाम नहीं है।

विनय कुमार, पैसेंजर

बसेज में कुछ भी अवेलेबल नहीं है। 'अपनी सुरक्षा स्वंय करें' स्लोगन रोडवेज की जर्नी में फिट बैठती है।

भगवान सिंह, पैसेंजर

रोडवेज के व्हाट्सअप नंबर पर कई कम्पलेन की गई लेकिन उसका अभी तक कोई रिस्पॉन्स नहीं मिला। हर सुविधा यहां बेपटरी है।

संजय तिवारी, पैसेंजर

बसेज को दुरुस्त कराया जा रहा है। फायर इंस्टिंग्विशर को अपडेट कराया जा रहा है। बहुत जल्द सभी बसेज में यह लगवा दिया जाएगा।

पीके तिवारी

आरएम रोडवेज

स्कैनर लगाने का आया आदेश

अमेठी की घटना को देखते हुए रोडवेज से कोरियर, पार्सल करने वाली कार्गो कंपनी को भी दिशा निर्देश दिया गया है। कार्गो कंपनी को स्टेशन परिसर में वेइंग मशीन और स्कैनर लगाने का आदेश जारी किया गया है। ताकि कोई भी ज्वलनशील पदार्थ बसेज में पार्सल के थ्रू नहीं भेजी जा सके। वहीं ड्राइवर्स व कंडक्टर्स को भी सख्त हिदायत दी गई है कि यदि किसी बस में गैस सिलिंडर, केरोसिन, पेट्रोल-डीजल आदि ज्वलनशील पदार्थ मिला तो तुरंत उनकी छुट्टी कर दी जाएगी।