-क्षेत्रीय प्रबंधक पर कार्रवाई से कैंट रोडवेज बस स्टेशन में मचा हड़कंप, हेडक्वार्टर से हुए अटैच

-शीर्ष अफसरों की अनदेखी, घाटे में दौड़ रही बसों का दिया गया हवाला

हेडक्वार्टर के आदेशों की अनदेखी, घाटे में दौड़ी रही बसों सहित कई खामियां मिलने पर परिवहन निगम के एमडी पी। गुरु प्रसाद ने रोडवेज बस स्टेशन कैंट के रीजनल मैनेजर पीके तिवारी को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया है। उन्होंने आरएम को हेडक्वार्टर से अटैच करते हुए जांच के आदेश दिए हैं। सालों से जमे आरएम के निलंबन पर विभाग में हड़कंप मचा तो वहीं कुछ की बांछें खिल गई। उनके पास बनारस, जौनपुर, चंदौली, गाजीपुर, भदोही, सोनभद्र, विंध्य क्षेत्र और सिटी का जिम्मा था। करीब छह वर्ष पूर्व इलाहाबाद से बनारस आरएम पद पर आए थे। उन पर एक विशेष वर्ग के कर्मचारी पर दया दृष्टि दिखाने का आरोप लंबे समय से लग रहा था। आखिरकार निलंबन का कारण भी यही बना।

सर्किट हाउस में लिखी गई पटकथा

मकर संक्रांति पर बनारस दौरे पर आए परिवहन मंत्री स्वतंत्र देव सिंह से कुछ कर्मचारियों ने सर्किट हाउस में आरएम की शिकायत की थी। मौजूद सैयदराजा विधायक के सामने आरएम पर आरोप लगा था कि उन्होंने एक मृतक आश्रित के दो बेटों को नौकरी दी थी, सोर्स बताते हैं कि उस समय आरएम के कुछ सहयोगियों ने शिकायत करने वाले कर्मचारियों से अभद्रता भी की थी। जिस पर मंत्री ने नाराजगी जताते हुए जांच बैठाई थी। आरएम के निलंबन को इस घटना से भी जोड़कर देखा जा रहा है।

आरएम पर इतने आरोप लगे

प्रबंध निदेशक पी। गुरु प्रसाद ने निलंबन आदेश में संविदा चालकों और परिचालकों पर नियंत्रण नहीं होने, काशी में कैंटीन व जनरल मर्चेट ठेके में अनियमितता, ठेकेदार द्वारा परिसर की बाउंड्री गिराने व निर्माण कराने में निजी हित में सहभागिता निभाने, ठेकेदार द्वारा निगम परिसर में गलत तरीके से निर्माण करने पर कार्रवाई नहीं करने, बसों में चेकिंग नहीं कराने समेत विभिन्न आरोप मिलने पर कार्रवाई की है। आरएम के निलंबन की जानकारी होते ही निगम कर्मी अवाक रह गए। एक-दूसरे से फोन करके निलंबन के बारे में जानकारी लेते रहे।